जयपुर. प्रदेश में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए एसीबी लगातार ट्रैप की कार्रवाई (Rajasthan ACB Action) को अंजाम दे रही है, लेकिन कार्रवाई में रहने वाली खामियों की वजह से आरोपी बच निकलते हैं. इस पर मुख्य सचिव उषा शर्मा ने नाराजगी (Chief Secretary on ACB Pending Cases) जताई है. उन्होंने कहा कि एसीबी ट्रैप की कार्रवाई के बाद केसों को ठंडे बस्ते में डालने की बजाए तेजी से निस्तारण करें.
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से की जाने वाली कार्रवाइयों के तीन विभागों में लंबित केसों की बुधवार को समीक्षा की. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज स्वायत्त शासन और नगरीय विकास विभाग में एसीबी के 191 केस लंबित हैं. केसों के निस्तारण के लिए मुख्य सचिव उषा शर्मा ने जांच में तेजी लाने के निर्देश (Usha Sharma on Rajasthan ACB) दिए हैं. सीएस ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि एक बार ACB के ट्रैप के बाद सालों साल प्रकरण लंबित रहता है. उन्होंने कहा कि प्रकरण में खामी छूट जाती है या पर्याप्त सबूतों के अभाव, गवाहों के मुकरने या तथ्य स्थापित नहीं होने कारण न्यायसम्मत सजा नहीं मिलती है.
उन्होंने कहा कि एसीबी ट्रैप की कार्रवाई (Rajasthan ACB Action) के बाद केसों को ठंडे बस्ते में डालने के बजाए उनका तेजी से निस्तारण किया जाए. इसके लिए जांच में तेजी लाई जाए. उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में सबसे ज्यादा 104 केस एसीबी के लंबित हैं. स्वायत्त शासन विभाग में 60 केस और नगरीय विकास विभाग में 27 केस लंबित हैं. इन केसों का निपटारा जल्द किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि एसीबी की कार्रवाई ट्रैप करने तक की नहीं है. केस में कोई कमी नहीं रहे, जिससे आरोपी छूट सके. बैठक के दौरान गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद थे.
सीएस के निर्देश
- सबूत पुख्ता रखने, आरोपित को संदेह का लाभ का अवसर न देने संबंधी दिए निर्देश.
- 3 विभागों में लंबित 191 केसों में प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए.
- केस निस्तारण और जांच में तेजी लाई जाए.
- ACB ट्रैप के बाद आगे की 'लाइन ऑफ एक्शन' तय करके कार्रवाई के निर्देश दिए.
- केसों में जांच बेहतर तरीके से करने के निर्देश दिए, जिससे कोई खामी नहीं रहे.