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राज्यसभा 'रण' में BSP का पेंच, रिटर्निंग अधिकारी से मतदान के दौरान पार्टी का एजेंट नियुक्त करने की मांग

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Published : Jun 18, 2020, 8:13 PM IST

राजस्थान में होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने पेंच लगा दिया है. दरअसल, पार्टी की मांग है कि जो बीएसपी विधायक, कांग्रेस में गए हैं. वे बसपा के अधिकृत एजेंट को मतदान के दौरान अपना वोट दिखाएं. अन्यथा उनकी विधायकी समाप्त की जा सकती है.

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मतदान के दौरान पार्टी का एजेंट नियुक्त करने की मांग

जयपुर. राज्यसभा की तीन सीटों के लिए शुक्रवार को होने वाले चुनाव को लेकर प्रदेश में सियासत गर्म है. खासतौर पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) के टिकट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने वाले उन 6 विधायकों को लेकर, जो अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. अब बसपा प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने विधानसभा सचिव और रिटर्निंग ऑफिसर को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि मतदान और मतगणना प्रक्रिया में राजनीतिक दल होने के नाते बीएसपी के पोलिंग और काउंटिंग एजेंट भी बनाकर उन्हें इस प्रक्रिया में शामिल किया जाए.

मतदान के दौरान पार्टी का एजेंट नियुक्त करने की मांग

इस संबंध में दिए गए ज्ञापन में भगवान सिंह बाबा ने यह भी लिखा कि बसपा के टिकट से जीतने वाले 6 विधायक के कांग्रेस में विलय करने का दावा पूर्ण रूप से मिथ्या कथन है. उनके अनुसार बहुजन समाज पार्टी एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी है, जिसका कांग्रेस में विलय कभी नहीं हुआ है. ऐसे में राजस्थान इकाई का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते राज्यसभा चुनाव के दौरान बसपा के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में उन्हें मतदान स्थल पर बैठने की इजाजत दें. ताकि बसपा के सिंबल पर जीते विधायक योगेंद्र सिंह अवाना, वाजिद अली, संदीप यादव, राजेंद्र सिंह, लाखन सिंह मीणा और दीपचंद खेरिया उन्हें अपना वोट दिखाने के बाद ही मतदान कर सकें.

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राज्यसभा चुनाव में BSP का पेच

यह भी पढ़ेंः राज्यसभा का 'रण': राजेंद्र गहलोत को भाजपा दिलवाएगी प्रथम वरीयता के वोटों से अधिक मत

बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इन 6 विधायकों ने पार्टी के साथ गद्दारी की है. ऐसे में नियम और कानून के अनुसार यदि राज्यसभा चुनाव के मतदान में उन्होंने बसपा के अधिकृत एजेंट को मतदान के दौरान अपना वोट नहीं दिखाया तो उनकी विधायकी भी समाप्त की जा सकती है.

जयपुर. राज्यसभा की तीन सीटों के लिए शुक्रवार को होने वाले चुनाव को लेकर प्रदेश में सियासत गर्म है. खासतौर पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) के टिकट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने वाले उन 6 विधायकों को लेकर, जो अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. अब बसपा प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने विधानसभा सचिव और रिटर्निंग ऑफिसर को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि मतदान और मतगणना प्रक्रिया में राजनीतिक दल होने के नाते बीएसपी के पोलिंग और काउंटिंग एजेंट भी बनाकर उन्हें इस प्रक्रिया में शामिल किया जाए.

मतदान के दौरान पार्टी का एजेंट नियुक्त करने की मांग

इस संबंध में दिए गए ज्ञापन में भगवान सिंह बाबा ने यह भी लिखा कि बसपा के टिकट से जीतने वाले 6 विधायक के कांग्रेस में विलय करने का दावा पूर्ण रूप से मिथ्या कथन है. उनके अनुसार बहुजन समाज पार्टी एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी है, जिसका कांग्रेस में विलय कभी नहीं हुआ है. ऐसे में राजस्थान इकाई का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते राज्यसभा चुनाव के दौरान बसपा के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में उन्हें मतदान स्थल पर बैठने की इजाजत दें. ताकि बसपा के सिंबल पर जीते विधायक योगेंद्र सिंह अवाना, वाजिद अली, संदीप यादव, राजेंद्र सिंह, लाखन सिंह मीणा और दीपचंद खेरिया उन्हें अपना वोट दिखाने के बाद ही मतदान कर सकें.

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राज्यसभा चुनाव में BSP का पेच

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बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इन 6 विधायकों ने पार्टी के साथ गद्दारी की है. ऐसे में नियम और कानून के अनुसार यदि राज्यसभा चुनाव के मतदान में उन्होंने बसपा के अधिकृत एजेंट को मतदान के दौरान अपना वोट नहीं दिखाया तो उनकी विधायकी भी समाप्त की जा सकती है.

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