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किसानों को मनाएं या खुद मान जाए, लेकिन आंदोलन को खत्म कराए केंद्र सरकार : सीएम गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वे किसान आंदोलन को जल्द से जल्द खत्म कराए. इसके लिए चाहे कृषि कानून को लेकर किसानों को मना लें या फिर उनकी मांग मान लें, लेकिन आंदोलन खत्म होना चाहिए.

सीएम गहलोत ने की किसान आंदोलन खत्म कराने की अपील
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Published : Jul 17, 2021, 8:02 PM IST

Updated : Jul 17, 2021, 9:42 PM IST

जयपुर. तीन कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से आंदोलन खत्म कराने की अपील की है. सीएम गहलोत ने कहा है कि या तो किसानों की मांगों पर केंद्र सरकार खुद कन्विंस हो जाए या फिर किसानों को कानून के प्रति कन्विंस कर ले.

किसान आंदोलन को चलते हुए 6 महीने से ज्यादा हो गया. इसे खत्म करने के लिए केंद्र सरकार को सकारात्मक कदम बढ़ाने चाहिए. आंदोलन को चलते 6 माह से अधिक समय गुजर चुका है.

सीएम गहलोत ने की किसान आंदोलन खत्म कराने की अपील

पढ़ें- महिला शक्ति केंद्रों के लिए बजट मद से खर्च होंगे 6.67 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री गहलोत ने दी मंजूरी

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि भारत सरकार को समझना चाहिए कि डेमोक्रेसी में इतना लम्बा आंदोलन नहीं चलता है. विपक्षी पार्टियां हों या या जनता के डेलिगेशन उनकी बात सुननी पड़ती है.

सवाल यह नहीं है कि किसान आंदोलन चल रहा है, लेकिन देश में अगर शांति और सद्भावना रहती है तो उससे विकास को गति मिलती है. विकास वहीं होगा जहां शांति और सद्भावना होगी. सद्भावना और शांति का माहौल कमजोर पड़ेगा तो तनाव का माहौल बढ़ेगा. वहां पर विकास नहीं होगा. उन्होंने कहा कि भारत सरकार सकारात्मक भूमिका निभाए और संसद सत्र भी आ रहा है. कुछ घोषणा कर किसानों की जो मांग है उसको पूरा करें. अगर नया कानून भी बनाना पड़े तो उसमें क्या दिक्कत है, बना दिया जाए.

पढ़ें- ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला की बड़ी घोषणा, अब किसानों को दिन में भी मिलेगी बिजली

किसानों के लिए अलग से कानून लाना पड़े तो क्या फर्क पड़ता है, नया कानून बनाया जा सकता है. सरकार को चाहिए कि किसानों की भावनाओं के अनुरूप काम करें. कई राज्य सरकारें पहले भी केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कानून लेकर आईं थी. हालांकि अलग बात है कि वह आगे नहीं बढ़ता क्योंकि राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति तक जाता है.

इतने राज्यों की ओर से कृषि कानून को हटाए जाने की मांग कर रही है तो केंद्र सरकार को भी समझना चाहिए कि अब किसी तरह इस मामले को निपटाया जाए. इसके ऊपर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए. तीन कृषि कानून को लेकर कई महीनों से देशभर के किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. किसानों ने साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीनों कानून को रद्द किया जाए. केंद्र सरकार किसानों से कई बार वार्ता कर चुकी है, लेकिन उसमें केंद्र सरकार ने यह कहा है कि वह कानून में कुछ सुझाव के साथ संशोधन कर सकती है, लेकिन रद्द नहीं करेगी. ऐसे में मामला खिंचता जा रहा है

जयपुर. तीन कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से आंदोलन खत्म कराने की अपील की है. सीएम गहलोत ने कहा है कि या तो किसानों की मांगों पर केंद्र सरकार खुद कन्विंस हो जाए या फिर किसानों को कानून के प्रति कन्विंस कर ले.

किसान आंदोलन को चलते हुए 6 महीने से ज्यादा हो गया. इसे खत्म करने के लिए केंद्र सरकार को सकारात्मक कदम बढ़ाने चाहिए. आंदोलन को चलते 6 माह से अधिक समय गुजर चुका है.

सीएम गहलोत ने की किसान आंदोलन खत्म कराने की अपील

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सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि भारत सरकार को समझना चाहिए कि डेमोक्रेसी में इतना लम्बा आंदोलन नहीं चलता है. विपक्षी पार्टियां हों या या जनता के डेलिगेशन उनकी बात सुननी पड़ती है.

सवाल यह नहीं है कि किसान आंदोलन चल रहा है, लेकिन देश में अगर शांति और सद्भावना रहती है तो उससे विकास को गति मिलती है. विकास वहीं होगा जहां शांति और सद्भावना होगी. सद्भावना और शांति का माहौल कमजोर पड़ेगा तो तनाव का माहौल बढ़ेगा. वहां पर विकास नहीं होगा. उन्होंने कहा कि भारत सरकार सकारात्मक भूमिका निभाए और संसद सत्र भी आ रहा है. कुछ घोषणा कर किसानों की जो मांग है उसको पूरा करें. अगर नया कानून भी बनाना पड़े तो उसमें क्या दिक्कत है, बना दिया जाए.

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किसानों के लिए अलग से कानून लाना पड़े तो क्या फर्क पड़ता है, नया कानून बनाया जा सकता है. सरकार को चाहिए कि किसानों की भावनाओं के अनुरूप काम करें. कई राज्य सरकारें पहले भी केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कानून लेकर आईं थी. हालांकि अलग बात है कि वह आगे नहीं बढ़ता क्योंकि राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति तक जाता है.

इतने राज्यों की ओर से कृषि कानून को हटाए जाने की मांग कर रही है तो केंद्र सरकार को भी समझना चाहिए कि अब किसी तरह इस मामले को निपटाया जाए. इसके ऊपर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए. तीन कृषि कानून को लेकर कई महीनों से देशभर के किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. किसानों ने साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीनों कानून को रद्द किया जाए. केंद्र सरकार किसानों से कई बार वार्ता कर चुकी है, लेकिन उसमें केंद्र सरकार ने यह कहा है कि वह कानून में कुछ सुझाव के साथ संशोधन कर सकती है, लेकिन रद्द नहीं करेगी. ऐसे में मामला खिंचता जा रहा है

Last Updated : Jul 17, 2021, 9:42 PM IST
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