जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को ट्वीट कर केंद्र सरकार को जमकर घेरा. गहलोत ने इलेक्टोरल बॉन्ड, जीएनसीटीडी एक्ट, नोटबंदी, पश्चिम बंगाल चुनावों को लेकर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आड़े हाथों लिया. अशोक गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार के अधिकार कम करने के लिए जीएनसीटीडी एक्ट पारित किया है. यह लोकतंत्र की हत्या है. यह एक चुनी हुई सरकार की शक्ति खत्म करना है जो लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है.
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मोदी सरकार द्वारा दिल्ली सरकार के अधिकार कम करने के लिए बनाया गया GNCTD एक्ट लोकतंत्र की हत्या है। यह एक चुनी हुई सरकार की शक्ति खत्म करना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में फैसला देते हुए चुनी हुई सरकार को ही दिल्ली का असली मुखिया बताया था।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 27, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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">मोदी सरकार द्वारा दिल्ली सरकार के अधिकार कम करने के लिए बनाया गया GNCTD एक्ट लोकतंत्र की हत्या है। यह एक चुनी हुई सरकार की शक्ति खत्म करना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में फैसला देते हुए चुनी हुई सरकार को ही दिल्ली का असली मुखिया बताया था।
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1/4मोदी सरकार द्वारा दिल्ली सरकार के अधिकार कम करने के लिए बनाया गया GNCTD एक्ट लोकतंत्र की हत्या है। यह एक चुनी हुई सरकार की शक्ति खत्म करना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में फैसला देते हुए चुनी हुई सरकार को ही दिल्ली का असली मुखिया बताया था।
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गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में फैसला देते हुए चुनी हुई सरकार को ही दिल्ली का असली मुखिया बताया था. मोदी सरकार देश को फासीवादी तरीके से चलाना चाहती है. चुनावों में हेरा फेरी, निर्वाचित विधायकों की खरीद फरोख्त और दोनों में कामयाब ना होने पर संसद में बहुमत के दम पर ऐसे तानाशाही समर्थक बिल पास कर चुनी हुई सरकार की शक्तियों को खत्म करना बीजेपी के शासन का तरीका है.
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मोदी सरकार देश को फासीवादी तरीके से चलाना चाहती है। चुनावों में हेरा फेरी, निर्वाचित विधायकों की खरीद फरोख्त और दोनों में कामयाब ना होने पर संसद में बहुमत के दम पर ऐसे तानाशाही समर्थक बिल पास कर चुनी हुई सरकार की शक्तियों को खत्म करना BJP के शासन का तरीका है।
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राष्ट्रीय स्तर पर विरोध होना चाहिए
गहलोत ने कहा कि इस प्रकार तो आने वाले समय में मोदी सरकार किसी भी राज्य में चुनाव हारने पर ऐसे कानून लाकर राज्य सरकार की शक्तियों को समाप्त कर सकती है. मोदी सरकार के इस तानाशाही निर्णय का पार्टी लाइन से ऊपर उठकर राष्ट्रीय स्तर पर विरोध होना चाहिए. विपक्ष में होने के दौरान बीजेपी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देकर अधिक अधिकारों की मांग करती थी. लेकिन सत्ता में आकर ऐसे कानून लाई है. प्रधानमंत्री सहकारी संघवाद की वकालत करते हैं लेकिन ऐसे कानून बनाकर राज्य सरकारों पर केन्द्र के फैसले थोपना चाहते हैं.
इलेक्टोरल बॉन्ड पर मोदी को घेरा
गहलोत ने कहा कि चुनाव आयोग, रिजर्व बैंक और विपक्षी पार्टियों के विरोध के बावजूद मोदी सरकार कालेधन को सफेद करने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड लेकर आई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रिजर्व बैंक गवर्नर ने साफ कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड से मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा मिल सकता है. 2017-18 में इलेक्टोरल बॉन्ड का 95 फीसदी चन्दा भाजपा को ही मिला. 2019 में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड पार्टियों को मिलने वाले चंदे की पारदर्शिता को खत्म कर देगा लेकिन अब चुनाव आयोग का रुख नरम हो गया है. गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार को अविलंब कालेधन को बढ़ा रहे इलेक्टोरल बॉन्ड को खत्म करना चाहिए.
फंडिंग में पारदर्शिता लाई जाए
गहलोत ने यह भी कहा कि सिर्फ इससे ही काम नहीं चलेगा. सुप्रीम कोर्ट को इलेक्टोरल बॉन्ड पर दायर याचिका को एक लॉजिकल निष्कर्ष तक ले जाकर एक ऐसा तरीका बनाना चाहिए जिससे राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग में पारदर्शिता आए. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मोदीजी ने वादा किया था कि वो कालाधन खत्म करेंगे लेकिन ना तो वो विदेश से कालाधन ला सके और ना ही नोटबन्दी से कालाधन कम हुआ.
भाजपा पर जमकर साधा निशाना
गहलोत ने पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर भी ट्वीट किया. गहलोत ने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल में जैसे तैसे सत्ता को पाना चाहती है. इसके लिए बड़ी मात्रा में पैसा खर्च किया जा रहा है. भाजपा बिना सिद्धान्तों की राजनीति करती है. पश्चिम बंगाल की जनता इन्हें करारा जवाब देगी. जनता भाजपा को सत्ता से दूर रखेगी. बंगाल की जनता भाजपा की इस तरह की साम्प्रदायिक और भ्रष्ट राजनीतिक विचारधारा के साथ कभी नहीं जाएगी.