जयपुर. महिला समानता दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिला निधि का शुभारंभ (Mahila Nidhi scheme launched) किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि महिला निधि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए मील का पत्थर साबित होगी. कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य के लिए राजीविका कम्यूनिटी कैडर की 8 महिलाओं को पुरस्कृत किया गया. इसके साथ समूहों और महिलाओं को ऋण के चैक वितरित किए. इस दौरान स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए एमओयू किया गया.
महिला निधि: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को महिला समानता दिवस पर महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिए ‘महिला निधि’ का लोकार्पण किया. इससे महिलाओं को रोजमर्रा की आवश्यकताओं के अलावा व्यवसाय को बढ़ाने और उद्यमिता के लिए सुलभ ऋण उपलब्ध हो सकेगा. उन्होंने कहा कि महिलाओं की स्थिति बेहतर बनाने के लिए सिर्फ कानून ही काफी नहीं है. उनके साथ समानता के व्यवहार के लिए सामाजिक सोच में बदलाव की जरूरत है. राज्य सरकार की ओर से महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं. महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार सहित स्वयं की सुरक्षा और आईटी प्रशिक्षण आदि के लिए तेज गति से काम हो रहा है, ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर प्रदेश के चहुंमुखी विकास में भागीदारी निभा सकें.
सीएम गहलोत महिला समानता दिवस (Women equality Day 2022) पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की अनेक योजनाएं महिला केन्द्रित हैं, जो उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्धता का परिचायक है. राज्य के विकास और सुशासन में महिलाओं की भागीदारी अधिक से अधिक हो, राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है. पिछले तीन वर्षो में महिला और बालिकाओं के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा बजट में 52 घोषणाएं की गई हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की महिलाओं एवं बालिकाओं को सुरक्षा प्रदान करने, उन्हें आत्मरक्षा की दृष्टि से मजबूत बनाने और अपने अधिकारों और कानूनों के बारे में सजग करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि पंचायतीराज संस्थाओं में महिलाओं को आरक्षण भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की देन है. उनके क्रांतिकारी सुधारों की वजह से महिलाएं पहले की तुलना में अधिक सशक्त हुई हैं. उनमें आत्मविश्वास पैदा हुआ है और वे निडरता से अपने काम-काज की बागडोर संभाल रही हैं.
महिला निधि से मिलेगा राज्य की महिलाओं को सम्बल: मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट 2022-23 में महिला निधि की स्थापना राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् के माध्यम से करने की घोषणा की थी. तेलंगाना के बाद राजस्थान देश का दूसरा राज्य है, जहां महिला निधि की स्थापना की गई है. महिला स्वयं सहायता समूह को मजबूत बनाने, बैकों से ऋण दिलाने, गरीब, सम्पत्तिहीन और सीमान्त महिलाओं की आय बढ़ाने और कौशल विकास कर महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिए महिला निधि की स्थापना की गई है.
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48 घंटे में मिलेगा लोन : इस योजना के अंतर्गत 40,000 रुपए तक के ऋण 48 घंटे में व 40000 रुपए से अधिक के ऋण 15 दिवस की समय सीमा में आवेदित सदस्यों के समूह के बैंक खाते में जमा हो जाएंगे. वर्तमान में राज्य के 33 जिलों में 2 लाख 70 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, जिसमें 30 लाख परिवार जुडे़ हुए हैं. वित्तीय वर्ष 2022-23 में 50 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाना प्रस्तावित है, जिनमें लगभग 6 लाख परिवारों को जोड़ा जाएगा. राज्य में कुल 36 लाख परिवारों को उनकी आवश्यकताओं के आधार पर चरणबद्ध तरीके से राजस्थान महिला निधि से लाभ मिलेगा.
8 महिलाओं को किया सम्मानित: गहलोत ने इस अवसर पर 6 जिलों के 386 स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को 1 करोड़ 42 लाख रुपए की राशि राजस्थान महिला निधि से ऋण के रूप में प्रदान की. उन्होंने सामुदायिक स्तर पर विशिष्ट कार्य करने के लिए राजीविका कम्यूनिटी कैडर की 8 महिलाओं को भी पुरस्कृत किया.
स्वास्थ्य क्षेत्र में राजस्थान अग्रणी: मुख्यमंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर राजस्थान स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी राज्य बन गया है. मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 10 लाख रुपए तक फ्री चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. साथ ही राजकीय चिकित्सालयों में निशुल्क ओपीडी, आईपीडी, निशुल्क जांच सुविधा उपलब्ध हो रही है. ऑर्गन ट्रांसप्लांट का खर्च भी सरकार स्वयं वहन कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को भी राजस्थान मॉडल अपनाकर देशवासियों को निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध करानी चाहिए.
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शिक्षा क्षेत्र में लड़कियां आगे: गहलोत ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में राजस्थान नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. इसी का सफल परिणाम है कि आज उच्च शिक्षा में लड़कों से ज्यादा लड़कियां प्रवेश ले रही हैं. प्रदेश में राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोल कर अभिनव प्रयोग किया गया है. यहां बच्चे प्राइमरी से अंग्रेजी पढ़ना, लिखना और बोलना सीख रहे हैं. सरकार जल्द ही 1.33 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन देगी, जिससे वे बातचीत के साथ राजकीय योजनाओं के बारे में जानकारी ले सकेंगी और उनके बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे.
सामाजिक सुरक्षा हमारा मुख्य ध्येय: मुख्यमंत्री ने कहा कि हर प्रदेशवासी की सामाजिक सुरक्षा हमारा मुख्य ध्येय है. वर्तमान में लगभग 1 करोड़ लोगों को पेंशन मिल रही है, जिनमें विधवा, एकल नारी व बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल हैं. जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू कर स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, विद्युत, सामाजिक सुरक्षा सहित आधारभूत ढांचे का विस्तार और विकास किया जा रहा है. उन्होंने स्वयं सहायता समूह, आशा सहयोगिनी और सुरक्षा सखियों को राज्य सरकार की योजनाएं को घर-घर तक ले जाने का आह्वान किया.
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उड़ान योजना के द्वितीय चरण के लिए 600 करोड़: इस कार्यक्रम में उड़ान योजना के दूसरे चरण का भी शुभारंभ किया गया जिसमें 1 करोड़ 45 लाख किशोरियों एवं महिलाओं के लिए 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया( Udaan yojana second phase launched) है. बता दें कि इस योजना के प्रथम चरण से 29 लाख किशोरियां और महिलाएं लाभान्वित हुई हैं. इस मौके पर टीएसपी क्षेत्र के 5 जिलों में पूर्व में लागू इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना का दायरा बढ़ाकर इसे सभी जिलों में लागू कर दिया गया. इस योजना के अंतर्गत दूसरे बच्चे के जन्म पर कुल 6000 रुपए 5 किश्तों में दिए जाते हैं. अब इस योजना का लाभ 1 अप्रैल, 2022 से पूरे 33 जिले की महिलाओं को मिल सकेगा.
उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए एमओयू: कार्यक्रम में अमेजॉन के साथ उत्पादों के ऑनलाइन विक्रय के लिए एमओयू करार किया गया. इससे 15,000 से अधिक महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों की ओर से बनाए गए उत्पादों को ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर सूचीबद्ध किया जाएगा और देश भर के लाखों अमेजन ग्राहकों को उपलब्ध कराया जाएगा. इससे कारीगरों और बुनकर समुदाय को सशक्त बनाने व उन्हें अमेजन विक्रेता बनाकर डिजिटल समावेश के लिए प्रोत्साहित करने का कार्य किया जाएगा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री वर्क फ्रोम होम जॉब वर्क योजना व पोर्टल का भी शुभारम्भ किया गया.