जयपुर. सदन में पहुंचे बीड़ी कल्ला ने राजेंद्र राठौड़ से कहा कि आदमी 3 घंटे से बैठा है, लेकिन नेचुरल कॉल पर तो बाहर जा ही सकता है. हालांकि इसे राठौड़ ने व्यंग्यात्मक लहजे में लेते हुए कहा कि आप खुद को मजबूत रखें. ताकि कॉल पर न जाना पड़े.
हालांकि इससे पहले सदन में अधिकारियों की गैर मौजूदगी से नाराज राठौड़ ने कहा कि सभापति महोदय जब अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान विभाग से जुड़े ही अधिकारी गायब हैं और दो विभागों के मंत्री नहीं है तो फिर इस बहस का क्या मतलब.? आज जिन विभागों के मंत्री नहीं हैं. उनकी अनुदान मांगों पर चर्चा न की जाए.
यह भी पढ़ेंः 'ऐसा नहीं कि हमारे फेफड़े में दम नहीं है, धमकाने वाली आवाज में मत बोलो'
राठौड़ ने कहा कि सत्तारूढ़ दल ने सदन की कार्यवाही को अप्रसांगिक कर दिया है. वहीं विधायक संयम लोढ़ा ने भी राठौड़ के इस बात का समर्थन किया और कहा कि कम से कम जिन विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा हो रही है. उनके प्रशासनिक मुखिया तो सदन में मौजूद रहें.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी इस दौरान अपनी आपत्ति जताई और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. कटारिया ने कहा कि लंबे समय से हम इस सदन में हैं. लेकिन इस प्रकार अधिकारियों को हावी होते नहीं देखा.
कटारिया ने कहा कम से कम इस स्थिति में सुधार होना चाहिए. इस दौरान सभापति राजेंद्र पारीक ने आश्वासन दिया कि सदन में अब यह स्थिति नहीं बनेगी और फिर चर्चा शुरू करवा दी. इसके बाद जब सदन में अनुदान मांगों पर बहस पर राजेंद्र राठौड़ के बोलने का मौका आया तभी राठौड़ ने मुख्य सचिव सहित कई अधिकारियों के नाम लेकर उन पर निशाना साधा.