जयपुर. सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के लिए परेशानी ज्यादा है. पिछले दिनों भाजपा में शामिल हुए लादूराम पितालिया ने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव मैदान में ताल ठोंक दी है. लादूराम ने निर्दलीय नामांकन दाखिल करके भाजपा की भी परेशानी बढ़ा दी है. आरएलपी के प्रत्याशी बद्री राम जाट ने भी भाजपा की परेशानी बढ़ा रखी है. बद्री राम जाट भाजपा नेता और पूर्व प्रत्याशी रहे रूप लाल जाट के भाई हैं.
हालांकि रूपलाल खुद सहाड़ा से टिकट के दावेदार थे. लेकिन पार्टी ने यहां रतन लाल जाट पर विश्वास जताया. हालांकि रूप लाल जाट ने इसका सार्वजनिक तौर पर कोई विरोध नहीं किया है. लेकिन जब उन्हीं के परिवार के सदस्य अन्य राजनीतिक दल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं तो भाजपा की परेशानी बढ़ना लाजमी है. भाजपा ने न केवल सहाड़ा बल्कि अन्य दोनों विधानसभा क्षेत्रों में भी पार्टी की विचारधारा से जुड़े बागियों को समझाने के लिए स्थानीय नेताओं के साथ प्रदेश के प्रमुख नेताओं को जिम्मेदारी दी है. ताकि बागी अपना नामांकन वापस ले सकें.
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लादूराम पितालिया से भी प्रयास किए जा रहे हैं कि वे अपना नामांकन भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वापस ले लें. लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है तो पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव मैदान में डटे रहने वाले कार्यकर्ताओं पर भाजपा अनुशासनात्मक कार्यवाही भी करेगी. लेकिन पहले प्रयास समझाइश का ही है. भाजपा ने इसके लिए संगठनात्मक रूप से इन क्षेत्रों में लगाए गए प्रभारी और चुनाव प्रभारियों को यह काम सौंपा है.
यहां आपको बता दें आगामी 3 अप्रैल तक नाम वापसी की अंतिम तारीख है. ऐसे में भाजपा का पूरा फोकस इस दौरान चुनाव मैदान में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ डटे पार्टी की विचारधारा से जुड़े लोगों के नामांकन वापस दिलवाने पर रहेगी.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया कर चुके हैं अपील
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया पार्टी विचारधारा से जुड़े से कार्यकर्ताओं से अपील भी कर चुके हैं कि वे पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में वापस बैठें. पूनिया ने यह तक कह दिया पार्टी ऐसे कार्यकर्ताओं के मान सम्मान का भी ध्यान रखेगी और भविष्य में उनको लेकर पार्टी पद में होने वाली संभावनाओं पर विचार करेगी.