जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पूर्व सैनिक कोरोना जागरूकता का संदेश गांव-ढाणी तक पहुंचाए और आमजन को बचाव के उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि बचाव ही उपाय है, ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि कोरोना संक्रमण को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतें.
सीएम गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पूर्व सैनिकाें के साथ संवाद कर रहे थे. उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि भीड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें, आपस में दूरी बनाए रखें, मास्क पहनें और बार-बार हाथ धोने सहित हेल्थ प्रोटोकॉल की पूरी तरह से पालना करें. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए ‘खुद का ख्याल खुद रखें’.
शहादत का जज्बा राजस्थान के हर घर में
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं उस प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं, जहां घर-घर में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए शहादत देने का जज्बा है. उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के समय राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश के शहीद सैनिकों के घर जाने का अवसर मिला, तब शहीदों के मां-बाप ने गर्व से कहा था कि वे अपने दूसरे बेटे को भी सीमाओं की रक्षा के लिए भेजेंगे. देश के लिए त्याग एवं समर्पण की यह भावना राजस्थान के हर घर में दिखाई देती है.
गहलोत ने कहा कि किसी भी संकट के समय फौजी सबसे पहले आगे आते हैं. कोरोना संक्रमण से हमारी जंग में भी पूर्व सैनिकों ने वॉलेंटियर के रूप में आगे आकर मदद की है. उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में पिछले तीन महीने से डॉक्टर, नर्सेज, पुलिस, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, ग्राम सचिव, पटवारी, प्रधान, सरपंच, वार्ड पंच, पार्षद एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही पूर्व सैनिकों ने भी आगे बढ़कर अपना योगदान दिया है. इसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं. हमारे पूर्व सैनिकों की हौसला अफजाई करने के लिए मैनें स्वयं उनसे बात करने की पहल की.
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पूर्व सैनिक कोरोना जागरूकता का संदेश गांव-ढाणी तक पहुंचाएं और आमजन को बचाव के उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करें। बचाव ही उपाय है ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि कोरोना संक्रमण को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतें। pic.twitter.com/gvMbpx9jnK
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— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 7, 2020
सभी पैरामीटर्स पर राजस्थान आगे
गहलोत ने कहा कि हमने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, धर्मगुरूओं, सामाजिक संगठनों सहित हर वर्ग का सहयोग लेकर उनके अनुभवों को ध्यान में रखते हुए त्वरित फैसले लिए और राजस्थान को कोरोना संक्रमण रोकने की इस लड़ाई में अग्रणी पायदान पर रखा. मृत्यु दर न्यूनतम रहने के साथ ही राजस्थान की रिकवरी रेट काफी बेहतर रही है. मरीजों की संख्या दोगुनी होने वाले दिनों के पैरामीटर पर भी हम आगे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लंबी लड़ाई के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है. किसी भी परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए राज्य सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत बनाया है. लॉकडाउन के दौरान गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को आर्थिक सहायता के साथ ही फ्री राशन उपलब्ध कराने में भी राज्य सरकार ने कोई कमी नहीं रखी.
हमारी क्षमता 41 हजार 450 टेस्ट प्रतिदिन हुई
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण की शुरूआत के दौर में प्रदेश में टेस्टिंग सुविधा नहीं थी, लेकिन आज हमारी क्षमता 41 हजार 450 टेस्ट प्रतिदिन की हो गई है. जिला अस्पतालों के साथ ही पीएचसी एवं सीएचसी स्तर पर आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के सहयोग से कोरोना से लड़ाई की इस मुहिम को मजबूती मिलेगी.
सैनिक कल्याण की दिशा में लिए कई महत्वपूर्ण फैसले
परिवहन एवं सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि प्रदेश में 1 लाख 92 हजार से अधिक पूर्व सैनिक एवं अधिकारी हैं, जो राज्य सरकार के कोरोना जागरूकता के संदेश को आमजन तक पहुंचाएंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में सैनिक कल्याण की दिशा में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. 14 फरवरी 2019 के बाद शहीद सैनिकों एवं अर्ध सैनिक बल के जवानों के परिजनों के लिए कारगिल पैकेज के तहत देय राशि 25 लाख से बढाकर 50 लाख रुपए की गई है.
खाचरियावास ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की विधवाओं की पेंशन राशि 4 हजार से बढ़ाकर 10 हजार की गई है. शहीद सैनिकों की आश्रित पत्नी, पुत्र, पुत्री एवं माता-पिता के पक्ष में भूमि हस्तांतरण पर स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क में पूर्ण छूट का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा राजस्थान एक्स-सर्विसमेन कॉर्पोरेशन के माध्यम से नियोजित पूर्व सैनिकों के पारिश्रमिक में 10 प्रतिशत की वृद्धि, शौर्य पदक धारकों को रोडवेज की बसों में निःशुल्क यात्रा, 49 शौर्य पदक धारकों को इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में भूमि आवंटन जैसे फैसले राज्य सरकार ने लिए हैं.
सैनिक कल्याण राज्य मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि पूर्व सैनिकों की अपने क्षेत्र में एक अलग छवि और सम्मान होता है. ऐसे में कोरोना संक्रमण को लेकर जागरूकता का संदेश वे प्रभावी रूप से गांव-ढाणी में पहुंचा सकते हैं. निदेशक, सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर करण सिंह राठौड़ ने भरोसा दिलाया कि किसी भी आपदा के समय मदद के लिए तत्पर रहने वाले पूर्व सैनिक कोरोना के प्रति जागरूकता के सरकार के संदेश को आमजन तक पहुंचाने के लिए भी समर्पित होकर सहयोग करेंगे.
मुख्यमंत्री से संवाद ने बढ़ाया मनोबल
वीसी के दौरान पूर्व सैनिकों ने कहा कि पहली बार प्रदेश के किसी मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों के साथ सीधे संवाद की पहल की है. इससे उनका मनोबल बढ़ा है और वे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों में पूरी तरह से सहयोग करेंगे.
ये रहे मौजूद
वीसी के दौरान मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह, प्रमुख शासन सचिव सैनिक कल्याण आनन्द कुमार, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोड़ा, सूचना एवं जनसंपर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.