पटना/जयपुर राजस्थान के कोटा में फंसे बच्चों के मामले में जहां नीतीश कुमार ने उन्हें वहीं बने रहने और मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है. लेकिन नवादा के हिसुआ से बीजेपी विधायक अनिल सिंह अपनी बेटी को कोटा से लेकर वापस आ गये. इस बाबत उनसे जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि मैं एक जनप्रतिनिधि के साथ-साथ पिता भी हूं.
बीजेपी विधायक अनिल सिंह ने कहा कि अपनी बेटी को लाना लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं है. लॉकडाउन के दौरान हमारी सरकार ने साफ तौर पर कहा कि आवश्यक हो तभी घर से निकलें. मैं जनप्रतिनिधि के साथ-साथ एक पिता भी हूं. इसलिये मुझे जरुरी लगा कि मैं अपनी बेटी को लेने कोटा जाऊं. इसके लिए मैंने प्रशासन से परमिट लिया और कोटा गया. वहां से मैं अपनी बिटिया को लेकर वापस आया हूं.
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बिहार CM यूपी CM को कह रहे थे कि उन्हें कोटा में फँसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसों को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। दूसरी तरफ़ अपने MLA को गोपनीय तरीक़े से उनके बेटे को वापस लाने की अनुमति दे रहे थे।बिहार में ऐसे अनेकों VIP और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए। फँसे बेचारा ग़रीब.. pic.twitter.com/mCNHZpRRVM
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">बिहार CM यूपी CM को कह रहे थे कि उन्हें कोटा में फँसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसों को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। दूसरी तरफ़ अपने MLA को गोपनीय तरीक़े से उनके बेटे को वापस लाने की अनुमति दे रहे थे।बिहार में ऐसे अनेकों VIP और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए। फँसे बेचारा ग़रीब.. pic.twitter.com/mCNHZpRRVM
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 19, 2020बिहार CM यूपी CM को कह रहे थे कि उन्हें कोटा में फँसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसों को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। दूसरी तरफ़ अपने MLA को गोपनीय तरीक़े से उनके बेटे को वापस लाने की अनुमति दे रहे थे।बिहार में ऐसे अनेकों VIP और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए। फँसे बेचारा ग़रीब.. pic.twitter.com/mCNHZpRRVM
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अन्य छात्रों का क्या?
अन्य फंसे हुए छात्रों पर सरकार की प्राथमिकता के बारे में जब बीजेपी नेता से पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इस दौरान उन्होंने कहा कि कंप्यूटर के माध्यम से आवेदन हो रहे हैं. लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. सरकार को जो करना चाहिए वो कर रही है.
सरकारी प्रक्रिया सिर्फ विधायक को क्यों मिली
दरअसल, अनिल सिंह की 17 वर्षीय बेटी रश्मि कोटा में मेडिकल की पढ़ाई करती है. लॉकडाउन के बाद वो वहीं फंसी थी. विधायक की माने तो उनकी बेटी डिप्रेशन में थी. इसलिए उन्होंने सरकार की जारी गाइडलाइन के अनुसार पास बनवाया और 16 अप्रैल को कोटा रवाना हो गए. 18 अप्रैल को अनिल सिंह अपनी बेटी को वापस पटना ले आये.
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बिहार के बाहर फंसे गरीब मजदूरों, छात्रों को लाने के नाम पर @NitishKumar जी Lockdown के मर्यादाओं का ज्ञान दे रहे थें और दूसरी तरफ चुपके से सत्ताधारी दल के विधायक को विशेष परमिशन देकर उनके पुत्र को कोटा से नवादा ला रहे हैं।
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) April 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
यदि आम और खास के बीच फर्क हुआ तो महाभारत होगा। pic.twitter.com/EOVKMlqLZP
">बिहार के बाहर फंसे गरीब मजदूरों, छात्रों को लाने के नाम पर @NitishKumar जी Lockdown के मर्यादाओं का ज्ञान दे रहे थें और दूसरी तरफ चुपके से सत्ताधारी दल के विधायक को विशेष परमिशन देकर उनके पुत्र को कोटा से नवादा ला रहे हैं।
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यदि आम और खास के बीच फर्क हुआ तो महाभारत होगा। pic.twitter.com/EOVKMlqLZPबिहार के बाहर फंसे गरीब मजदूरों, छात्रों को लाने के नाम पर @NitishKumar जी Lockdown के मर्यादाओं का ज्ञान दे रहे थें और दूसरी तरफ चुपके से सत्ताधारी दल के विधायक को विशेष परमिशन देकर उनके पुत्र को कोटा से नवादा ला रहे हैं।
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ऐसे में नीतीश कुमार के उस बयान की धज्जियां उड़ती दिख रही है, जो उन्होंने यूपी सरकार की पहल पर दिया था. दरअसल, यूपी की योगी सरकार ने राजस्थान सरकार से अपील कर अपने बच्चों को वापस लाने के लिये बसे भेजीं थीं. इस बाबत नीतीश ने सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला देते हुए राजस्थान को परमिट न देने की बात कही. ऐसे में बीजेपी विधायक अगर परमिट इश्यू करा सकते हैं, तो कुल 65 सौ छात्र बिहार के ऐसे हैं जिनके माता-पिता भी अपने कलेजे के टुकड़े के लिये तड़प रहे हैं. उनका क्या?
देखें ये खास रिपोर्ट- कोटा में फंसे छात्रों के लिए 'नीतीश का लॉकडाउन'