जयपुर. राजस्थान में पिछले साल गहलोत सरकार पर मंडराए सियासी संकट के समय फोन टैपिंग का मामला एक बार फिर से गर्मा गया है. विधानसभा में एक सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक उठापटक के बीच फोन टैप किए थे. जिसके बाद भाजपा गहलोत सरकार पर हमलावर है. विधानसभा की कार्रवाई बार-बार स्थगित करनी पड़ रही है. इस पूरे मामले पर मुख्य सचेतक महेश जोशी का बयान आया है.
पढे़ं: राजस्थान में 3 सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का एलान, 17 अप्रैल को मतदान, 2 मई को आएंगे परिणाम
महेश जोशी ने कहा कि सरकार ने विधानसभा में फोन टैपिंग की प्रक्रिया क्या है इसको लेकर जवाब दिया था. क्या अपराधियों के भी फोन टैप नहीं करवाएगी पुलिस. राजस्थान में यह परंपरा नहीं है कि किसी एमएलए किसी सांसद या मंत्री का फोन टैप किया जाए. सरकार ने किसी मंत्री, विधायक का फोन टैप नहीं किया है. इसको लेकर मुख्यमंत्री कई बार बोल चुके हैं.
उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा और कहा कि उनको सफाई देनी चाहिए अपनी टेप पर जो बाहर आई. उन्हें अपना वॉइस सैंपल देकर सिद्ध करना चाहिए की वो आवाज उनकी नहीं है. उन्होंने कहा कि विधायकों, सांसदों के फोन टैप करना एक बात है, गजेंद्र सिंह की कॉल रिकॉर्डिंग बाहर आना दूसरी बात है. शेखावत को वॉइस सैंपल देकर खुद दूध का दूध पानी का पानी करना चाहिए. जोशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपनी बौखलाहट छिपाने के लिए और सरकार को गिराने के लिए जो दुष्चक्र रचे उसे छुपाने के लिए ऐसा कर रही है.