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नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले ताऊ और चचेरे भाई को उम्रकैद - POCSO COURT

नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले ताऊ और चचेरे भाई को पॉक्सो कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है.

दुष्कर्म के आरोपी ताऊ और चचेरे भाई को उम्रकैद
दुष्कर्म के आरोपी ताऊ और चचेरे भाई को उम्रकैद (ETV Bharat (Symbolic))
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

सीकर : पॉक्सो कोर्ट-2 ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी ताऊ और चचेरे भाई दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही दो-दो लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है. बता दें कि दुष्कर्म के कारण पीड़िता गर्भवती हो गई थी, जिसका कोर्ट के आदेश पर गर्भपात करवाया गया था.

एडवोकेट महेंद्र कुमार स्वामी ने बताया कि 13 अगस्त 2022 में जिले के ग्रामीण इलाके में 13 वर्षीय नाबालिग की मां ने पुलिस को रिपोर्ट दी थी, जिसमें बताया कि उसकी 6ठी कक्षा में पढ़ने वाली बेटी का पेट फूलता देख जांच करवाई तो वह गर्भवती निकली. पूछने पर उसने बताया कि ताऊ और चचेरे भाई ने उसके साथ गलत काम किया है. इसपर पुलिस ने दोनों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

पढ़ें. 16 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म और हत्या मामले में आरोपी को आजीवन कारावास

10 अक्टूबर 2022 को कोर्ट में चालान पेश करने के बाद 18 गवाह और 42 दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर पॉक्सो कोर्ट की न्यायाधीश आशा कुमारी ने मंगलवार को मामले में फैसला सुनाया. फैसले में 61 वर्षीय ताऊ और 27 वर्षीय चचेरे भाई को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही दो-दो लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की यह राशि पीड़िता को मिलेगी. पीड़िता को प्रतिकर स्कीम से 5 लाख रुपए मुआवजा देने की अनुशंसा भी की गई है.

कोर्ट के निर्देश पर हुआ था गर्भपात : नाबालिग के पिता की मौत 2019 में हो गई थी. उसकी मां नरेगा में मजदूरी कर परिवार चला रही थी. घटना के बाद पीड़िता आठ महीने की गर्भवती हो गई थी, लेकिन उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर उसका गर्भपात करवाया गया था.

सीकर : पॉक्सो कोर्ट-2 ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी ताऊ और चचेरे भाई दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही दो-दो लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है. बता दें कि दुष्कर्म के कारण पीड़िता गर्भवती हो गई थी, जिसका कोर्ट के आदेश पर गर्भपात करवाया गया था.

एडवोकेट महेंद्र कुमार स्वामी ने बताया कि 13 अगस्त 2022 में जिले के ग्रामीण इलाके में 13 वर्षीय नाबालिग की मां ने पुलिस को रिपोर्ट दी थी, जिसमें बताया कि उसकी 6ठी कक्षा में पढ़ने वाली बेटी का पेट फूलता देख जांच करवाई तो वह गर्भवती निकली. पूछने पर उसने बताया कि ताऊ और चचेरे भाई ने उसके साथ गलत काम किया है. इसपर पुलिस ने दोनों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

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10 अक्टूबर 2022 को कोर्ट में चालान पेश करने के बाद 18 गवाह और 42 दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर पॉक्सो कोर्ट की न्यायाधीश आशा कुमारी ने मंगलवार को मामले में फैसला सुनाया. फैसले में 61 वर्षीय ताऊ और 27 वर्षीय चचेरे भाई को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही दो-दो लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की यह राशि पीड़िता को मिलेगी. पीड़िता को प्रतिकर स्कीम से 5 लाख रुपए मुआवजा देने की अनुशंसा भी की गई है.

कोर्ट के निर्देश पर हुआ था गर्भपात : नाबालिग के पिता की मौत 2019 में हो गई थी. उसकी मां नरेगा में मजदूरी कर परिवार चला रही थी. घटना के बाद पीड़िता आठ महीने की गर्भवती हो गई थी, लेकिन उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर उसका गर्भपात करवाया गया था.

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