जयपुर. कोरोना वायरस संक्रमण के चलते नगर निगम चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की चर्चाओं के बीच भाजपा ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. साथ ही भाजपा को चुनाव में ऐसे टिकाऊ और स्थिर रहने वाले प्रत्याशियों की तलाश है, जो जीतने के बाद भी किसी के लालच में ना आकर दूसरे पाले में ना जाए.
जी हां, भाजपा ने नगर निगम चुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए पहला और सबसे प्रमुख मापदंड यही रखा है. जयपुर नगर निगम चुनाव के लिए बनाए गए प्रभारी और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की माने तो पार्षद और महापौर चुनाव में इस बार 1 सप्ताह का गेप दिया गया है. जिससे जीते हुए प्रत्याशियों की खरीद-फरोख्त की संभावना ज्यादा रहेगी, क्योंकि भाजपा राजस्थान में विपक्ष में है. ऐसे में भाजपा नेताओं के मन में अपने जीते हुए प्रत्याशियों के इधर-उधर भागने का डर ज्यादा रहेगा और अभी डर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की जुबां पर भी आ गया है.
वहीं भाजपा की ओर से जयपुर नगर निगम हेरिटेज और नगर निगम ग्रेटर के चुनाव के लिए बनाए गए प्रभारी के रूप में कटारिया ने कहा कि अब तक के राजनीतिक अनुभव और स्थानीय टीम को साथ में लेकर वह इन चुनाव को जीतने का प्रयास करेंगे. यहां पर चुनाव की दृष्टि से कटारिया ने सोमवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में प्रमुख नेताओं की बैठक ली थी.
पढ़ें: MP-गुजरात के बाद अब राजस्थान कांग्रेस को भी करनी पड़ सकती है बाड़ेबंदी
गौरतलब है कि प्रदेश के जयपुर, जोधपुर व कोटा के छह नगर निगमों के लिए 5 अप्रैल को वोटिंग होगी. जिसके बाद 7 अप्रैल को मतगणना की जाएगी. वहीं महापौर के 16 अप्रैल को मतदान कराया जाएगा और मतदान के तुरंत बाद ही मतगणना शुरू कर दी जाएगी. ऐसे में इन दोनों चुनाव के बीच मिले समय को लेकर भाजपा चिंतित है. जिसका जिक्र खुद भाजपा के वरिष्ठ नेता कटारिया कर चुके हैं.