जयपुर. प्रदेश के केंद्रीय सहकारी बैंक अब डिफाल्टर होने से बचेंगे. जी हां राज्य के केंद्रीय सहकारी बैंकों में तरलता की समस्या को दूर करने के लिए अपेक्स बैंक के स्तर पर ऋण राशि जारी की जाएगी. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि इस संबंध में सहकारी बैंक तरलता समाधान योजना लागू की गई है. योजना जारी होने से केंद्रीय सहकारी बैंक जहां डिफाल्टर होने से बचेंगे. वहीं दूसरी ओर किसानों को मिलने वाले ऋण की सुविधाओं में भी विस्तार होगा.
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सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस योजना के कारण ऐसे केंद्रीय बैंक जो तरलता की विषम परिस्थितियों के कारण क्षेत्र के किसानों की फसली ऋण की मांग लक्ष्य के अनुरूप नहीं कर पा रहे थे और नकद आरक्षित अनुपात और वैधानिक तरलता अनुपात का आरबीआई के मापदंड अनुसार संधारण नहीं कर पा रहे थे. अब ऐसे बैंक अपेक्स बैंक से साख सीमा के रूप में राशि प्राप्त कर सकेंगे. सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार के अनुसार अपेक्स बैंक की विगत 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष की कुल जमाव के अधिकतम 15% की राशि केंद्रीय सहकारी बैंकों को सहायता के रूप में मिल पाएगी.
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उन्होंने बताया कि केंद्रीय सहकारी बैंकों की लेखा पुस्तकों में बकाया राशि के बेटे सरकार से प्राप्त होने वाली राशि के सहायक प्रतिशत की राशि साख सीमा के रूप में बैंक विशेष के पक्ष में स्वीकृत हो पाएगी. सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार डॉ. नीरज के पवन के अनुसार योजना के लागू हो जाने से राज्य के केंद्रीय सहकारी बैंकों की स्थिति मजबूत होगी और बैंकों को तरलता की विषम परिस्थितियों जैसे नियामक संस्थाओं द्वारा निर्धारित मापदंड की पालना में समस्या नहीं होगी.