जयपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को ईद-उल-अजहा के अवसर पर प्रदेशवासियों को मुबारकबाद दी है. साथ ही उन्होंने सभी से अपील की है कि इस कोरोना महामारी में सुरक्षा के उपायों के साथ ईद मनाएं.
सीएम गहलोत ने कहा कि ईद का यह त्योहार हमें नेक, नीयत और इंसानियत के साथ समाज के गरीब एवं जरूरतमंद तबके की मदद के लिए सदैव तत्पर रहने की प्रेरणा देता है. यह त्योहार हमें सिखाता है कि देश-प्रदेश के लिए हम हमेशा त्याग और बलिदान करने के लिए तैयार रहें.
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मुख्यमंत्री ने सभी मुस्लिम धर्मावलंबियों से अपील की है कि वे कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ यह त्योहार मनाएं. सीएम गहलोत के कहा कि त्योहार को बड़े हर्षोल्लास के साथ मानना चाहिए, लेकिन वर्तमान में राज्य या देश के सामने ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के सामने कोरोना का संकट है. इसलिए त्योहार मनाने में किसी तरह की कोई कमी नहीं रहनी चाहिए. लेकिन हमारी यह भी जिम्मेदारी है कि इस वैश्विक महामारी के समय हम केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की पालना करें, ताकि हम सब सुरक्षित रह सकें.
यह है मान्यता...
इस्लाम मजहब की मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि अल्लाह ने हजरत इब्राहिम से सपने में उनकी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी मांगी थी. हजरत इब्राहिम अपने बेटे से बहुत प्यार करते थे. लिहाजा उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया. अल्लाह के हुक्म की फरमानी करते हुए हजरत इब्राहिम ने जैसे ही अपने बेटे की कुर्बानी देनी चाही तो अल्लाह ने एक बकरे की कुर्बानी दिलवा दी. कहते हैं तभी से बकरीद का त्योहार मनाया जाने लगा. इसलिए ईद-उल-अजहा यानी बकरीद हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में ही मनाया जाता है.