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जयपुर में जलती कार से लोगों की जान बचाने वालों के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया राज कार्य में बाधा का मुकदमा - Fire in Jaipur caught fire

जयपुर के जमवारामगढ़ थाना इलाके में ट्रक और कार की आमने-सामने भिड़ंत होने से कार में आग लग गई थी. जिसमें ग्रामीणों की ओर से कार में सवार 5 लोगों की जान बचाई गई थी. हालांकि कार चालक बुरी तरह से फंस गया था. जिससे वह कार में जलकर मौत का शिकार हो गया. खास बात यह है कि जिन्होंने कार में फंसे लोगों की जान बचाई. पुलिस ने उन्हीं पर राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज कर लिया है.

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जयपुर में जलती का में चालक की मौत
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Published : Feb 22, 2021, 12:08 PM IST

जयपुर. राजधानी के जमवारामगढ़ थाना इलाके में ट्रक और कार की आमने-सामने भिड़ंत होने से कार में आग लग गई थी. जिसमें ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कार में सवार 5 लोगों की जान बचाई थी. हालांकि कार चालक बुरी तरह से फंस गया था, जिससे चालक जिंदा जलकर मौत का शिकार हो गया था.

वहीं, जिन ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर चलती कार से पांच लोगों की जान बचाई थी. पुलिस ने उन्हीं पर राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज कर लिया है. जानकारी के मुताबिक जमवारामगढ़ इलाके में 17 फरवरी की रात कार और ट्रक की भिड़ंत में कार चालक की जिंदा जलकर मौत हो गई थी. जिसमें 30 से 40 ग्रामीणों ने कार में सवार अन्य लोगों की जान बचा ली थी.

मामले में पुलिस का कहना है कि 30 से 40 लोगों ने एंबुलेंस पर पथराव किया था और पुलिस की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए थे. इसके तहत मृतक के परिजनों का कहना है कि गांव वालों की वजह से उनका परिवार जिंदा बच गया. साथ ही उनका कहना है कि पुलिस काफी देरी से पहुंची थी. जिसकी वजह से ग्रामीणों ने आक्रोश भी जताया था. हालांकि पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों से मारपीट की.

इसके अलावा एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए. दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो गांव वालों ने पुलिस के साथ मारपीट की करीब आधे घंटे तक. जिसपर हाइवे को भी जाम कर दिया गया. पुलिस ने काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया. जिसके बाद रायसर चौकी प्रभारी नेमीचंद ने उनपर राजकार्य बाधा का मामला दर्ज करवाया है.

पढ़ें: एक युवक को बचाने के लिए 15 KM तक दौड़ती रही राजस्थान पुलिस, जानें आगे की कहानी

पुलिस ने मामला दर्ज किया है कि लोगों ने एंबुलेंस पर पथराव कर शीशे तोड़ दिए. साथ ही पुलिस की जीप पर भी पथराव किया गया और पुलिस कर्मियों से भी मारपीट की गई. जिसमें कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं. लोगों का कहना है कि आग लगने वाली कार के 50 मीटर पीछे दूसरी कार में परिवार के अन्य लोग मौजूद थे. वहीं, मृतक चालक के परिजनों का कहना है कि गांव वालों की वजह से हमारे परिवार की पांच लोगों की जान बच गई है. इसके लिए गांव वालों के शुक्रगुजार हैं. आग लगने वाली कार के 50 मीटर पीछे दूसरी कार में परिवार के लोग आ रहे थे.

हादसे में टक्कर के बाद तुरंत कार में आग लग गई. जिसमें 5 मिनट बाद ही काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और मिट्टी डालकर आग को बुझाने का प्रयास किया गया. इसके साथ ही पानी की बाल्टी आला कर भी आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया. इस दौरान 5 लोगों को कार से बाहर निकाल कर ग्रामीणों ने बचा लिया. लेकिन चालक बुरी तरह से फंस गया था, जिसकी मौत हो गई. करीब 1 घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची. जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया है. इस मामेल में पुलिस अपनी गलती छुपाने के लिए सच्चाई पर पर्दा डाल रही है.

जयपुर. राजधानी के जमवारामगढ़ थाना इलाके में ट्रक और कार की आमने-सामने भिड़ंत होने से कार में आग लग गई थी. जिसमें ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कार में सवार 5 लोगों की जान बचाई थी. हालांकि कार चालक बुरी तरह से फंस गया था, जिससे चालक जिंदा जलकर मौत का शिकार हो गया था.

वहीं, जिन ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर चलती कार से पांच लोगों की जान बचाई थी. पुलिस ने उन्हीं पर राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज कर लिया है. जानकारी के मुताबिक जमवारामगढ़ इलाके में 17 फरवरी की रात कार और ट्रक की भिड़ंत में कार चालक की जिंदा जलकर मौत हो गई थी. जिसमें 30 से 40 ग्रामीणों ने कार में सवार अन्य लोगों की जान बचा ली थी.

मामले में पुलिस का कहना है कि 30 से 40 लोगों ने एंबुलेंस पर पथराव किया था और पुलिस की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए थे. इसके तहत मृतक के परिजनों का कहना है कि गांव वालों की वजह से उनका परिवार जिंदा बच गया. साथ ही उनका कहना है कि पुलिस काफी देरी से पहुंची थी. जिसकी वजह से ग्रामीणों ने आक्रोश भी जताया था. हालांकि पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों से मारपीट की.

इसके अलावा एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए. दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो गांव वालों ने पुलिस के साथ मारपीट की करीब आधे घंटे तक. जिसपर हाइवे को भी जाम कर दिया गया. पुलिस ने काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया. जिसके बाद रायसर चौकी प्रभारी नेमीचंद ने उनपर राजकार्य बाधा का मामला दर्ज करवाया है.

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पुलिस ने मामला दर्ज किया है कि लोगों ने एंबुलेंस पर पथराव कर शीशे तोड़ दिए. साथ ही पुलिस की जीप पर भी पथराव किया गया और पुलिस कर्मियों से भी मारपीट की गई. जिसमें कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं. लोगों का कहना है कि आग लगने वाली कार के 50 मीटर पीछे दूसरी कार में परिवार के अन्य लोग मौजूद थे. वहीं, मृतक चालक के परिजनों का कहना है कि गांव वालों की वजह से हमारे परिवार की पांच लोगों की जान बच गई है. इसके लिए गांव वालों के शुक्रगुजार हैं. आग लगने वाली कार के 50 मीटर पीछे दूसरी कार में परिवार के लोग आ रहे थे.

हादसे में टक्कर के बाद तुरंत कार में आग लग गई. जिसमें 5 मिनट बाद ही काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और मिट्टी डालकर आग को बुझाने का प्रयास किया गया. इसके साथ ही पानी की बाल्टी आला कर भी आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया. इस दौरान 5 लोगों को कार से बाहर निकाल कर ग्रामीणों ने बचा लिया. लेकिन चालक बुरी तरह से फंस गया था, जिसकी मौत हो गई. करीब 1 घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची. जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया है. इस मामेल में पुलिस अपनी गलती छुपाने के लिए सच्चाई पर पर्दा डाल रही है.

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