जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि आरटीडीसी की सभी सम्पत्तियां प्राइम लोकेशन पर हैं. निगम के पास अच्छी लोकेशन और इन्फ्रास्ट्रेक्चर मौजूद है. इसका फायदा उठाकर निगम को पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नवाचार अपनाने चाहिए. इससे आरटीडीसी की बंद पड़ी या नुकसान में चल रही सम्पत्तियों को लाभ में लाया जा सकता है.
मुख्य सचिव गुरुवार को सचिवालय में राजस्थान पर्यटन विकास निगम की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे पर्यटक की दृष्टि से सोचें और उनकी प्राथमिकताओं के आधार पर सुविधाओं को विकसित करें. उन्होंने निगम द्वारा संचालित की जाने वाली होटल इकाइयों, यात्रिकाएं, मिड वे, बार तथा कैफेटेरिया आदि के राजस्व के बारे में जानकारी ली तथा बंद पड़ी इकाइयों को पुनर्जीवित करने के लिए सुझाव मांगे. उन्होंने कहा कि निगम की बंद पड़ी सम्पत्तियों को राज्य सरकार से अनुमति लेकर लीज पर देने पर भी विचार किया जा सकता है.
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उन्होंने आरटीडीसी की देनदारियों पर भी चिन्ता जताते हुए कहा कि निगम के पास लाभ के व्यापक अवसर हैं, सही दिशा में प्रयास कर इसे फिर से नई ऊंचाइयों पर लाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि शहर भ्रमण, धार्मिक पर्यटन, नौकायन आदि गतिविधियों में नए स्कोप तलाशकर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है. उन्होंने पैलेस ऑन व्हील्स की राजस्व प्राप्तियों और आईएमएफएल व्यवसाय के आय व्यय की भी समीक्षा की. बैठक में पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव आलोक गुप्ता, विभाग के निदेशक निशांत जैन, राजस्थान पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक निकया गोहाएन और विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.