जयपुर. जोधपुर में दुष्कर्म पीड़िता 12 वर्षीय बालिका के मां बनने के मामले को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है. आयोग की अध्यक्ष संगीत बेनीवाल ने मामले पर संज्ञान लेते हुए पुलिस अधिकारियों से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है.
आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जिस तरह से 12 वर्षीय मासूम बच्ची को गर्वभती बनाया, वो गंभीर मामला है. इस मामले में हाईकोर्ट ने अवकाश के दिन भी मामले की सुनवाई की. इससे भी मामले की गंभीरता का पता चलता है. संगीत बेनीवाल ने पुलिस अधिकारियों से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है.
जोधपुर के बावड़ी उपखंड के खेड़ापा थाना क्षेत्र में 12 वर्षीय बलात्कार पीड़िता के मां बनने का मामला सामने आया है. मोहल्ले में रहने बाल अपचारी ने एक साल तक बच्ची का देह शोषण किया था. मामला सामने आने के बाद बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने गंभीरता दिखाई.
आयोग की ओर से एडीजी सिविल राइट, आईजी जोधपुर, रेल एसपी जोधपुर ग्रामीण को मामले में त्वरित संपूर्ण कार्रवाई कर तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए. आयोग ने अधिकारियों को इस पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट 3 दिन में भेजने के निर्देश दिए हैं. साथ ही बाल कल्याण समिति जोधपुर के अध्यक्ष को मामले की संपूर्ण जांच कर तथ्यात्मक जांच प्रतिवेदन से आयोग को अवगत कराने के लिए लिखा गया है.
इसके साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष को मासूम पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत नियमानुसार तुरंत मुआवजा दिलाने के लिए लिखा गया है. आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं हों, इसके लिए आयोग प्रयास कर रहा है.
आयोग ने मांगी ये सूचना
आयोग ने घटना की वस्तुस्थिति के साथ ही पीड़िता की पारिवारिक स्थिति का विवरण मांगा है. वहीं प्रकरण में पुलिस अनुसंधान की वस्तुस्थिति एफआईआर की कॉपी के साथ नाबालिग पीड़िता के आईपीसी की धारा 164 के तहत बयान, लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012, 20 की लागू की गई धाराओं का विवरण, पीड़िता को राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम 2011 के तहत प्रत्येक मुआवजा दिलाने के संबंध की गई कार्रवाई, अभियुक्त और पीड़िता का मेडिकल मुआयना टेस्ट आदि विधि सम्मत करवाने सहित अन्य तमाम रिकॉर्ड तलब किए हैं.