जयपुर. देश में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत के साथ ही कोरोना के अंत का काउंटडाउन शुरू हो गया है. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास से वैक्सीनेशन का राज्य स्तरीय शुभारंभ किया. सीएम आवास पर शुरू हुए वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में आने की जरूरत नहीं है, वैक्सीन पूरी तरह से कारगर है.
5 लाख 63 हजार वैक्सीन के डोज मिले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देशभर में वैक्सीनेशन का शुभारंभ करने के साथ ही राजस्थान के भी कई सेंटरों पर टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. मुख्यमंत्री के वैक्सीनेशन शुभारंभ के दौरान कोविड-19 की पहली वैक्सीन SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सुधीर भंडारी को लगाई गई. राज्य में 161 सेंटर स्थलों के अतिरिक्त जयपुर जिले के 6 सेंटर स्थलों पर कोविड-19 वैक्सीनेशन शुरू हुआ, जो शाम को पांच बजे तक चलेगा. इस वैक्सीनेशन ड्राइव में हर सेंटर पर 100 वॉरियर्स को टीके लगाए जाएंगे. राजस्थान को दो कंपनियों से करीब 5 लाख 63 हजार वैक्सीन के डोज प्राप्त हुए हैं. इसमें स्टेट वैक्सीन स्टोर, जयपुर को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोवीशील्ड के 4,43,000 और भारत बायोटेक की को-वैक्सीन के 20,000 डोज मिले हैं.
गुरुवार, रविवार और हॉलीडे पर नहीं होगा वैक्सीनेशन
वहीं स्टेट वैक्सीन स्टोर उदयपुर को 1,00,500 डोज उपलब्ध कराए गए हैं. इधर, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि कोरोना वैक्सीनेशन के दौरान अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित ना हों, इसके लिए सप्ताह में केवल 4 दिन वैक्सीनेशन किया जाएगा. गुरुवार, रविवार और राजकीय अवकाश के दिन वैक्सीनेशन नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 31 जनवरी तक 161 सत्र स्थल पर टीकाकरण किया जाएगा.
CM गहलोत ने कहा- वैक्सीन आने से लापरवाही नहीं बरते
मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित वर्चुअल राज्य स्तरीय वैक्सीनेशन अभियान शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वैक्सीन को लेकर कुछ लोगों को आशंका है, लेकिन मेरी लोगों से गुजारिश है कि वैक्सीन के संबंध में कोई आशंका नहीं रखनी है. जनता को विश्वास दिलाना होगा कि हमारे वैज्ञानिकों ने जो कड़ी मेहनत से 10 महीने में शोध कर जो वैक्सीन तैयार की है, यह पुख्ता वैक्सीन है. इसके लिए लोगों को समझाएं. साथ ही वैक्सीन लगाने के बाद कोई लापरवाही नहीं बरतें कि अब तो टीका आ गया है. देश के करीब 130 करोड़ लोगों को टीका लगने में करीब 1 साल का समय लगेगा. ऐसे में कोरोना के हेल्थ प्रोटोकॉल की पूरी तरह से पालना करते रहना है, इस में लापरवाही नहीं बरतनी है.
सीएम ने डॉक्टरों से किया संवाद
मुख्यमंत्री गहलोत ने अभियान का शुभारंभ करने के साथ ही प्रदेश भर में सात वैक्सीनेशन सेंटर पर सीधे संवाद किया और वैक्सीनेशन करवाने वाले वॉरियर्स डॉक्टर्स के साथ भी अनुभव शेयर किए. सबसे पहले SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी से बात की. इसके बाद केकड़ी, जोधपुर सहित अन्य जगह पर वैक्सीनेशन के लिए किए गए इंतजाम और अनुभव शेयर किया.
कोरोना में राज्य सरकार के प्रबंधन पर दिया जोर
मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में राज्य सरकार की ओर से किए गए प्रबंधन का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना काल में प्रदेश के चिकित्सा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है. अब हम पूरी तरह से सक्षम हो गए हैं कि किसी भी स्थिति का मुकाबला कर सकते हैं. कई देशों में आज भी कोरोना बढ़ रहा है, जो कोरोना का नया रूप सामने आया है. इसके बाद कई देशों में वापस लॉकडाउन किया गया है, जब हमारे यहां पर भी लॉकडाउन हुआ था, तब हम सभी चिंतित थे. कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हुई, मजदूर अपने घरों को जाने के लिए पैदल ही रवाना हो गए. हमने उनकी समस्याएं समझी रोडवेज की बसें चलाई दूसरे राज्य में भी बसें भेजी गई. जिनके जरिए उनको अपने घरों तक पहुंचाया गया. कोरोना को लेकर किए गए मैनेजमेंट में भीलवाड़ा मॉडल की हमारी प्रशंसा हुई.
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साथ ही CM गहलोत ने कहा कि हमने लगातार नियमित बैठक की, समीक्षा करते रहे. इसका परिणाम रहा कि आज 79% रिकवरी है. हमारे प्रबंधन में सभी ने अच्छा सहयोग किया. इसका ही परिणाम है कि हाल ही 8 और 15 जनवरी को मृत्यु दर प्रदेश में जीरो रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन तो किया जा रहा है लेकिन हेल्थ प्रोटोकोल की पालना करने में आगे भी कोई लापरवाही नहीं बरतनी है.
बांसवाड़ा चिकित्सा कर्मी प्रोटोकॉल नहीं के बारे में नहीं बता पाए
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने अपने प्रभारी वाले जिलों के सीएमएचओ और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों से वैक्सीन से संबंधित प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी ली. जिसमें बांसवाड़ा चिकित्सा कमर्चारी जानकारी नहीं दे पाए. अभियान के दौरान बांसवाड़ा सीएमएचओ से जब चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने वैक्सीन के प्रोटोकॉल के बारे में पूछा तो वह जवाब नहीं दे पाए. उन्होंने घुमा फिरा कर जवाब देने की कोशिश की तो चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने उन्हें यह कहते हुए हल्की डांट पिलाई कि आपको स्वयं को यह पता नहीं है कि वैक्सीन के दौरान इस तरह के प्रोटोकॉल की पालना करनी है.