जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को सीएम आवास पर कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राजनीतिक दलों, स्वयंसेवी संगठनों और धर्मगुरुओं के साथ चर्चा की. इस अहम बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण से बचाव को लेकर सबसे सुझाव लिया. इसके बाद राजस्थान गृह विभाग ने कोरोना को लेकर नई गाइड लाइन जारी कर दी.
9 जनवरी तक स्कूल बंद
जयपुर नगर निगम क्षेत्र (दोनों) में कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल 3 जनवरी से 9 जनवरी तक बंद कर दिये गए हैं. अन्य जिलों में जिला कलेक्टर शिक्षा विभाग सचिव से परामर्श के बाद स्कूल/ शैक्षिणिक संस्थानों के बारे में फैसला ले सकेंगे. अन्य शिक्षण संस्थानों, कोचिंग आदि के लिए छात्रों को माता-पिता या परिजन की लिखित स्वीकृति लानी होगी. कॉलेज और यूनिवर्सिटी के 18 साल से अधिक उम्र के छात्रों को 31 जनवरी 2022 तक कोरोना की दोनों डोज लगवाना संबंधित संस्थान सुनिश्चित करेंगे. ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी.
100 लोग हो सकेंगे शामिल
विवाह आयोजन की जानकारी ऑनलाइन वेब पोर्टल covidinfo.rajasthan.gov.in या 181 पर देनी होगी. सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, जनप्रतिनिधि कोरोना प्रोटोकॉल नियमों का पालन करेंगे. समारोहों में कोविड उपयुक्त व्यवहार किया जाना जरूरी होगा. विवाह समारोह में आयोजनकर्ता को समारोह की वीडियोग्राफी करानी होगी, संबंधित अधिकारियों को प्रूफ के तौर पर दिखाने के लिये यह जरूरी होगा. यदि कोई मैरिज गार्डन कोविड प्रोटोकॉल तोड़ेगा तो उसे 7 दिन में सील किया जाएगा. अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 20 से अधिक न हो. किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में 100 लोगों के शामिल होने की छूट होगी. इससे अधिक संख्या होने पर जानकारी वेब पोर्टल या 181 नंबर पर देनी होगी.
धार्मिक स्थलों के बारे में
धार्मिक स्थल पर जाने वाले श्रद्धालुओं के पास डबल डोज सर्टिफिकेट होना और कोविड प्रोटोकॉल पालन सुनिश्चित कराना होगा. फूल माला प्रसाद आदि ले जाने पर पाबंदी रहेगी. जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी कोविड उपयुक्त व्यवहार की पालना सुनिश्चित करेगी. इसके अलावा लोगों में कोविड जागरुकता के लिए सरकार, सामाजिक संगठन जागरुकता अभियान जारी रखेंगे.
वैक्सीनेशन अनिवार्य
नई गाइडलाइन के अनुसार राजस्थाने में कोरोना की दोनों डोज लेना अनिवार्य कर दिया गया है. कहा गया है कि कोरोना वैक्सीनेशन के बाद नए वरिएंट घातक नहीं रह जाता. इसके अलावा 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, पुराने रोग से ग्रसित व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर में रहने और बेहद जरूरी होने पर ही घर से निकलने की सलाह दी गई है.
राजस्थान में आने वाले यात्री ध्यान दें
विदेश यात्रा कर राजस्थान आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर ही आरटीपीसीआर जांच होगी. जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर 7 दिन के लिए होम कोरेंटीन किया जाएगा. घरेलू हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए वैक्सीनेशन की दोनों डोज का सर्टिफिकेट या 72 घंटे की आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाना जरूरी होगा. यदि रिपोर्ट नहीं दिखाई जाती तो गंतव्य पर आरटीपीसीआर जांच कराना जरूरी होगा.
अन्य जरूरी बिंदू
पूरे प्रदेश में रात 11:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक अनुशासन कर्फ्यू रहेगा. सोशल डिस्टेंसिंग व मुंह पर मास्क सहित अन्य प्रोटोकॉल को लेकर भी सख्त दिशानिर्देश नई गाइडलाइन में जारी किए गए हैं. सभी दुकानों,क्लब,जिम, रेस्टोरेंट, मॉल और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के संचालकों अपने स्वयं और स्टाफ के वैक्सीनेशन लगवाना सुनिश्चित करें. वहीं कितने प्रतिशत स्टाफ का वैक्सीनेशन हो चुका है इसकी सूचना भी डिस्प्ले करना सुनिश्चित करें.
कोविड बैठक में सीएम ने कहा- एकजुटता जरूरी
बैठक को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि सरकार ने कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए अपनी पूरी तैयारी की है. लेकिन इस महामारी से लड़ने के लिए हम सब को एकजुटता के साथ आगे बढ़ना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा इसके लिए हर जनप्रतिनिधि संगठन अपने अपने स्तर पर वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाएं. मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि कोरोना के उपचार में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से बूस्टर डोज से उम्र का राइडर (Demand to remove rider from booster dose) हटाने की मांग की है.
अभियान चलाएं, अधिकारियों को हर प्रकार के फैसले की पूरी छूट
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से कोरोना का नया प्रोटोकॉल भी जारी (new protocol of corona) करने की मांग की. कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सरकार के साथ सभी संगठन राजनीतिक दल बड़े स्तर पर अभियान चलाएं और आम लोगों को कोरोना वायरस से बचने के उपाय करने होंगे, जिसमें मास्क लगाना, वैक्सीनेशन को बढ़ावा देना और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करना अहम है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार के स्तर पर कोरोनावायरस में लगने वाले संसाधनों में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी और अधिकारियों को भी हर प्रकार के फैसले लेने की छूट रहेगी. राजस्थान में कोविड एसओपी जारी (Covid SOP in Rajasthan) की जाएगी.
कोरोना के दूसरे वेरिएंट में हमने राजस्थान की इज्जत बचाई
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना का पहला वेरिएंट ज्यादा घातक नहीं था. इस दौरान न तो वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ी और न ऑक्सीजन की. लेकिन दूसरा वेरिएंट डेल्टा काफी घातक था जिसमें ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की आवश्यकता भी पड़ी और कमी भी आई. लेकिन राजस्थान में अपने संबंधों प्रयासों से लगातार केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जिसके चलते कम से कम राजस्थान में ऑक्सीजन व अन्य संसाधनों की ज्यादा कमी नहीं आने दी. जबकि दूसरे प्रदेशों में कोरोना की दूसरी लहर में काफी तबाही हुई. राजस्थान में कोरोना उपचार के बेहतर प्रबंधन के चलते अन्य प्रदेशों के लोग भी उपचार के लिए आए.
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सख्ती के दिए संकेत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि डब्ल्यूएचओ इस बात को कह चुका है कि कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोम बहुत घातक है. आने वाले दिनों में इसकी सुनामी आएगी. गहलोत ने कहा कि हम इससे निपटने के लिए पहले ही अपनी तैयारी तेज कर रहे हैं. गहलोत ने कहा कि कोरोना के दूसरे वेरिएंट में भी हमने चार्टर्ड प्लेन भेजकर मुंबई से दवाइयां मंगाई और लोगों की जान बचाई. उस हालात में भी हमने राजस्थान की इज्जत बचाई.
जबकि कर्नाटक नोएडा जैसे कई स्थानों पर एक 1 घंटे का भी ऑक्सीजन नहीं बचा था. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने अपने कर्मचारियों से कह दिया कि वैक्सीनेशन नहीं हुआ तो वेतन नहीं देंगे और दिल्ली सरकार ने तो और भी कई कड़े फैसले किए हैं.
कुछ राज्यों में चुनाव हैं, इलेक्शन कमीशन भी इस बारे में देखे
अशोक गहलोत ने कहा हम नियमों के जरिए पाबंदियां लगाते हैं लेकिन यूपी सहित कई राज्यों में चुनाव हैं और उस दौरान चुनाव आयोग की तरफ से भी ज्यादा पाबंदी नहीं लगी. ऐसे में लोग हमसे पूछते हैं कि हम पर पाबंदी और राजनीतिक दलों पर छूट क्यों. गहलोत ने कहा इस बारे में तो चुनाव आयोग को ही देखना होगा.