जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस बार गहलोत ने कोविड-19 से उत्पन्न स्थितियों के दौरान प्रदेश में चल रहे बचाव कार्यों की तरफ पीएम मोदी का ध्यानाकर्षित किया है. साथ ही कोविड-19 को लेकर प्रधानमंत्री के द्वारा प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से वीसी के जरिए जल्द ही संवाद करने का आग्रह किया है. इस पत्र में यह भी विश्वास जताया गया कि आपसी सहयोग एवं समन्वय से हम इस चुनौती पर विजय प्राप्त कर पाएंगे.
सीएम गहलोत का कहना था कि जैसा कि सर्व विदित है कि कोविड-19 महामारी से देश की लड़ाई निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है. सभी राज्यों ने अपनी पूर्ण शक्ति, सार्मथ्य एवं संसाधनों से कोविड-19 महामारी के फैलाव को रोकने का प्रयास किया है. साथ ही इस महामारी से जनित आर्थिक मंदी में अपने जीविकोपार्जन के साधन खो चुके जरूरतमंदों को आर्थिक संबल भी प्रदान किया है. ऐसे कठिन एवं चुनौतीपूर्ण समय में जब हम सबका सामना एक विकराल आपदा से हो रहा है. इस बीच पीएम द्वारा पिछले कुछ महीनों में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सार्थक संवाद किया गया, जो प्रशंसनीय है.
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इसके साथ ही उनका कहना था कि सहयोगी संघवाद के आदर्शों के अनुरूप होने के साथ-साथ ऐसे संवादों से परस्पर ज्ञान का आदान-प्रदान, विभिन्न राज्यों में अपनाई जा रही बेहतर रणनीति की जानकारी एवं आपसी समन्वय स्थापित करने में सहायता होती है. राजस्थान में उनके द्वारा कोविड-19 महामारी के प्रबंधन का सघन पर्यवेक्षण किया जा रहा है. गहलोत ने लिखा कि वे पीएम की जानकारी में लाना चाहेंगे कि जहां राजस्थान में 17 जून तक राज्य में जांच हेतु एकत्रित कुल नमूने 6 लाख 37 हजार थे, जो दिनांक 1 अगस्त को बढ़कर 15 लाख 26 हजार हो चुके हैं.
राजस्थान में राज्य सरकार के प्रयासों से संक्रमित व्यक्तियों की दर 17 जून को 2.12 प्रतिशत थी, जो 1 अगस्त को 2.79 प्रतिशत तक सीमित किया गया है. इन संक्रमित व्यक्तियों में से ठीक होने की दर प्रदेश में 1 अगस्त तक 77.29 प्रतिशत रही है. साथ ही गहलोत का कहना था कि हम संक्रमितों की मृत्यु दर को भी कम करने के लिए निरन्तर प्रयासरत हैं. कोविड-19 महामारी से संक्रमित व्यक्तियों की मृत्यु दर राजस्थान में 17 जून को 2.31 से घटकर 1 अगस्त को 1.62 प्रतिशत हो गई है.
गहलोत ने पीएम का ध्यानाकर्षित करते हुए पत्र में लिखा कि 17 जून को राज्य में उपलब्ध प्रतिदिन जांच क्षमता को 22 हजार से बढ़ाते हुए हमने 1 अगस्त को 45 हजार कर लिया है. इसके लिए सैंपल कलेक्शन की संख्या भी 13 हजार से बढ़कर 28 हजार प्रतिदिन हो गई है. साथ ही हमने प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से भी कोविड-19 की उपचार पद्धति को सुदृढ़ किया है.