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समर्थन मूल्य पर चना सरसों की 29 जून तक होगी खरीद...किसान अब भी पंजीयन कर उपज का कर सकते हैं बेचान

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Published : Jun 7, 2021, 10:57 PM IST

राजस्थान में समर्थन मूल्य पर सरसों और चना की खरीद के लिए किसान अब भी अपना पंजीयन करा सकते हैं. क्योंकि सरकारी खरीद 29 जून तक जारी रहेगी. यह जानकारी सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने दी. राज्य में सरसों एवं चना की खरीद 1 अप्रैल से आरंभ की गई थी.

Farmer Support Price Registration
समर्थन मूल्य पर चना सरसों की खरीद

जयपुर. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने एक बयान जारी कर बताया कि भारत सरकार की ओर से सरसों का समर्थन मूल्य 4650 रु. प्रति क्विंटल घोषित किया हुआ है. राज्य की विभिन्न मण्डियों में सरसों समर्थन मूल्य दर से ऊपर लगभग 7200 रु. प्रति क्विंटल तक बिक रहा है. राज्य में सरसों के बाजार भाव समर्थन मूल्य दर से अधिक होने के कारण किसानों को सरसों का अधिक लाभकारी मूल्य प्राप्त हो रहा है.

सहकारिता मंत्री ने बताया कि अब तक 80,731 किसानों ने चना विक्रय के लिए पंजीयन कराया है. जिसमें से 80,719 किसानों को तारीख आवंटित कर दी गई है. इसमें से मात्र 2639 किसानों की ओर से ही 5187 मै.टन चना विक्रय किया गया है. जिसका मुख्य कारण राज्य की विभिन्न मण्डियों में चने के बाजार भाव समर्थन मूल्य दर के आस-पास या उससे अधिक होना है. उन्होंने बताया कि चना बेचान करने वाले 2298 किसानों को 22.86 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

आंजना ने बताया कि एक जनआधार कार्ड पर एक ही पंजीकरण मान्य होगा. उन्होंने बताया कि एक मोबाईल नम्बर पर एक ही पंजीकरण दर्ज करवाया जा सकेगा. अर्थात प्रत्येक पंजीकरण में पृथक-पृथक मोबाइल नम्बर दर्ज होंगे, जिसमें किसान सरसों-चना के पंजीकरण दर्ज करवा सकेगा. उनके द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि ई-मित्र पंजीकरण से संबंधित नियमों की पूर्ण पालना सुनिश्चित करें. संबंधित सभी ई-मित्र जिस क्षेत्र में किसान की कृषि भूमि है उसी तहसील के कार्य क्षेत्र में आने वाले क्रय केन्द्र का चयन कर पंजीकरण कर सकेंगे. यदि कृषक/ई-मित्र द्वारा गलत तहसील भरकर पंजीकरण कराया जाता है तो ऐसे किसानों से जिन्स क्रय करना संभव नहीं होगा. अतः किसान पंजीकरण के समय पूर्ण सावधानी बरतें.

पढ़ें- PM मोदी को अपना गलत फैसला वापस लेना पड़ा, ये जनभावनाओं की जीत हैः सीएम गहलोत

आंजना ने कहा कि ऐसे किसान जिन को चना विक्रय के लिए तारीख आवंटित कर दी गई थी. परन्तु वे अपना चना विक्रय नहीं कर पाये हैं तो ऐसे किसानों के आवेदन प्राप्त होने पर उन्हें पुनः चना तुलाई का अवसर भी दिया जा रहा है. ऐसे किसान जिनकी चना तुलाई की तारीख निकल गई है, वे संबंधित क्रय केन्द्र पर चना तुलाई के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत कर दें. ऐसे किसानों से राजफैड़ द्वारा नियमानुसार चना क्रय कर लिया जायेगा.

गौरतलब है कि अब तक एमएसपी पर अपनी उपज के बेचान के लिए बहुत कम किसानों ने अपना पंजीयन कराया है. यही कारण है कि विभाग चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा किसान पंजीयन कराकर अपनी उपज एमएसपी पर भेजें.

जयपुर. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने एक बयान जारी कर बताया कि भारत सरकार की ओर से सरसों का समर्थन मूल्य 4650 रु. प्रति क्विंटल घोषित किया हुआ है. राज्य की विभिन्न मण्डियों में सरसों समर्थन मूल्य दर से ऊपर लगभग 7200 रु. प्रति क्विंटल तक बिक रहा है. राज्य में सरसों के बाजार भाव समर्थन मूल्य दर से अधिक होने के कारण किसानों को सरसों का अधिक लाभकारी मूल्य प्राप्त हो रहा है.

सहकारिता मंत्री ने बताया कि अब तक 80,731 किसानों ने चना विक्रय के लिए पंजीयन कराया है. जिसमें से 80,719 किसानों को तारीख आवंटित कर दी गई है. इसमें से मात्र 2639 किसानों की ओर से ही 5187 मै.टन चना विक्रय किया गया है. जिसका मुख्य कारण राज्य की विभिन्न मण्डियों में चने के बाजार भाव समर्थन मूल्य दर के आस-पास या उससे अधिक होना है. उन्होंने बताया कि चना बेचान करने वाले 2298 किसानों को 22.86 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

आंजना ने बताया कि एक जनआधार कार्ड पर एक ही पंजीकरण मान्य होगा. उन्होंने बताया कि एक मोबाईल नम्बर पर एक ही पंजीकरण दर्ज करवाया जा सकेगा. अर्थात प्रत्येक पंजीकरण में पृथक-पृथक मोबाइल नम्बर दर्ज होंगे, जिसमें किसान सरसों-चना के पंजीकरण दर्ज करवा सकेगा. उनके द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि ई-मित्र पंजीकरण से संबंधित नियमों की पूर्ण पालना सुनिश्चित करें. संबंधित सभी ई-मित्र जिस क्षेत्र में किसान की कृषि भूमि है उसी तहसील के कार्य क्षेत्र में आने वाले क्रय केन्द्र का चयन कर पंजीकरण कर सकेंगे. यदि कृषक/ई-मित्र द्वारा गलत तहसील भरकर पंजीकरण कराया जाता है तो ऐसे किसानों से जिन्स क्रय करना संभव नहीं होगा. अतः किसान पंजीकरण के समय पूर्ण सावधानी बरतें.

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आंजना ने कहा कि ऐसे किसान जिन को चना विक्रय के लिए तारीख आवंटित कर दी गई थी. परन्तु वे अपना चना विक्रय नहीं कर पाये हैं तो ऐसे किसानों के आवेदन प्राप्त होने पर उन्हें पुनः चना तुलाई का अवसर भी दिया जा रहा है. ऐसे किसान जिनकी चना तुलाई की तारीख निकल गई है, वे संबंधित क्रय केन्द्र पर चना तुलाई के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत कर दें. ऐसे किसानों से राजफैड़ द्वारा नियमानुसार चना क्रय कर लिया जायेगा.

गौरतलब है कि अब तक एमएसपी पर अपनी उपज के बेचान के लिए बहुत कम किसानों ने अपना पंजीयन कराया है. यही कारण है कि विभाग चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा किसान पंजीयन कराकर अपनी उपज एमएसपी पर भेजें.

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