जयपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में संगठित रूप से चलाए जा रहे अपराधों में लिप्त माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. सीएम गहलोत ने इसके लिए अभियान चलाने और जिला स्तर पर विशेष टीमें गठित करने के गृह विभाग और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
गहलोत ने पुलिस और गृह विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि सरकार किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं करेगी और अधिकारी काम करके दिखाएं. उन्होंने संगठित माफिया पर शिकंजा कसने के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और सीआईडी को सुदृढ़ करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए विशेष टीमें गठित कर इन टीमों में शामिल पुलिस अधिकारियों और कांस्टेबलों को अलग से प्रशिक्षण दिया जाए.
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बैठक में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि जिला स्तर पर एसओजी की इकाईयां गठित की जा रही है. उन्होंने कहा कि हर इकाई का प्रभारी एक इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी होगा. इसके अलावा सीआईडी क्राइम ब्रांच को भी मजबूत बनाया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के पूर्व में दिए गए निर्देशों की अनुपालना में एसओजी में ‘स्पेशल फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन यूनिट’ और ‘साइबर क्राइम इन्वेस्टीगेशन यूनिट’ का गठन किया जा चुका है.
पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र यादव ने बताया कि प्रदेश में भूमाफिया, बजरी माफिया, मानव तस्करी माफिया, मिलावटखोर माफिया, भर्ती और कोचिंग माफिया, नकली दवा सप्लाई माफिया, फर्जी बीमा गिरोह और सीमांत क्षेत्रों में पशुधन चोरी माफिया सक्रिय हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से ब्लैकमेल करने वाले और फर्जी मुकदमा दर्ज करवाकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह भी सक्रिय हैं.
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मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए कि इस संबंध में विभिन्न रेंज के प्रभारी एडीजी, रेंज आईजी और जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक साथ ही वीडियो कॉफ्रेंसिंग कर जमीनी स्तर पर कार्ययोजना बनाएं और प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि इसमें पुलिस अथवा अन्य किसी सरकारी विभाग के अधिकारी की संलिप्तता सामने आए तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जरूरत पड़े तो निलंबन और बर्खास्तगी जैसे कदम भी उठाये जाए. बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र यादव, एडीजी (क्राइम) बीएल सोनी, एडीजी (एसओजी) अनिल पालीवाल उपस्थित रहे.