जयपुर. राजस्थान में लगातार राजनीतिक उठापटक चल रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार गिराने के षड्यंत्र के आरोप शनिवार दिन में लगाए, तो वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री 3:00 बजे से लगातार विधायकों और मंत्रियों से मिले. इसी बीच रात 9ः30 बजे अचानक मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को सीएम आवास पर बुलाया. हालांकि यह मंत्रियों की बैठक कहलाई जाएगी ना कि मंत्रिपरिषद की.
बता दें कि इससे पहले निर्दलीय विधायकों ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की. मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के बाद बाहर आए निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा और रामकेश मीणा ने कहा कि जिन 3 निर्दलीय विधायकों ने धोखा किया है, उनके साथ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. रामकेश मीणा ने कहा कि तीनों विधायक सरकार से काम करवा रहे थे और सरकार से ही धोखा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि यह आस्तीन के सांप निकले. तीनों निर्दलीय विधायक खुशवीर जोजावर, सुरेश टांक और ओम प्रकाश हुड़ला पर मीणा ने सख्त नाराजगी जताई है.
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इन तीन विधायकों को छोड़कर 10 निर्दलीय विधायकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की और उनके समर्थन में दोबारा पत्र भी लिखा, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उन्होंने समर्थन देने की बात कही है. वहीं जिस तरीके से मंत्रियों की बैठक बुलाई गई है, उससे कई तरीके की राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो रही है. इसी दौरान कैबिनेट विस्तार को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं.
हालांकि, मुख्यमंत्री ने शनिवार सुबह ही यह साफ किया है कि ना ही मंत्रिपरिषद की जो बैठक हो रही है, उसमें एजेंडा अभी तक नहीं आया है. लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि इसमें सभी मंत्री मुख्यमंत्री के लिए दोबारा समर्थन पत्र सौंपेंगे तो इसके साथ ही यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्रियों से इस्तीफे भी लिए जा सकते हैं.
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बता दें कि ऐसा हर मुख्यमंत्री करते हैं क्योंकि इससे कैबिनेट की कोई विस्तार में अड़चन ना आए. हालांकि अभी यह केवल कयास मात्र है क्योंकि सुबह ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यह साफ कर चुके हैं की कैबिनेट का विस्तार तभी होगा जब कांग्रेस आलाकमान चाहेगा.
यह मंत्री पहुंचे कैबिनेट की बैठक में
मुख्यमंत्री आवास पर मंत्री परिषद की बैठक शुरू हो चुकी है, जिसमें अब तक 11 मंत्री पहुंच चुके हैं. इसमें टीकाराम जूली, गोविंद सिंह डोटासरा, भंवर सिंह भाटी, ममता भूपेश, अशोक चांदना, परसादी लाल मीणा, प्रताप सिंह खाचरियावास, हरीश चौधरी, रघु शर्मा और शांति धारीवाल पहुंचे हैं. साथ ही अब नजर इस बात पर है कि क्या मंत्री रमेश मीणा, मंत्री विश्वेंद्र सिंह इस बैठक में आते हैं या नहीं. वहीं, डिप्टी सीएम सचिन पायलट पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं, ऐसे में उनके आने की संभावना नहीं के बराबर है.