जयपुर. मुख्यसचिव निरंजन आर्य गुरुवार को शासन सचिवालय में भर्ती प्रक्रियाओं में विभिन्न चुनौतियों के निस्तारण के लिए गठित समिति की ओर से प्रस्तुत सुझावों पर समिति सदस्यों के साथ चर्चा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं को ऑनलाइन करने के लिए हमें अपनी क्षमताएं बढ़ानी होंगी तथा एक निश्चित लक्ष्य के साथ इस दिशा में सार्थक कदम उठाने होंगे.
मुख्य सचिव ने कहा कि लाखों युवाओं के भविष्य को देखते हुए भर्ती परीक्षाओं में नकल प्रकरणों को रोकने, पेपर आउट के मामलों पर पूर्णतया अंकुश लगाना होगा. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन परीक्षाओं में नकल एवं पेपर लीक प्रकरण शून्य के बराबर होने के कारण हमें परीक्षा भर्तियों के ऑनलाइन मैथड के लिए अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाना होगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य में हाइब्रिड मॉडल के आधार पर प्रथम स्तर पर ऑफलाइन तथा द्वितीय स्तर पर ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित हों.
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि प्रश्नपत्रों के परिवहन को सर्वाधिक महत्व देते हुए इन्हें उच्च सुरक्षा में सुरक्षित रूप से परीक्षा केन्द्रों मे पहुंचाया जाना चाहिए. इसके साथ ही प्रारम्भ से अंत तक जीपीएस ट्रेकिंग व्यवस्था अपनायी जानी चाहिए. उन्होंने परीक्षार्थियों का डिजिटल तकनीक से सत्यापन किये जाने की भी सलाह दी. बैठक में कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव हेमन्त कुमार गेरा ने कहा कि वर्तमान समय में विभिन्न भर्तियों में आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को आधारभूत सुविधाओं के सन्दर्भ में मजबूत किया जाना चाहिए.
उपमहानिरीक्षक (एसओजी) शरत कविराज ने पेपर लीक प्रकरणों और परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित करना अति आवश्यक बताया. बैठक में कार्मिक विभाग के संयुक्त सचिव जय सिंह ने समिति द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों को विस्तार से प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रत्येक परीक्षा के लिए परीक्षा केन्द्रों पर छात्रों का बायोमैट्रिक मिलान करने के साथ ही परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों की उपस्थिति शीट्स की स्कैनिंग भी की जानी चाहिए. इस अवसर पर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के पूर्व सचिव मुकुट बिहारी जांगिड़ एवं सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तकनीकी निदेशक अरूण चौहान भी उपस्थित रहे.