ETV Bharat / city

प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार सख्त, सीएम गहलोत ने कहा-अपराध नियंत्रण सर्वोच्च प्राथमिकता

प्रदेश की कानून व्यवस्थआ में सुधार को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अफसरों संग वीडियो कॉन्फ्रेंस कर दिशा निर्देश दिए. इस दौरान अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए.

author img

By

Published : Jul 20, 2021, 10:59 PM IST

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,  राजस्थान मुख्यमंत्री, कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण , वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग,  जयपुर समाचार , Chief Minister  Ashok Gehlot,  Rajasthan Chief Minister,  Law and order,  crime control,  video conferencing, Chief Minister
सीएम गहलोत ने दिए निर्देश

जयपुर. प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सख्त हो गए हैं. सीएम गहलोत ने कहा है कि अपराध नियंत्रण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. राज्य पुलिस जघन्य अपराधों को अंजाम देने वाले, माफिया और घटनाओं को साम्प्रदायिक रंग देने वाले अपराधियों की धरपकड़ के लिए प्रभावी अभियान चलाने का निर्देश दिया है.

सीएम अशोक गहलोत मंगलवार शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति की गहन समीक्षा कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने राज्य में हथियार लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को अधिक तर्कसंगत एवं पारदर्शी बनाने के लिए नई नीति तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि इस प्रक्रिया को निर्विवाद बनाया जा सके. उन्होंने प्रशासनिक एवं कानून व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए जल्द ही जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कॉन्फ्रेंसिंग के निर्देश दिए गए.

पढ़ें-गहलोत सरकार की घोषणा, रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़े की अवधि के लिए वाहनों को टैक्स में छूट

विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर भ्रामक सूचना फैलाकर गुमराह करने वाले तत्वों पर मुख्यमंत्री ने कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पुलिस मुख्यालय और जिला पुलिस स्तर पर सोशल मीडिया की निगरानी सेल को और मजबूत किया जाए. साथ ही घटना होने पर पुलिस के रेस्पोंस टाइम को अधिक बेहतर किया जाए. गहलोत ने कहा कि महिला उत्पीड़न के प्रकरणों में पुलिस अधिकारी संवेदनशील रवैया अपनाएं. ऐसे मामलों में तुरंत प्रकरण दर्ज कर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

पीड़ित महिलाओं को सुरक्षा और कानूनी मदद मुहैया कराएं. उन्होंने कहा कि कितना भी बड़ा माफिया हो पुलिस उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करे ताकि खुद को आमजन सुरक्षित महसूस करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने अनिवार्य एफआईआर के लिए ’फ्री रजिस्ट्रेशन’ की नीति लागू की है. महिला उत्पीड़न के प्रकरणों के त्वरित अनुसंधान के लिए प्रत्येक जिले में विशेष अनुसंधान इकाई तथा जघन्य अपराधों की जांच और रोकथाम के लिए विशेष मॉनिटरिंग यूनिट गठित की हैं.

पढ़ें: केंद्र सरकार प्रदेश के लंबित खनन मुद्दों का जल्द समाधान करे: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

इसके साथ ही थानों में फरियादियों की उचित माहौल में सुनवाई के लिए स्वागत कक्ष बनाए जा रहे हैं. उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि इन निर्णयों के कारण प्रदेश में अपराधों पर नियंत्रण की स्थिति बेहतर हुई है. गहलोत ने कहा कि फ्री रजिस्ट्रेशन की नीति का परिणाम है कि राज्य में थाना स्तर पर ही प्रकरण दर्ज होने से न्यायालय के आदेश (इस्तगासा) के माध्यम से दर्ज होने वाले विभिन्न प्रकृति के आपराधिक प्रकरणों में उल्लेखनीय कमी आई है.

पढ़ें: तीसरी लहर की आशंका के बीच स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में जुटी गहलोत सरकार, कई प्रस्तावों को दी स्वीकृति

उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस बात की नियमित निगरानी करें कि थानों में फरियादियों को प्राथमिकी दर्ज कराने में कोई परेशानी नहीं हो. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पुलिस विभाग में लंबित पदोन्नतियों की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इससे पुलिस कार्मिकों को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने निर्देश दिए कि शेष थानों में भी जल्द ही स्वागत कक्ष तैयार किए जाएं.

राज्य में पुलिस कर्मियों के संवेदनशील व्यवहार के लिए प्रशिक्षकों की ओर से सॉफ्ट स्किल्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वांछित अपराधियों की धरपकड़ के लिए अभियान के तहत जुलाई माह के एक सप्ताह में ही 1,777 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने बताया कि प्रदेश के सभी थानों के कम्यूनिटी लाइजन ग्रुप (सीएलजी) के सदस्यों का डेटाबेस तैयार किया गया है.

जयपुर. प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सख्त हो गए हैं. सीएम गहलोत ने कहा है कि अपराध नियंत्रण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. राज्य पुलिस जघन्य अपराधों को अंजाम देने वाले, माफिया और घटनाओं को साम्प्रदायिक रंग देने वाले अपराधियों की धरपकड़ के लिए प्रभावी अभियान चलाने का निर्देश दिया है.

सीएम अशोक गहलोत मंगलवार शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति की गहन समीक्षा कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने राज्य में हथियार लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को अधिक तर्कसंगत एवं पारदर्शी बनाने के लिए नई नीति तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि इस प्रक्रिया को निर्विवाद बनाया जा सके. उन्होंने प्रशासनिक एवं कानून व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए जल्द ही जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कॉन्फ्रेंसिंग के निर्देश दिए गए.

पढ़ें-गहलोत सरकार की घोषणा, रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़े की अवधि के लिए वाहनों को टैक्स में छूट

विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर भ्रामक सूचना फैलाकर गुमराह करने वाले तत्वों पर मुख्यमंत्री ने कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पुलिस मुख्यालय और जिला पुलिस स्तर पर सोशल मीडिया की निगरानी सेल को और मजबूत किया जाए. साथ ही घटना होने पर पुलिस के रेस्पोंस टाइम को अधिक बेहतर किया जाए. गहलोत ने कहा कि महिला उत्पीड़न के प्रकरणों में पुलिस अधिकारी संवेदनशील रवैया अपनाएं. ऐसे मामलों में तुरंत प्रकरण दर्ज कर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

पीड़ित महिलाओं को सुरक्षा और कानूनी मदद मुहैया कराएं. उन्होंने कहा कि कितना भी बड़ा माफिया हो पुलिस उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करे ताकि खुद को आमजन सुरक्षित महसूस करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने अनिवार्य एफआईआर के लिए ’फ्री रजिस्ट्रेशन’ की नीति लागू की है. महिला उत्पीड़न के प्रकरणों के त्वरित अनुसंधान के लिए प्रत्येक जिले में विशेष अनुसंधान इकाई तथा जघन्य अपराधों की जांच और रोकथाम के लिए विशेष मॉनिटरिंग यूनिट गठित की हैं.

पढ़ें: केंद्र सरकार प्रदेश के लंबित खनन मुद्दों का जल्द समाधान करे: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

इसके साथ ही थानों में फरियादियों की उचित माहौल में सुनवाई के लिए स्वागत कक्ष बनाए जा रहे हैं. उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि इन निर्णयों के कारण प्रदेश में अपराधों पर नियंत्रण की स्थिति बेहतर हुई है. गहलोत ने कहा कि फ्री रजिस्ट्रेशन की नीति का परिणाम है कि राज्य में थाना स्तर पर ही प्रकरण दर्ज होने से न्यायालय के आदेश (इस्तगासा) के माध्यम से दर्ज होने वाले विभिन्न प्रकृति के आपराधिक प्रकरणों में उल्लेखनीय कमी आई है.

पढ़ें: तीसरी लहर की आशंका के बीच स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में जुटी गहलोत सरकार, कई प्रस्तावों को दी स्वीकृति

उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस बात की नियमित निगरानी करें कि थानों में फरियादियों को प्राथमिकी दर्ज कराने में कोई परेशानी नहीं हो. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पुलिस विभाग में लंबित पदोन्नतियों की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इससे पुलिस कार्मिकों को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने निर्देश दिए कि शेष थानों में भी जल्द ही स्वागत कक्ष तैयार किए जाएं.

राज्य में पुलिस कर्मियों के संवेदनशील व्यवहार के लिए प्रशिक्षकों की ओर से सॉफ्ट स्किल्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वांछित अपराधियों की धरपकड़ के लिए अभियान के तहत जुलाई माह के एक सप्ताह में ही 1,777 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने बताया कि प्रदेश के सभी थानों के कम्यूनिटी लाइजन ग्रुप (सीएलजी) के सदस्यों का डेटाबेस तैयार किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.