जयपुर. विश्व बाघ दिवस (World Tiger Day) के अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि आज राजस्थान में स्थित चार टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 100 से अधिक हो गई है. इंदिरा गांधी की ओर से बाघ संरक्षण के लिए शुरू किए गए 'टाइगर प्रोजेक्ट' की सफलता इसका प्रमाण है.
बाघ फोटो प्रदर्शनी
सीएम गहलोत ने (Cm ashok gehlot in photo exhibition) कहा कि आज से वन विभाग, राजस्थान सरकार के सहयोग से जयपुर टाइगर फेस्टिवल जवाहर कला केन्द्र, जयपुर में तीन दिवसीय बाघ फोटो प्रदर्शनी आयोजित की गई है. इसमें देशभर के वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स की ओर से ली गईं 100 से अधिक तस्वीरें प्रदर्शित हो रही हैं. यहां प्रदर्शित सुन्दर तस्वीरों को देखकर राष्ट्रीय पशु बाघ को करीब से जान सकते हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि विश्व बाघ दिवस के मौके पर यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि आज राजस्थान के चार टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 100 से अधिक हो गई है. यह 1973 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से बाघ संरक्षण के लिए शुरू किए गए 'टाइगर प्रोजेक्ट' की सफलता का प्रमाण है.
राजस्थान स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनिया के सामने एक मॉडल बना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपील करते हुए कहा कि हम अधिक से अधिक लोगों को चिंरजीवी योजना की जानकारी देकर उन्हें एवं उनके परिजनों को "चिंरजीवी परिवार" बनाने का प्रयास करेंगे जिससे उन्हें आर्थिक परेशानी न हो. गहलोत ने बयान जारी कर कहा कि चिरंजीवी योजना में प्रति परिवार 10 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा के साथ-साथ अंग प्रत्यारोपण (ऑर्गन ट्रांसप्लांट), बोनमैरो ट्रांसप्लांट, कॉक्युलर इंप्लांट, ब्लड-प्लेटलेट्स प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन और लिम्ब प्रोस्थेसिस की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.
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खास बात ये है कि चिरंजीवी योजना में शामिल 10 लाख रुपये की सीमा को ट्रांसप्लांट के लिए उपयोग में नहीं लिया जाता है. ट्रांसप्लांट की सारी राशि राज्य सरकार की ओर से वहन की जाती है, यानी टांसप्लांट की लागत चिंरजीवी योजना की वॉलेट राशि में शामिल नहीं है. यह बताते हुए खुशी हो रही है कि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में इस वर्ष बजट घोषणा में अंग प्रत्यारोपण (ऑर्गन ट्रांसप्लांट) के पैकेज में शामिल करने के बाद से अब तक (गत 3 माह में) 4 बोनमैरो ट्रांसप्लांट, 58 अंग प्रत्यारोपण (हार्ट, किडनी, लिवर) और 18 कॉक्युलर इंप्लांट सफलतापूर्वक निशुल्क हो चुके हैं. यह इन सभी मरीजों के लिए नए जीवन के समान है. राजस्थान स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनिया के सामने एक मॉडल बन गया है.