जयपुर. बीवीजी कंपनी (BVG Company) प्रतिनिधि से कथित लेनदेन के वीडियो मामले में RSS प्रचारक निम्बाराम (Nimbaram) के खिलाफ ACB में मामला दर्ज होने के बाद से ही भाजपा आक्रोशित है. मंगलवार दोपहर बीजेपी प्रदेश नेतृत्व से जुड़े एक प्रतिनिधिमंडल ने जहां राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा तो देर शाम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ने एक बयान जारी कर इसी मामले में गहलोत सरकार पर जुबानी हमला बोला.
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ने संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम (Nimbaram) का ACB में नाम जोड़े जाने पर राजस्थान सरकार पर तीखा हमला बोला है. राजे ने कहा कि राजस्थान में 4 दशक के उनके राजनीतिक सफर में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, जब किसी राष्ट्रवादी संगठन पर अलोकतांत्रिक तरीके से प्रहार किया गया हो. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छवि को धूमिल करने का असफल प्रयास कांग्रेस को महंगा पड़ेगा.
राज्यपाल को सौंपा था ज्ञापन
इससे पहले दोपहर को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में प्रदेश के आला नेताओं का एक दल राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर इस मसले पर ज्ञापन सौंपा था. जिसमें प्रदेश की गहलोत सरकार पर ACB का दुरुपयोग कर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. अब वसुंधरा राजे ने प्रदेश सरकार पर इसी मामले में जुबानी हमला बोला है. माना जा रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रदेश इकाई और प्रदेश नेताओं को इस मसले पर लगातार आक्रमक रुख अख्तियार करने के निर्देश दिए हैं.
क्या है पूरा मामला...
राजधानी जयपुर के ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर के निलंबन के बाद अब बीवीजी कंपनी घूसकांड (BVG Bribery Case) ने सरकार और विपक्ष में तहलका मचा रखा है. सौम्या गुर्जर के पति राजाराम के खिलाफ इस घूसकांड में ACB में दर्ज मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम का नाम भी शामिल है.
2017 में हुई थी योजना की शुरुआत
साल 2017 में तत्कालीन महापौर अशोक लाहोटी ने राजधानी में BVG कंपनी के जरिए डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने की योजना की शुरुआत की थी. राजधानी में करीब 527 डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली गाड़ियां संचालित हैं. इनमें से BVG की गाड़ियां महज 106 हैं, जबकि 421 गाड़ियां उन वेंडर्स की हैं जिन्हें BVG ने सबलेट किया है, जोकि नियम विरुद्ध है.
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BVG कंपनी को नगर निगम प्रशासन ने जो काम सौंपा था, उसमें शर्तों की पालना नहीं हुई. बावजूद इसके BVG कंपनी ने अधूरे काम के 300 करोड़ से ज्यादा के बिल निगम को सौंप दिए. 100 फीसदी डोर टू डोर कचरा संग्रहण, कचरे का सेग्रीगेशन, हूपर्स में ट्रैकिंग सिस्टम, वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन बनाकर मैकेनाइज सिस्टम से डंपिंग यार्ड तक कचरा पहुंचाने और शहर में ओपन कचरा डिपो हटाने जैसी शर्तों के साथ, BVG कंपनी को नगर निगम प्रशासन की ओर से काम सौंपा गया था, लेकिन इन शर्तों की पालना नहीं हुई. बावजूद इसके BVG कंपनी ने अधूरे काम के 300 करोड़ से ज्यादा के बिल निगम को सौंप दिए.
बता दें, BVG कंपनी देश के 70 से ज्यादा शहरों में काम कर रही है और जिसका सालाना टर्नओवर 2000 करोड़ से ज्यादा का है. कंपनी का दावा है कि निगम पर 302 करोड़ का बकाया है, लेकिन लूप पोल ये है कि 2 वर्षों से कंपनी के काम की थर्ड पार्टी से निगरानी ही नहीं हुई. ऐसे में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि जब बिलों का वेरिफिकेशन ही नहीं हुआ है, तो उसका भुगतान कैसे हो रहा है. बताया जा रहा है इसी बिल में से 276 करोड़ रुपए के बकाया भुगतान को लेकर कथित डील हुई जिसके ऑडियो और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं.