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सीएम गहलोत ने 50 देशों में रह रहे प्रवासी राजस्थानियों ने VC के जरिए किया संवाद

सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दुनिया के 50 देशों में 90 से अधिक जगहों पर रह रहे प्रवासी राजस्थानियों ने वीसी के जरिए संवाद किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि विदेश में रहने वालों का अपने प्रांत के साथ अपनापन बढ़ाने में राजस्थानी भाषा का बड़ा योगदान हैं.

सीएम ने की वीडियो कॉफ्रेंसिंग, CM did video conferencing
मुख्यमंत्री ने प्रवासी राजस्थानियों के साथ किया संवाद
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Published : May 9, 2020, 11:48 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को अधिकारियों के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिंग की. इस दौरान प्रवासी राजस्थानियों के साथ संवाद के दौरान कहा कि विदेश में रहने वालों का अपने प्रांत के साथ अपनापन बढ़ाने में राजस्थानी भाषा का बड़ा योगदान है.

राज्य सरकार राजस्थानी भाषा के विकास और उसको मान्यता दिलाने के लिए कृत-संकल्प है. उन्होंने कहा कि कोरोना सक्रमंण ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. मानवता पर इस संकट के दौरान विदेशों में रहने वाले राजस्थानियों ने अपने प्रदेश और देश के लोगों की भरपूर मदद की है. वह सब साधुवाद के पात्र हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प और प्रयास है कि दुनिया के अलग-अलग देशों में रह रहे प्रवासी राजस्थानियों का अपनी माटी के साथ जुड़ाव बना रहे. इस उद्देश्य के लिए 20 वर्ष पहले राजस्थान फाउण्डेशन का गठन किया गया था और सरकार इसके माध्यम से प्रवासियों के साथ बॉन्डिंग को मजबूत बना रही है.

कॉफ्रेंस के आखिर में मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासी बंधुओं का राजस्थानी भाषा में धन्यवाद व्यक्त किया.उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राजस्थान विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भिजवाया जा चुका हैं.

पढ़ेंः प्रवेश रोकने नहीं, व्यवस्थित आवागमन के लिए की गई सीमाएं सील: CM गहलोत

मुख्यमंत्री ने प्रवासियों को विश्वास दिलाया कि राजस्थान में रहने वाले उनके परिजनों को महामारी में किसी तरह की परेशानी होती है, तो वह राज्य सरकार को जिस भी स्तर पर सूचित करेंगे, उनकी तुरंत मदद की जाएगी.

राजस्थान में स्थिति नियंत्रण में

गहलोत ने बताया कि कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए भारत में अन्य देशों के मुकाबले तुलनात्मक रूप से बेहतर काम हुआ है. देश के अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान में समय रहते कई उपाय किए गए. जिसके चलते यहां संक्रमण की दर कम और रिकवरी प्रतिशत अधिक है.

पढ़ेंः अजमेर: जाटिया गांव में 1 और नसीराबाद कस्बे में मिले 3 कोरोना पॉजिटिव, क्षेत्र में कर्फ्यू

50 से अधिक देशों से प्रवासियों ने किया संवाद

दुनिया के 50 देशों में 90 से अधिक जगहों पर रह रहे प्रवासी राजस्थानियों ने वीसी के जरिए संवाद किया. उन्होंने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए फंसे हुए गरीब मजदूरों की आर्थिक मदद करने, उनको विदेशों में रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित करने, प्रदेश में शिक्षा और गांवों के विकास में सहयोग जैसे प्रस्ताव भी दिए।

अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए दिए सुझाव

कॉफ्रेंस के दौरान कई प्रवासी उद्यमियों ने कोरोना संकट और लॉकडाउन के बाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए. युवाओं के लिए कौशल विकास, राजस्थानी संस्कृति और खान-पान की विदेशों में ब्रान्डिंग और पैकेजिंग, नए उद्यमियों को तकनीकी दक्षता उपलब्ध कराने में मदद के प्रस्ताव दिए. साथ ही, विभिन्न देशों में गठित प्रवासी राजस्थानियों के संगठनों और औद्योगिक फोरम इत्यादि के माध्यम से मुख्यमंत्री, मंत्रियों और राज्य सरकार के अन्य प्रतिनिधियों को अपने यहां आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि विश्व के बदले हुए आर्थिक हालात में विभिन्न देशों के निवेशकों के साथ बैठक कर राजस्थान में निवेश के लिए प्रस्ताव दिए जा सकते हैं.

सुझावों पर होगा सकारात्मक विचार

उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने प्रवासियों की ओर से दिए गए सुझावों पर राज्य सरकार की ओर से सकारात्मक सोच के साथ विचार करने का आश्वासन दिया. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कोरोना से निपटने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी. राजस्थान फाउण्डेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस का संचालन किया.

पढ़ेंः SPECIAL: कोरोना जांच में जोधपुर ने दुनिया के कई बड़े देशों को इस फॉर्मूले के आधार पर पछाड़ा, पढ़िए पूरी रिपोर्ट..

इस दौरान मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह, जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को अधिकारियों के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिंग की. इस दौरान प्रवासी राजस्थानियों के साथ संवाद के दौरान कहा कि विदेश में रहने वालों का अपने प्रांत के साथ अपनापन बढ़ाने में राजस्थानी भाषा का बड़ा योगदान है.

राज्य सरकार राजस्थानी भाषा के विकास और उसको मान्यता दिलाने के लिए कृत-संकल्प है. उन्होंने कहा कि कोरोना सक्रमंण ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. मानवता पर इस संकट के दौरान विदेशों में रहने वाले राजस्थानियों ने अपने प्रदेश और देश के लोगों की भरपूर मदद की है. वह सब साधुवाद के पात्र हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प और प्रयास है कि दुनिया के अलग-अलग देशों में रह रहे प्रवासी राजस्थानियों का अपनी माटी के साथ जुड़ाव बना रहे. इस उद्देश्य के लिए 20 वर्ष पहले राजस्थान फाउण्डेशन का गठन किया गया था और सरकार इसके माध्यम से प्रवासियों के साथ बॉन्डिंग को मजबूत बना रही है.

कॉफ्रेंस के आखिर में मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासी बंधुओं का राजस्थानी भाषा में धन्यवाद व्यक्त किया.उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राजस्थान विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भिजवाया जा चुका हैं.

पढ़ेंः प्रवेश रोकने नहीं, व्यवस्थित आवागमन के लिए की गई सीमाएं सील: CM गहलोत

मुख्यमंत्री ने प्रवासियों को विश्वास दिलाया कि राजस्थान में रहने वाले उनके परिजनों को महामारी में किसी तरह की परेशानी होती है, तो वह राज्य सरकार को जिस भी स्तर पर सूचित करेंगे, उनकी तुरंत मदद की जाएगी.

राजस्थान में स्थिति नियंत्रण में

गहलोत ने बताया कि कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए भारत में अन्य देशों के मुकाबले तुलनात्मक रूप से बेहतर काम हुआ है. देश के अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान में समय रहते कई उपाय किए गए. जिसके चलते यहां संक्रमण की दर कम और रिकवरी प्रतिशत अधिक है.

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50 से अधिक देशों से प्रवासियों ने किया संवाद

दुनिया के 50 देशों में 90 से अधिक जगहों पर रह रहे प्रवासी राजस्थानियों ने वीसी के जरिए संवाद किया. उन्होंने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए फंसे हुए गरीब मजदूरों की आर्थिक मदद करने, उनको विदेशों में रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित करने, प्रदेश में शिक्षा और गांवों के विकास में सहयोग जैसे प्रस्ताव भी दिए।

अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए दिए सुझाव

कॉफ्रेंस के दौरान कई प्रवासी उद्यमियों ने कोरोना संकट और लॉकडाउन के बाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए. युवाओं के लिए कौशल विकास, राजस्थानी संस्कृति और खान-पान की विदेशों में ब्रान्डिंग और पैकेजिंग, नए उद्यमियों को तकनीकी दक्षता उपलब्ध कराने में मदद के प्रस्ताव दिए. साथ ही, विभिन्न देशों में गठित प्रवासी राजस्थानियों के संगठनों और औद्योगिक फोरम इत्यादि के माध्यम से मुख्यमंत्री, मंत्रियों और राज्य सरकार के अन्य प्रतिनिधियों को अपने यहां आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि विश्व के बदले हुए आर्थिक हालात में विभिन्न देशों के निवेशकों के साथ बैठक कर राजस्थान में निवेश के लिए प्रस्ताव दिए जा सकते हैं.

सुझावों पर होगा सकारात्मक विचार

उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने प्रवासियों की ओर से दिए गए सुझावों पर राज्य सरकार की ओर से सकारात्मक सोच के साथ विचार करने का आश्वासन दिया. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कोरोना से निपटने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी. राजस्थान फाउण्डेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस का संचालन किया.

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इस दौरान मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह, जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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