जयपुर. कोरोना संकट के बीच घर लौट आए प्रवासी मजदूरों के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार एवं जीविका के साधन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने 'गरीब कल्याण रोजगार' अभियान का शुभारंभ किया है. दरअसल, राजस्थान में भी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान लौटकर आये हैं.
ऐसे में इन प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध है कि मनरेगा के तहत प्रति परिवार उपलब्ध कराये जाने वाले रोजगार की सीमा 100 दिन से बढ़ाकर 200 दिन की जाए. इससे अतिरिक्त 100 मानव दिवस सृजित होने का लाभ राज्य के 70 लाख ग्रामीण परिवारों को मिलेगा. ये बात सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को भेजे गए पत्र में कही.
उन्होंने पत्र में लिखा कि कोविड-19 महामारी से लाखों लोगों के रोजगार पर विपरित असर पड़ा है. संकट के घड़ी में महात्मा गांधी नरेगा योजना से ना केवल समाज के वंचित और पिछड़े तबकों को रोजगार मिला है. बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी इस योजना ने संबल प्रदान किया है. इस दौरान घर लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए राजस्थान सरकार ने बड़ी संख्या में मनरेगा के तहत जॉब कार्ड जारी किए हैं.
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उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में 50 लाख से अधिक मनरेगा के तहत नियोजित हैं. इनमें से अधिकतर ग्रामीण परिवारों के 100 दिन के रोजगार की पात्रता आने वाले महीने में पूरी हो जाएगी. सीएम ने मनरेगा में कराए जाने वाले कार्यों की सामग्री मद की सम्पूर्ण राशि (राज्य की हिस्सा राशि सहित) केंद्र सरकार की ओर से वहन किए जाने का भी अनुरोध किया. ताकि गरीब कल्याण रोजगार अभियान को धरातल पर यथार्थ रूप से क्रियान्वित किया जा सके.
पीएम को लिखे पत्र में गहलोत ने राज्य के 3 लाख 57 हजार 258 असहाय परिवारों को 2 महीने के लिए निशुल्क प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं एवं प्रति परिवार एक किलो चना आवंटित कराने का भी आग्रह किया है. वहीं, पीएम ने इस अभियान का शुभारंभ वीसी के जरिए बिहार के खगड़िया जिले के तेलिहार गांव में निर्माण कार्यों के साथ किया. सीएम गहलोत एवं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मुख्यमंत्री निवास से वीसी के माध्यम से शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए.
छह राज्यों के 116 जिलों का चयन
इस अभियान के तहत राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड़ एवं उड़ीसा के 116 जिलों का चयन किया गया है. जहां 25 हजार से अधिक प्रवासी मजदूर हैं. इन जिलों में 125 दिन में पूरे किए जा सकने वाले 25 कार्य चिंहित किए गए हैं. कोरोना संकट के बीच इन छह राज्यों में अपेक्षाकृत अधिक संख्या में प्रवासी मजदूर लौटकर आए हैं. उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना इस अभियान का उद्देश्य है.
राजस्थान के 22 जिले शामिल
अभियान में राजस्थान के 22 जिले पाली, उदयपुर, जालोर, सिरोही, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, राजसमंद, चितौड़गढ़, अजमेर, भीलवाड़ा, जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर, नागौर, सीकर, अलवर, करौली, भरतपुर, हनुमानगढ़, झुंझुनू, चूरू एवं जयपुर शामिल किए गए हैं.