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CM गहलोत की केंद्र सरकार से मांग, Lumpy Skin Disease को राष्ट्रीय आपदा घोषित करें

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गोवंश में फैल रही लंपी स्किन डिजीज को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग केंद्र सरकार से की है. इसमें प्रदेश के भाजपा नेताओं से मदद का आग्रह किया है. रविवार को मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस रोग पर हुए संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा घोषित करने पर देश और प्रदेश के पशुपालकों को ज्यादा राहत मिल पाएगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
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Published : Aug 28, 2022, 3:35 PM IST

Updated : Aug 28, 2022, 3:45 PM IST

जयपुर. लंपी स्किन रोग को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे केंद्र सरकार, पूनिया-कटारिया केंद्र तक पहुंचाएं मैसेज. ये बातें रविवार को मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए (Lumpy Skin Disease in Rajasthan) इस रोग पर हुए संवाद के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कही. इस दौरान लंपी स्किन रोग के साथ ही राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल और प्रदेश में बाढ़ ग्रस्त इलाकों के हालातों और इससे प्रभावित लोगों को सहायता पहुंचाने से जुड़े मसले पर भी चर्चा हुई.

संवाद में मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेश सरकार के कई मंत्री विधायक जिला कलेक्टर मुख्य सचिव के साथ ही पंच-सरपंच से लेकर भाजपा से जुड़े प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया समेत कई जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस संकट से हमें राजनीति से हटकर (Lumpy Skin Disease as a National Disaster) मिलकर एक साथ काम करना होगा, ताकि प्रदेश के प्रभावित पशुपालकों और आम लोगों को राहत मिल सके. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने भाजपा नेता सतीश पूनिया और गुलाबचंद कटारिया से भी आग्रह किया कि वे यह मैसेज केंद्र सरकार तक पहुंचाएं और इस रोक को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराएं.

गहलोत और पूनिया ने क्या कहा, सुनिए

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश में बाढ़ के जो हालात कुछ जिलों में बने हैं, उसके लिए भी भाजपा के नेताओं को केंद्र में प्रयास करना चाहिए ताकि प्रदेश को केंद्र के स्तर पर अधिक सहायता मिल सके. हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि 75 सालों के बाद इतनी अधिक बरसात राजस्थान में हुई है. उन्होंने कहा सामान्य से 37% अधिक बरसात होने के बावजूद प्रदेश में कोई कैजुअल्टी नहीं हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान देश में आवारा पशुओं से जुड़ी समस्या पर भी सुझाव आए. गहलोत ने कहा कि हमने प्रदेश में गौशालाओं के विकास में धन की कोई कमी नहीं आने दी. यही कारण है कि हमने हर ग्राम पंचायत स्तर पर नंदी गौशाला खोलने की घोषणा की, लेकिन बजट के बावजूद ज्यादा लोग या संगठन इसमें आगे नहीं आए. गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने गौशालाओं में 6 माह का अनुदान को बढ़ाकर 9 महीने का किया.

ग्रामीण ओलंपिक खेल में सब हों एकजुट, नहीं करें राजनीति : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक खेलों में आज 225000 से अधिक आवेदन आ चुके हैं. 3000000 से अधिक लोग इस खेल महाकुंभ में जुड़ चुके हैं. गहलोत ने कहा जिस तरह राजस्थान विधानसभा में 'क्रिकेट मैच' का भी आयोजन होता है, जिसमें सभी पार्टियों के विधायक आपस में मिलकर एक टीम बनाते हैं और ब्यूरोक्रेट्स व पत्रकारों की टीम से खेलते हैं उसी तरह प्रदेश में होने जा रहे इस महाआयोजन में भी राजनीति से अलग हटकर हम सब एकजुट होकर जुड़ें.

पढ़ें : लंपी स्किन डिजीज, भैंसों में भी दिखा संक्रमण, बिना टेंडर होगी दवाइयों की खरीद

फिर कहा- प्रधानमंत्री करें देश में शांति की अपील : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि इस ग्रामीण ओलंपिक खेल के जरिए हम प्रदेश में प्रेम सद्भावना का मैसेज दे रहे हैं और इसी प्रकार का माहौल भी राजस्थान में बन रहा है. लेकिन करौली और उदयपुर जैसी कई घटनाएं हो जाती हैं. गहलोत ने कहा कि मैंने तो पूर्व में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से आग्रह किया था कि वह देश में शांति और सद्भावना की अपील करें.

पूनिया और कटारिया ने रखी यह बात : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी जुड़े. उन्होंने भी कई सुझाव दिए. सतीश पूनिया ने जहां पशुपालन विभाग में पशुधन सहायक और चिकित्सा अधिकारियों की कमी को जल्द पूरा करने की मांग की तो वहीं मौजूदा महामारी से प्रभावित पशुपालकों और गौशालाओं को और अधिक आर्थिक संबल देने का आग्रह भी राज्य सरकार से किया.

सतीश पूनिया ने कहा कि पशुओं के निस्तारण की भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए. वहीं, इस रोग के चलते जो पशु मेले नहीं हो पाए उनकी क्या वैकल्पिक व्यवस्था है इस बारे में भी सोचना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इस लंपी रोग से जो गोवंश मारा गया है, उसके निस्तारण को सही तरीके से करना चाहिए. इस रोग को रोकने के लिए अभियान चलाकर टीकाकरण करना चाहिए. इस दौरान कृषि व पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और आपदा राहत मंत्री समेत कई अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने विचार रखे.

जयपुर. लंपी स्किन रोग को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे केंद्र सरकार, पूनिया-कटारिया केंद्र तक पहुंचाएं मैसेज. ये बातें रविवार को मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए (Lumpy Skin Disease in Rajasthan) इस रोग पर हुए संवाद के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कही. इस दौरान लंपी स्किन रोग के साथ ही राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल और प्रदेश में बाढ़ ग्रस्त इलाकों के हालातों और इससे प्रभावित लोगों को सहायता पहुंचाने से जुड़े मसले पर भी चर्चा हुई.

संवाद में मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेश सरकार के कई मंत्री विधायक जिला कलेक्टर मुख्य सचिव के साथ ही पंच-सरपंच से लेकर भाजपा से जुड़े प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया समेत कई जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस संकट से हमें राजनीति से हटकर (Lumpy Skin Disease as a National Disaster) मिलकर एक साथ काम करना होगा, ताकि प्रदेश के प्रभावित पशुपालकों और आम लोगों को राहत मिल सके. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने भाजपा नेता सतीश पूनिया और गुलाबचंद कटारिया से भी आग्रह किया कि वे यह मैसेज केंद्र सरकार तक पहुंचाएं और इस रोक को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराएं.

गहलोत और पूनिया ने क्या कहा, सुनिए

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश में बाढ़ के जो हालात कुछ जिलों में बने हैं, उसके लिए भी भाजपा के नेताओं को केंद्र में प्रयास करना चाहिए ताकि प्रदेश को केंद्र के स्तर पर अधिक सहायता मिल सके. हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि 75 सालों के बाद इतनी अधिक बरसात राजस्थान में हुई है. उन्होंने कहा सामान्य से 37% अधिक बरसात होने के बावजूद प्रदेश में कोई कैजुअल्टी नहीं हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान देश में आवारा पशुओं से जुड़ी समस्या पर भी सुझाव आए. गहलोत ने कहा कि हमने प्रदेश में गौशालाओं के विकास में धन की कोई कमी नहीं आने दी. यही कारण है कि हमने हर ग्राम पंचायत स्तर पर नंदी गौशाला खोलने की घोषणा की, लेकिन बजट के बावजूद ज्यादा लोग या संगठन इसमें आगे नहीं आए. गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने गौशालाओं में 6 माह का अनुदान को बढ़ाकर 9 महीने का किया.

ग्रामीण ओलंपिक खेल में सब हों एकजुट, नहीं करें राजनीति : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक खेलों में आज 225000 से अधिक आवेदन आ चुके हैं. 3000000 से अधिक लोग इस खेल महाकुंभ में जुड़ चुके हैं. गहलोत ने कहा जिस तरह राजस्थान विधानसभा में 'क्रिकेट मैच' का भी आयोजन होता है, जिसमें सभी पार्टियों के विधायक आपस में मिलकर एक टीम बनाते हैं और ब्यूरोक्रेट्स व पत्रकारों की टीम से खेलते हैं उसी तरह प्रदेश में होने जा रहे इस महाआयोजन में भी राजनीति से अलग हटकर हम सब एकजुट होकर जुड़ें.

पढ़ें : लंपी स्किन डिजीज, भैंसों में भी दिखा संक्रमण, बिना टेंडर होगी दवाइयों की खरीद

फिर कहा- प्रधानमंत्री करें देश में शांति की अपील : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि इस ग्रामीण ओलंपिक खेल के जरिए हम प्रदेश में प्रेम सद्भावना का मैसेज दे रहे हैं और इसी प्रकार का माहौल भी राजस्थान में बन रहा है. लेकिन करौली और उदयपुर जैसी कई घटनाएं हो जाती हैं. गहलोत ने कहा कि मैंने तो पूर्व में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से आग्रह किया था कि वह देश में शांति और सद्भावना की अपील करें.

पूनिया और कटारिया ने रखी यह बात : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी जुड़े. उन्होंने भी कई सुझाव दिए. सतीश पूनिया ने जहां पशुपालन विभाग में पशुधन सहायक और चिकित्सा अधिकारियों की कमी को जल्द पूरा करने की मांग की तो वहीं मौजूदा महामारी से प्रभावित पशुपालकों और गौशालाओं को और अधिक आर्थिक संबल देने का आग्रह भी राज्य सरकार से किया.

सतीश पूनिया ने कहा कि पशुओं के निस्तारण की भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए. वहीं, इस रोग के चलते जो पशु मेले नहीं हो पाए उनकी क्या वैकल्पिक व्यवस्था है इस बारे में भी सोचना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इस लंपी रोग से जो गोवंश मारा गया है, उसके निस्तारण को सही तरीके से करना चाहिए. इस रोग को रोकने के लिए अभियान चलाकर टीकाकरण करना चाहिए. इस दौरान कृषि व पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और आपदा राहत मंत्री समेत कई अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने विचार रखे.

Last Updated : Aug 28, 2022, 3:45 PM IST
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