जयपुर. राजधानी में शुक्रवार को एक निजी होटल में चार दिवसीय रियल एस्टेट (Jaipur Real estate expo) एक्सपो का आगाज हुआ. इस दौरान प्रदेश के सभी बड़े बिल्डर्स और डेवलपर्स एक छत के नीचे आए और राज्य सरकार से स्टांप ड्यूटी कम करने और रियल एस्टेट को उद्योग में शामिल करने की मांग उठाई. वहीं उद्घाटन समारोह में पहुंची राजस्थान सरकार की उद्योग मंत्री शकुंतला रावत और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने डेवलपर्स की मांग को मुख्यमंत्री के सामने रखने की बात कही. उन्होंने उम्मीद जताई कि आम जनता को बिल्डर्स और डेवलपर्स कम से कम दरों में बेहतर सुविधाओं वाला आवास उपलब्ध कराएंगे.
कोरोना काल के 2 साल बाद क्रेडाई की ओर से रियल एस्टेट एक्सपो का आयोजन किया गया, (Builders demanded to decrease stamp duty in jaipur) जिसमें राजस्थान के सभी लीडिंग डेवलपर्स ने भाग लिया. एक्स्पो में 4 लाख से लेकर 6 करोड़ तक की प्रॉपर्टीज के ऑफर उपलब्ध हैं. इसमें प्रीमियम रेजिडेंशियल, अफॉर्डेबल हाउसिंग, विला, टाउनशिप, कमर्शियल शॉप, ऑफिस, स्टूडियो, फार्म हाउस, रिसोर्ट, हाउसिंग सहित जैसी प्रॉपर्टीज शामिल हैं. यहां प्रदेश के 36 प्रमुख डेवलपर्स की ओर से जयपुर, एनसीआर, जोधपुर और राजस्थान के दूसरे शहरों के 300 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स को प्रदर्शित किया जा रहा है.
रेट बढ़ने के बाद भी पुरानी दर पर बेच रहे प्रॉपर्टी: क्रेडाई राजस्थान के प्रेसिडेंट धीरेंद्र मदान ने बताया कि सभी डेवलपर्स ने मटेरियल के रेट 40 से 45% बढ़ चुके हैं. इसके बाद भी 4 दिन के एक्सपो के दौरान फ्लैट और विला पुरानी दर पर बेचने का फैसला लिया गया है. इससे जो लोग आवास खरीदने के इच्छुक हैं, उन्हें बहुत लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिन लोगों ने प्रॉपर्टी नहीं ली, अब वो भी प्रॉपर्टी खरीदेंगे. ऐसे में आगामी 3 साल रियल स्टेट के लिए स्वर्णिम होंगे. उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि 8.8% स्टांप ड्यूटी में सभी कैटेगरी के फ्लैट, विला, प्लॉट पर रियायत दें. ताकि जनता तक कम से कम रेट में प्रोडक्ट पहुंच सके. साथ ही सरकार मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में जल्द से जल्द पानी पहुंचाने की व्यवस्था करें.
वहीं एक्सपो का उद्घाटन करने पहुंची उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि कोरोना के बाद प्रदेश के उद्योग विभाग और दूसरे विभागों के काम ने गति पकड़ ली है. डेवलपर्स विकास की गति को आगे बढ़ाने का काम कर सकते हैं. सरकार भी बिल्डर्स और डेवलपर्स के साथ खड़ी है. उनसे उम्मीद यही है कि वो श्रेणीवार फ्लैट का निर्माण करें. ताकि एक आम व्यक्ति भी मकान की जरूरत को पूरा कर सके, और कम दरों में उन्हें मकान मिल सके. उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार ने होटल व्यवसाय को उद्योग में शामिल कर दिया है. अब रियल एस्टेट को उद्योग में शामिल करने की मांग आई है, जिसे मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा.
कम दर में ज्यादा सुविधा मिलेगी: वहीं आरटीडीसी चेयरमैन ने उम्मीद जताई कि डेवलपर्स सरकार की ओर से बनाए गए बायलॉज को ध्यान में रखते हुए राजस्थान की जनता को कम से कम दर और ज्यादा से ज्यादा सुविधाओं के साथ फ्लैट और आवास मिल सकेंगे. कोरोना काल के बाद जो परिस्थितियां बदली है, उसके अनुसार आवासों का निर्माण करेंगे. इस दौरान मौजूद रहे रेरा चेयरमैन एनसी गोयल ने बताया कि रियल एस्टेट इकोनामी का बहुत बड़ा सेक्टर है. एग्रीकल्चर के बाद रियल एस्टेट सबसे ज्यादा एंप्लॉयमेंट देता है. राज्य सरकार और रेरा रियल स्टेट को प्रोत्साहन देने में लगा हुआ है. हालांकि कोरोना में इस सेक्टर को काफी नुकसान हुआ है. अब उम्मीद है कि लोग ज्यादा से ज्यादा खुद का मकान खरीदना चाहेंगे. चूंकि कोरोना में लोगों को समझ आ गया है कि खुद का मकान जरूर होना चाहिए. माना जा रहा है कि अब रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ा बूस्ट मिलेगा.