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सतत विकास के लक्ष्य हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा राजस्थान: मुख्यमंत्री - डब्ल्यू.एफ.पी.

जयपुर में गुरुवार को सीएम अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान सरकार और संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यू.एफ.पी.) के बीच हुए एमओयू पर हस्ताक्षर कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ करीब 50 साल से सफल भागीदारी रही है. विकासशील देशों में कुपोषण दूर करने और दुनिया की बड़ी आबादी को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने में विश्व खाद्य कार्यक्रम की बड़ी भूमिका रही है.

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सीएम अशोक ने हस्ताक्षर कार्यक्रम को किया संबोधित
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Published : Oct 30, 2020, 12:49 AM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान सरकार और संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यू.एफ.पी.) के बीच हुए एमओयू पर हस्ताक्षर कार्यक्रम मेंसंबोधित कर रहे थे. 'सतत विकास के लक्ष्य-द्वितीय' को प्राप्त करने की दिशा में हुए इस एमओयू में खाद्य विभाग के शासन सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन और विश्व खाद्य कार्यक्रम के भारत में निदेशक बिशो पराजुली ने हस्ताक्षर किए.

मुख्यमंत्री ने इस एमओयू पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ करीब 50 साल से सफल भागीदारी रही है. विकासशील देशों में कुपोषण दूर करने और दुनिया की बड़ी आबादी को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने में विश्व खाद्य कार्यक्रम की बड़ी भूमिका रही है. इस संगठन को नोबल शांति जैसा प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलना इसकी महत्ता को दर्शाता है. उनकी तकनीकी विशेषज्ञता से प्रदेश में मिड-डे मील, आंगनबाड़ी केंद्रों और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सभी जरूरतमंद लोगों तक खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ प्रभावी तरीके से पहुंचाया जा सकेगा.

पढ़ें- मुश्किल परिस्थिति में भी सरकार प्रदेशवासियों के दुख-दर्द में साथ खड़ी रही : CM गहलोत

गहलोत ने कहा कि राजस्थान कुपोषण दूर कर सतत विकास के लक्ष्य हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. हमारी खाद्य सुरक्षा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की सराहना पूरे देश में होती है. कोरोना के इस संकट के समय 'राजस्थान सतर्क है' और 'कोई भूखा न सोए' हमारा मूल मंत्र रहा है. इसे साकार करते हुए राज्य सरकार ने व्यापक जनभागीदारी के साथ जरूरतमंद लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है. इसमें समाजसेवी, भामाशाह, उदारमना और आमजन का भी पूरा सहयोग मिला है. सरकार ने हर वर्ग की मदद में कोई कसर नहीं छोड़ी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार के समय देश के हर परिवार की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 'फूड सिक्योरिटी एक्ट' लाकर लोगों को खाद्य सुरक्षा का अधिकार दिया गया. राज्य सरकार जनजाति क्षेत्रों सहित अन्य पिछडे़ इलाकों में बच्चों के पोषण के लिए प्रभावी कदम उठा रही है.

मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना की शुरूआत के समय भी विश्व खाद्य कार्यक्रम की ओर से प्रदेश को काफी सहयोग प्रदान किया गया था. उन्होंने कहा कि इस संगठन के साथ हुई साझेदारी से प्रदेश को खाद्य सुरक्षा योजनाओं में सर्विस डिलीवरी और बेहतर करने में मदद मिलेगी. विश्व खाद्य कार्यक्रम के भारत में निदेशक बिशो पराजुली ने कहा कि राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए हमारा संगठन अपने अंतरराष्ट्रीय अनुभव, बेस्ट प्रैक्टिसेज और तकनीकी दक्षताके साथ ही पूरा सहयोग प्रदान करेगा.

पढ़ें- कोरोना संक्रमित मरीज ने पीपीई किट पहन किया मतदान, अन्य लोगों से की वोट डालने की अपील

उन्होंने बताया कि विश्व खाद्य कार्यक्रम पूरी दुनिया में करीब 130 मिलियन आबादी को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध करवाने में सहयोग प्रदान कर रहा है. उन्होंने कोविड-19 के इस चुनौतीपूर्ण समय में लोगों की खाद्य सुरक्षा के लिए राजस्थान सरकार और उठाए गए कदमों की सराहना भी की.

खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ हुई इस साझेदारी से खाद्य सुरक्षा के कार्यक्रमों को मजबूती मिलेगी. सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मध्याह्व भोजन योजना और एकीत बाल विकास सेवा के कार्यक्रमों को इस एमओयू के माध्यम से और बेहतर ढंग से लागू किया जा सकेगा.

जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने भी विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई, अतिरिक्त मुख्य सचिव जनजाति क्षेत्र विकास राजेश्वर सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. विश्व खाद्य कार्यक्रम के अन्य प्रतिनिधि भी वीसी के माध्यम से कार्यक्रम से जुडे़.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान सरकार और संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यू.एफ.पी.) के बीच हुए एमओयू पर हस्ताक्षर कार्यक्रम मेंसंबोधित कर रहे थे. 'सतत विकास के लक्ष्य-द्वितीय' को प्राप्त करने की दिशा में हुए इस एमओयू में खाद्य विभाग के शासन सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन और विश्व खाद्य कार्यक्रम के भारत में निदेशक बिशो पराजुली ने हस्ताक्षर किए.

मुख्यमंत्री ने इस एमओयू पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ करीब 50 साल से सफल भागीदारी रही है. विकासशील देशों में कुपोषण दूर करने और दुनिया की बड़ी आबादी को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने में विश्व खाद्य कार्यक्रम की बड़ी भूमिका रही है. इस संगठन को नोबल शांति जैसा प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलना इसकी महत्ता को दर्शाता है. उनकी तकनीकी विशेषज्ञता से प्रदेश में मिड-डे मील, आंगनबाड़ी केंद्रों और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सभी जरूरतमंद लोगों तक खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ प्रभावी तरीके से पहुंचाया जा सकेगा.

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गहलोत ने कहा कि राजस्थान कुपोषण दूर कर सतत विकास के लक्ष्य हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. हमारी खाद्य सुरक्षा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की सराहना पूरे देश में होती है. कोरोना के इस संकट के समय 'राजस्थान सतर्क है' और 'कोई भूखा न सोए' हमारा मूल मंत्र रहा है. इसे साकार करते हुए राज्य सरकार ने व्यापक जनभागीदारी के साथ जरूरतमंद लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है. इसमें समाजसेवी, भामाशाह, उदारमना और आमजन का भी पूरा सहयोग मिला है. सरकार ने हर वर्ग की मदद में कोई कसर नहीं छोड़ी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार के समय देश के हर परिवार की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 'फूड सिक्योरिटी एक्ट' लाकर लोगों को खाद्य सुरक्षा का अधिकार दिया गया. राज्य सरकार जनजाति क्षेत्रों सहित अन्य पिछडे़ इलाकों में बच्चों के पोषण के लिए प्रभावी कदम उठा रही है.

मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना की शुरूआत के समय भी विश्व खाद्य कार्यक्रम की ओर से प्रदेश को काफी सहयोग प्रदान किया गया था. उन्होंने कहा कि इस संगठन के साथ हुई साझेदारी से प्रदेश को खाद्य सुरक्षा योजनाओं में सर्विस डिलीवरी और बेहतर करने में मदद मिलेगी. विश्व खाद्य कार्यक्रम के भारत में निदेशक बिशो पराजुली ने कहा कि राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए हमारा संगठन अपने अंतरराष्ट्रीय अनुभव, बेस्ट प्रैक्टिसेज और तकनीकी दक्षताके साथ ही पूरा सहयोग प्रदान करेगा.

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उन्होंने बताया कि विश्व खाद्य कार्यक्रम पूरी दुनिया में करीब 130 मिलियन आबादी को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध करवाने में सहयोग प्रदान कर रहा है. उन्होंने कोविड-19 के इस चुनौतीपूर्ण समय में लोगों की खाद्य सुरक्षा के लिए राजस्थान सरकार और उठाए गए कदमों की सराहना भी की.

खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ हुई इस साझेदारी से खाद्य सुरक्षा के कार्यक्रमों को मजबूती मिलेगी. सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मध्याह्व भोजन योजना और एकीत बाल विकास सेवा के कार्यक्रमों को इस एमओयू के माध्यम से और बेहतर ढंग से लागू किया जा सकेगा.

जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने भी विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई, अतिरिक्त मुख्य सचिव जनजाति क्षेत्र विकास राजेश्वर सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. विश्व खाद्य कार्यक्रम के अन्य प्रतिनिधि भी वीसी के माध्यम से कार्यक्रम से जुडे़.

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