गंगापुर सिटी. राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा धारा 144 के उल्लंघन के मामले में 6 महीनों के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. भाजपा सांसद मीणा सहित 4 जनों को ग्राम न्यायलय की न्याधिकारी जया अग्रवाल ने ये सजा सुनाई है.
साथ ही डॉ. किरोड़ी को रेल बाधित करने के आरोप में एक लाख रुपए की क्षतिपूर्ति के रूप में देने के आदेश दिए है. आपको बता दें कि पूरा मामला 04 जनवरी 2010 का है. जब किरोड़ी लाल मीणा के पीलौदा स्टेशन के पास सभा की थी. तब धारा 144 लागू थी.
हुआ ये था कि 04 जनवरी 2010 को करौली जिले के पांचना बांध के पानी को नहरों में खोलने की मांग को लेकर जन आंदोलन किया था. इस दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से मुकदमा दर्ज कराया था. जो गंगापुर सिटी कोर्ट में चल रहा था.
भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को 6 माह की कठोर कारावास की सजा - भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा
राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा धारा 144 के उल्लंघन के मामले में 6 महीनों के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.
गंगापुर सिटी. राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा धारा 144 के उल्लंघन के मामले में 6 महीनों के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. भाजपा सांसद मीणा सहित 4 जनों को ग्राम न्यायलय की न्याधिकारी जया अग्रवाल ने ये सजा सुनाई है.
साथ ही डॉ. किरोड़ी को रेल बाधित करने के आरोप में एक लाख रुपए की क्षतिपूर्ति के रूप में देने के आदेश दिए है. आपको बता दें कि पूरा मामला 04 जनवरी 2010 का है. जब किरोड़ी लाल मीणा के पीलौदा स्टेशन के पास सभा की थी. तब धारा 144 लागू थी.
हुआ ये था कि 04 जनवरी 2010 को करौली जिले के पांचना बांध के पानी को नहरों में खोलने की मांग को लेकर जन आंदोलन किया था. इस दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से मुकदमा दर्ज कराया था. जो गंगापुर सिटी कोर्ट में चल रहा था.
गंगापुर सिटी. राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा धारा 144 के उल्लंघन के मामले में 6 महीनों के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. भाजपा सांसद मीणा सहित 4 जनों को ग्राम न्यायलय की न्याधिकारी जया अग्रवाल ने ये सजा सुनाई है.
साथ ही डॉ. किरोड़ी को रेल बाधित करने के आरोप में एक लाख रुपए की क्षतिपूर्ति के रूप में देने के आदेश दिए है. आपको बता दें कि पूरा मामला 04 जनवरी 2010 का है. जब किरोड़ी लाल मीणा के पीलौदा स्टेशन के पास सभा की थी. तब धारा 144 लागू थी.
हुआ ये था कि 04 जनवरी 2010 को करौली जिले के पांचना बांध के पानी को नहरों में खोलने की मांग को लेकर जन आंदोलन किया था. इस दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से मुकदमा दर्ज कराया था. जो गंगापुर सिटी कोर्ट में चल रहा था.
Conclusion: