जयपुर. केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ चल रहे भारत बंद के दौरान भाजपा मुख्यालय के बाहर NSUI और भाजपा युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं के बीच जमकर लाठी भाटा जंग हुई. हैरत करने वाली बात ये रही कि करीब आधे घंटे तक चला यह उपद्रव पुलिस की मौजूदगी में होता रहा.
कांग्रेस की स्टूडेंट विंग मानी जानेवाली NSUI ने मंगलवार को भारत बंद के दौरान बीजेपी मुख्यालय के बाहर अपना विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया था. केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ इस विरोध प्रदर्शन को करने के लिए एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी के नेतृत्व में कार्यकर्ता रैली के रूप में यहां पहुंचे भी लेकिन इस दौरान पहले से यहां मौजूद भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता ने उनका विरोध किया और दोनों के बीच तीखी तकरार भी हो गई. देखते ही देखते नौबत हाथापाई तक पहुंच गई.
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इस दौरान लाठी भी चली और पत्थरबाजी भी हुई. पुलिस बीजेपी और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को अलग करने में जुटी रही लेकिन उपद्रव बढ़ता ही चला गया. इस दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने यहां प्रधानमंत्री का पुतला भी फूंका तो आक्रोशित भाजपा कार्यकर्ताओं ने जलता हुआ पुतला उठाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के ऊपर ही उछाल दिया. प्रदर्शनकारी NSUI कार्यकर्ता केंद्र की मोदी सरकार को केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ कोसते नजर आए. वहीं भाजपा कार्यकर्ता कांग्रेस और प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ जहर उगलते रहे.
अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर ने संभाला मोर्चा और कार्यकर्ताओं को खदेड़ा
भाजपा मुख्यालय के ठीक बाहर करीब आधे घंटे तक NSUI और भाजयुमो कार्यकर्ताओं के बीच उपद्रव (fight between NSUI and BJYM in Jaipur) चलता रहा लेकिन यहां मौजूद पुलिस बल ने इन कार्यकर्ताओं को आपस में छुड़ाने का प्रयास किया. वहीं हल्के बल प्रयोग से भी परहेज रखा. जिसके चलते यह प्रदर्शन ना केवल लंबा खींचा बल्कि लाठी भाटा जंग में भी तब्दील हो गया. हालांकि, हालात बिगड़ते देख अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने मोर्चा संभाला और प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को 22 गोदाम सर्किल तक खदेड़ा. तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ. राहुल प्रकाश के अनुसार इस मामले में किसी भी कार्यकर्ताओं को हिरासत में नहीं लिया है. समझाईश के जरिए ही मामला शांत कराया है.
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एनएसयूआई का यह प्रदर्शन केंद्रीय कृषि कानून (NSUI protest against agriculture law) के खिलाफ था लेकिन इसे जाहिर करने का स्थान भाजपा मुख्यालय के सामने था. जिसके चलते यहां इस प्रकार का उपद्रव होने की आशंका पहले से ही थी.
यही कारण रहा कि पुलिस ने घटना से पहले ही यहां पर्याप्त पुलिस जाब्ता तैनात कर लिया था लेकिन अतिरिक्त पुलिस जाब्ता भी कार्यकर्ताओं के बीच लाठी भाटा जंग को नहीं रोक पाए और करीब आधे घंटे तक बीच सड़क पर उपद्रव होता रहा.