जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी उठापटक के बीच बुधवार को आए स्पीकर सीपी जोशी के बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में स्पीकर को अपनी भूमिका का निर्वाहन करना है और कानून को अपना काम करना है. पूनिया के अनुसार भारत के लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि इसमें विधायिका में चर्चा के बाद जब किसी चीज का समाधान नहीं होता तो न्यायपालिका उसमें पूरी तरीके से व्याख्या करती है. पूनिया ने यह बात नेता प्रतिपक्ष के निवास पर हुई बीजेपी के प्रमुख नेताओं की बैठक के बाद मीडिया से कही.
उन्होंने कहा कि यह कोई पहला घटनाक्रम नहीं है, समय-समय पर इस तरह के अनेक अवसर आए हैं जब संविधानिक व्यवस्थाओं के प्रावधानों की व्याख्या अलग-अलग समय पर हुई है. आज यह सामान्य सी बात है. उन्होंने कहा कि जो मौजूदा परिस्थिति उत्पन्न हुई है उसका समाधान किसी भी तरीके से हो और अंत में हम यह मानते हैं कि न्यायपालिका जो भी निर्देशित करती है उसकी पालना सब लोग करते हैं.
कटारिया के निवास पर हुई बैठक में पूनिया के साथ ही नेता प्रतिपक्ष कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राव राजेंद्र, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी के साथ बीजेपी विधि प्रकोष्ठ से जुड़े कुछ पदाधिकारी मौजूद रहे. बैठक में मौजूदा परिस्थितियों पर चर्चा कर आगे की रणनीति बनाई गई.
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BSP विधायकों के विलय मामले में लेंगे कोर्ट की शरण...
बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय से जुड़े मामले को लेकर भी भाजपा अब कोर्ट की शरण में जाने पर विचार कर रही है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इसके संकेत दिए हैं. पूनिया के अनुसार, प्रदेश में 6 बसपा विधायकों का कांग्रेस में जिस तरह विलय किया गया वह भी निर्धारित रूप से गलत है. इस संबंध में बहुजन समाज पार्टी के लोगों ने याचिका लगाई है, लेकिन अब तक उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है. पूनिया ने कहा कि अब अगला पक्ष न्यायपालिका का ही होता है और इस बारे में हम विचार कर रहे हैं.