जयपुर. प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही मौत के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं. कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार की ओर से लॉकडाउन लगाया गया है. अस्थियों के विसर्जन पर भी लॉकडाउन का असर देखने को मिल रहा है. राजधानी जयपुर के मुक्तिधाम में अस्थि कलशों का अंबार लगा हुआ है.
लॉकडाउन के चलते अस्थियों के विसर्जन में भी लोगों को काफी परेशानी हो रही है. राजधानी जयपुर समेत अन्य शहरों में अस्थियों का विसर्जन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में शमशानों में रखी अस्थियां विसर्जन का इंतजार कर रही हैं. लॉकडाउन के दौरान सभी प्रकार के परिवहन सेवाएं बंद कर दी गई है. ऐसे में लोग अस्थियों को लेकर हरिद्वार नहीं पहुंच पा रहे.
वहीं राजस्थान रोडवेज की ओर से संचालित की जा रही मोक्ष कलश निशुल्क बस सेवा भी लॉकडाउन के दौरान बंद पड़ी हुई है. ऐसे में अस्थियों को विसर्जन का इंतजार है और मोक्ष धाम में बने लॉकर फुल हो चुके हैं. इसी तरह जयपुर के कई श्मशानों में हालात हो रहे हैं. अगर अस्थियों का विसर्जन नहीं हो पाएगा, तो आने वाले दिनों में अस्थियों को रखने के लिए जगह की भी मुसीबत खड़ी हो जाएगी.
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जयपुर की आदर्श नगर शमशान में एक के ऊपर एक अस्थि कलश रखे हुए हैं, आदर्श नगर शमशान में करीब 1000 से भी ज्यादा अस्थि कलश रखे हुए हैं. लॉकडाउन लगने के बाद कोई भी लोग अस्थियों को लेने के लिए नहीं आ रहे हैं.
बता दें कि राजस्थान सरकार की ओर से वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान अस्थियों के विसर्जन के लिए मोक्ष कलश निशुल्क बस सेवा शुरू की गई थी. जिसमें एक कलश के साथ 2 व्यक्तियों को हरिद्वार जाने की अनुमति दी गई थी. वर्ष 2021 में लॉकडाउन के दौरान रोडवेज की सभी बस सेवाएं बंद कर दी गई है. इसके साथ ही मोक्ष कलश निशुल्क बस सेवा भी बंद हो गई. ऐसे में अब लोग अस्थियो को लेकर हरिद्वार नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसकी वजह से श्मशान के लोकर अस्थियों से भरे पड़े हैं.
हालांकि अस्थि कलश निशुल्क बस सेवा के लिए रजिस्ट्रेशन तो जारी है, लेकिन बस सेवाएं बंद हैं. ऐसे में लोग अब हरिद्वार जाने के लिए मोक्ष कलश निशुल्क बस सेवा शुरू करने की भी मांग कर रहे हैं.