जयपुर. राजस्थान सरकार ने प्रवासी मजदूरों को राजस्थान की सीमा तक छोड़ने के लिए 2 दिन तक बस सेवा शुरू की. लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गई. जिसके बाद प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों के हित में फैसला लेते हुए जयपुर जिले में ही 38 शेल्टर होम स्थापित किए. यहां प्रवासियों के लिए खाने पीने रहने और अन्य रोजमर्रा के कार्य करने के लिए तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं.
इन्हीं में से एक बीलवा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में बनाए गए शेल्टर होम में व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचा, तो सामने आया कि यहां 144 प्रवासी रह रहे हैं. जो एमपी और यूपी के हैं. इनमें से कुछ तो अपने परिवार के साथ यहां रह रहे हैं.
बच्चे सो रहे भूखे
इन प्रवासियों के लिए जिला प्रशासन ने भामाशाहों और सामाजिक संस्थाओं की मदद से 2 वक्त के भोजन, पीने के लिए पानी का टैंकर, शौच के लिए चल शौचालय और सोने लिए बिस्तर उपलब्ध कराए गए हैं. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जा रहा है. यहां रह रही महिलाओं ने बताया कि उनके बच्चों के लिए दूध की कोई व्यवस्था नहीं और ना ही उन्हें चाय मिल पाती. हमारे बच्चों को कई बार भूखे सोना पड़ता है.
हर रोज होती है मेडिकल जांच
इस पर शेल्टर होम प्रभारी ओमप्रकाश ने बताते हैं कि सभी प्रवासियों का सुबह मेडिकल चेकअप किया जाता है. हालांकि यहां किसी वस्तु को गर्म करने की कोई व्यवस्था नहीं है. इस वजह से बच्चों को दूध उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं.
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बहरहाल, प्रशासन प्रवासी मजदूरों की हर जरूरत को पूरा करने में जुटा है. लेकिन कुछ मूल जरूरतें अभी भी इन शेल्टर होम में दूर हैं क्योंकि यहां अभी प्रवासी मजदूरों को कुछ दिन और बिताने हैं, ऐसे इन व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त करने की दरकार है.