जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को अपने बजट भाषण के रिप्लाई में (CM Gehlot reply to the budget speech) सदन को आश्वस्त किया कि जो बजट घोषणा उन्होंने की है उन्हें हर हाल में पूरा किया जाएगा. गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने 15 से 20 बार अपने अभिभाषण में यह कहा की बजट को पूरा करने के लिए पैसा कहां से आएगा?. जबकि यह चिंता तो हमें होनी चाहिए.
गहलोत ने कहा कि यह बजट 45000 सुझाव के समुंद्र मंथन के द्वारा बनाया गया है. उन्होंने कहा कि मैं 9 वी बार बजट पेश कर रहा हूं और हर हाल में बजट घोषणाएं पूरी होंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में जो 500 घोषणाएं हुई हैं. उनमें से सात प्रमुख घोषणाओं को पूरी करने के लिए स्वीकृति प्रक्रिया भी जारी हो चुकी है.
राजस्थान की इकोनॉमी को बनाऊंगा 15 लाख करोड़ की
बजट पर अपने जवाब में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार की ओर से राज्यों के मदों में की जा रही कटौती की भी बात कही . उन्होंने कहा की 14 वें फाइनेंस कमीशन के हिसाब से राज्यों को जो 41 परसेंट मिलता था. वह 30 फीसदी भी मुश्किल से मिल रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमें पिछली बार 15,000 करोड़ रुपए केंद्र की ओर से कम मिले और इस बार 19000 करोड़ रुपए कम मिलने का अनुमान है.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मोदी देश की इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन करने की बात करते थे, लेकिन मैं राजस्थान की इकोनॉमी को 15 लाख करोड़ तक जरूर ले जाऊंगा. उन्होंने सदन को विश्वास दिलाया कि सरकार एक बार भी ओवरड्राइव नहीं हुई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा की फिजिकल डेफिसिट हो या अन्य पैरामीटर राजस्थान भारत सरकार से हर पैरामीटर में आगे है.
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केंद्र भी लागू करे ओल्ड पेंशन स्कीम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वह केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि वह भी राजस्थान सरकार की तरह हर देशवासी का 10 लाख का बीमा करें. साथ ही उन्होंने कहा भले ही केंद्र सरकार इंदिरा गांधी के नाम पर शहरी रोजगार गारंटी योजना चालू न करे. लेकिन शहरी रोजगार गारंटी योजना जरूर लागे करे.
वहीं ओल्ड पेंशन स्कीम को भी वापस केंद्र सरकार देश के सभी कर्मचारियों के लिए लागू करे. उन्होंने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए चाहे हुमन राइट हो या फिर जुडिशल कमिशन सभी इनकार कर रहे हैं तो वहीं केंद्र ने आर्मी और एयरफोर्स को भी उस से बाहर रखा है. ऐसे में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए यह पेंशन स्कीम लागू करने की बात कही.
इतिहास याद करके ही बनाया जा सकता है नया इतिहास
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से कहा कि हमने नई पेंशन का कदम सोच-समझकर उठाया है. जिससे कर्मचारियों को सिक्योरिटी मिल सके. अगर हम ऐसे ही चिंता करते रहेंगे तो कोई फैसला नहीं कर पाएंगे. भविष्य में कौन रहेगा कौन नहीं यह निर्णय करने और सोचने से इतिहास नहीं बनता. गहलोत ने कहा कि इतिहास बनाना सीखना चाहिए और इतिहास तभी बनता है जब इतिहास को याद रखा जाता है. इतिहास को भुलाने वाला कभी इतिहास नहीं बना सकता.
गहलोत ने केंद्र के अधिकारी पर भी हमला करते हुए कहा कि एक राजस्थान के आईएएस जो केंद्र में हैं उन्होंने ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कुछ कहा है. लेकिन अगर वह खुद 2004 के बाद की पेंशन स्कीम में होते तो उनको पता चलता कि पुरानी पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम में क्या फर्क है?.
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इसीलिए हमने 9600 करोड रुपए का किया इंतजाम
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विपक्ष के सभी विधायकों से यह अपील की कि वह केंद्र सरकार से राजस्थान की ईआरसीपी योजना को राष्ट्रीय योजना घोषित करवाने में सहायता करें. उन्होंने कहा कि वह चाहे तो हम लोग भी उनके साथ जाकर प्रधानमंत्री से मिल सकते हैं. जिससे प्रदेश के 13 जिलों को पानी मिले. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की 40,000 करोड़ की योजनाओं को केंद्र सरकार लागू कर सकती है तो फिर हमारी इआरसीपी योजना को क्यों लागू नहीं किया जा रहा है?.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस बजट में उन्होंने इआरसीपी के लिए 9600 करोड़ रुपए का इंतजाम इसलिए किया है ताकि यह परियोजना भी कहीं रिफाइनरी की तरह 40,000 करोड़ से बढ़कर 72,000 करोड़ की न हो जाए.
प्रदेश में पहली बार होगी तीन लाख भर्तियांः अशोक गहलोत ने सरकारी नौकरियों को लेकर कहा कि प्रदेश में वह एक लाख भर्ती कर चुके हैं. एक लाख भर्तियां प्रोसेस में हैं. गहलोत ने कहा कि राजस्थान में पहली बार तीन लाख भर्तियां होगी.
सतीश पूनिया को कहा अच्छा हुआ माफी मांग ली काली दुल्हन के बयान परः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पर तो तीखे प्रहार किए ही, साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को लेकर कहा कि भाजपा के पास इस बजट को लेकर कहने को कुछ नहीं था. यही कारण था कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने काली दुल्हन जैसा बयान दिया. लेकिन यह अच्छी बात है कि इन्होंने बाद में माफी मांग ली. लेकिन ऐसा इन्होंने इसी कारण से कहा क्योंकि इनके पास बजट के विरोध में बोलने को कुछ नहीं था.