जयपुर. राम मंदिर जमीन खरीदने में हुए कथित घोटाले के आरोपों पर सीएम गहलोत ने जांच की मांग की है. सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान की जनता ने आस्था के साथ राम मंदिर निर्माण में देशभर में सर्वाधिक योगदान दिया था, लेकिन निर्माण कार्य की शुरुआत में ही चंदे के गबन की खबरों से आमजन की आस्था पर चोट पहुंची है, कोई विश्वास नहीं कर पा रहा है कि मिनटों में कैसे जमीन का दाम 2 करोड़ रुपये से 18 करोड़ रुपये हो गया. अगर आरोप लग रहे हैं तो केन्द्र सरकार (Central Government) को निष्पक्ष जांच करानी चाहिए.
सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश के बंशी पहाड़पुर से अवैध खनन कर गुलाबी पत्थर राम मंदिर के लिए भेजा जा रहा था. हमने प्रयास किया कि इस पावन कार्य में अवैध तरीके से निकाला गया पत्थर न जाए, इसलिए हमने प्रयास कर यहां हो रहे पत्थर खनन के कार्य को भारत सरकार से लीगल तरीके से वैधता दिलवाई, जिसका हमें संतोष है.
'देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था आहत'
गहलोत ने कहा कि इस पावन कार्य में मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट की ओर से ही आर्थिक हेर-फेर की अनैतिक गतिविधियों से देशभर के श्रद्धालु बेहद आहत हैं. कोई सोच नहीं सकता था कि मन्दिर निर्माण जैसे पवित्र काम में भी लोग घोटाले करने लगेंगे. केन्द्र सरकार को अविलंब इस मामले की जांच करवानी चाहिए, जिससे लोगों की आस्था और विश्वास बना रहे. साथ ही देशवासियों की आस्था के साथ खिलवाड़ के दोषियों को सजा मिल सके.
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समाजवादी पार्टी के विधायक ने कथित घोटाले का लगाया आरोप
बता दें, अयोध्या में राम जन्मभूमि ट्रस्ट की तरफ से खरीदी गई जमीन में कथित घोटाले का आरोप लगा है. आरोप आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह और अयोध्या के पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी नेता पवन पांडे ने लगाया है. हालांकि, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.