जयपुर. भाजपा मुख्यालय में रविवार के दिन मंथन का दौर चला. सतीश पूनिया की नई टीम की घोषणा के बाद आधिकारिक रूप से प्रदेश पदाधिकारियों की इस पहली बैठक में 4 सत्र हुए. पहले सत्र में प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने संबोधित किया, दूसरे सत्र को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, तीसरे सत्र को संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और चौथे व अंतिम सत्र में खुद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने संबोधित किया.
पहले सत्र में अविनाश राय खन्ना ने प्रदेश पदाधिकारियों को पार्टी की रीति नीति और विचारधारा की जानकारी दी. साथ ही आगामी कार्यक्रमों में जुटने का आह्वान किया. दूसरे सत्र में प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही वर्चुअल तरीके से जिला अध्यक्ष और पार्टी के राजस्थान से आने वाले तीनों केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, अशोक परनामी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संबोधित किया.
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इस दौरान प्रदेश टीम की और कामकाज की भी सराहना की गई. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया कोरोना वायरस के दौरान किए गए सेवा कार्यों की जानकारी दी. साथ ही प्रदेश की नई टीम से भी राष्ट्रीय अध्यक्ष को परिचय कराया. इस दौरान नड्डा ने संगठनात्मक कामकाज के नजरिए से आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए.
तीसरे सत्र में संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सतीश ने संबोधित किया. इस दौरान कार्य विभाजन, कार्य योजना क्रियान्वयन, कार्य प्रगति और आगामी कार्य योजना पर विचार भी साझा किए गए.
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वहीं, चौथे और अंतिम सत्र में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश के राजनीतिक मुद्दों और भाजपा की संघर्ष यात्रा को लेकर अपने विचार रखे. पूनिया के अनुसार अब जल्द ही प्रदेश पदाधिकारियों में कार्य का विभाजन किया जाएगा ताकि प्रदेश की टीम जनता के बीच रहकर उनकी सेवा कर सके. साथ ही तात्कालिक विषयों को उठाकर सरकार को घेरा जा सके.
प्रदेश पदाधिकारियों की इस बैठक में टीम के सभी सदस्य मौजूद रहे. वहीं, मंच पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र राठौड़, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सतीश मौजूद रहे. हालांकि, प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए.
भाजपा बिजली बिल माफी सहित विभिन्न मुद्दों पर 30 अगस्त को करेगी विरोध प्रदर्शन
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश सरकार पर विधानसभा में सदन से बचने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि सदन में बिजली बिल की माफी, वीसीआर से परेशान किसानों से जुड़ा मुद्दा और टिड्डी हमले से फसलों को हुए नुकसान सहित प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के मामले में सदन में चर्चा हो, लेकिन सरकार की मंशा सदन से भागने की है. उन्होंने कहा कि बिजली बिल माफी को लेकर भाजपा प्रदेश भर में गत 30 अगस्त को विरोध प्रदर्शन करेगी, जबकि 2 सितंबर को जिला मुख्यालय पर भाजपा के सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधि कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे.
पूनिया ने कहा कि सदन से भले ही सरकार भागे, लेकिन बीजेपी इन मुद्दों को लेकर सड़कों पर भी उतरेगी और सरकार से जवाब भी मांगेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे कई मुद्दे हैं, जिन पर सरकार को जवाब देना चाहिए लेकिन सरकार जवाब देने से बचने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि 14 अगस्त को विधानसभा के पहले दिन भी सरकार ने अपनी जुगाड़ की सरकार को बचाने का काम किया और सत्र के दूसरे दिन कोरोना वायरस या तो हुई लेकिन आधी अधूरी.
सतीश पूनिया ने कहा कि अब सरकार चाहती है कि मौजूदा सत्र का कामकाज अगले एक ही दिन में निपटा लिया जाए और उसके लिए सोमवार को कार्य सलाहकार समिति की बैठक भी बुलाई गई है. लेकिन हमने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से आग्रह किया है कि उस बैठक में जनता से जुड़े मामलों को उठाया जाए और सदन की कार्रवाई थोड़ी आगे बढ़ाई जाए, ताकि इन मुद्दों को भी सदन में उठाया जा सके.