जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को यूडीएच की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान सांगानेर से भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने शहरों में बेतरतीब हो रहे विकास के लिए प्रदेश कांग्रेस सरकार को घेरा और साथ ही इसमें सुधार के लिए कई सुझाव भी दिए. लाहोटी ने जहां बीआरटीएस कॉरिडोर को अविलंब हटाए जाने की मांग रखी तो साथ ही जयपुर के चौगान स्टेडियम से पौंड्रिंक पार्क तक ट्रैफिक फ्री हेरिटेज जोन बनाने का सुझाव दिया.
सदन में नगर आयोजन और प्रादेशिक विकास की अनुदान मांगों पर बहस की शुरुआत करते हुए विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि बीआरटीएस कॉरिडोर भले ही हमारी सरकार लेकर आई हो, लेकिन इसे बंद कर देना चाहिए. लाहोटी ने कहा कि कोरिडोर के 3 में से 39 पैमानों पर यह कॉरिडोर फेल रहा. वहीं, अब तक इस कॉरिडोर के चक्कर में 250 मौतें हो चुकी हैं और हर साल 900 हादसे होते हैं. ऐसे में इस कॉरिडोर का उपयोग 1 फीसदी आबादी करती है, लेकिन इसमें 25 फीसदी तक सड़क को रोक रखा है जो गलत है, इसलिए इसे अविलंब हटाया जाना चाहिए.
उठाया पॉन्ड्रिक उद्यान का मसला, दिया यह सुझाव
लाहोटी ने जयपुर के पॉन्ड्रिक उद्यान का मसला भी उठाया, जहां पार्किंग के नाम पर कंक्रीट बिछाए जाने का विरोध हो रहा है. लाहोटी ने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत यहां बनाई जा रही पार्किंग का विरोध है, क्योंकि यह स्थान जयपुर शहर के फेफड़े माने जाते हैं, जहां पुरातन समय में विश्व का सबसे बड़ा अश्वमेध यज्ञ में हुआ और इसे महाराजा सवाई जयसिंह ने बनवाया था. लाहोटी ने कहा कि तीज और गणगौर का हृदय स्थल इस पार्क को कहा जाता है, लेकिन यहां सरकार के कुछ विधायकों के इशारे पर कंक्रीट का जाल बिछाने का काम चल रहा है. लाहोटी ने कहा कि आप के मुख्यमंत्री ने हेरीटेज वॉक और ट्रैफिक फ्री हेरिटेज जोन बनाने की घोषणा की थी, अब मेरा सुझाव है कि आप चौगान स्टेडियम में बनाई जाने वाली पार्किंग को डबल कर दें और चौगान स्टेडियम से पॉन्ड्रिक उद्यान तक ट्रैफिक फ्री हेरिटेज जोन बनाएं जिससे सरकार की घोषणा भी पूरी हो जाएगी.
तुष्टीकरण के लिए क्या परिसीमन
अशोक लाहोटी ने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा कि आधे से ज्यादा प्रदेश नगर निगम और नगर पालिकाओं में आता है, लेकिन प्रदेश सरकार ने अपनी मनमर्जी से यहां परिसीमन कर दिया, वो भी तुष्टिकरण के लिए. लाहोटी ने कहा कि पहले तो मनमर्जी से परिसीमन किया गया और चुनाव घोषणा के बाद सरकार को यहां 2-2 नगर निगम बनाने की सुध आई और रातों-रात चुनाव भी रद्द कर दिए गए. लाहोटी ने आरोप लगाया कि दो नगर निगम बनाने के लिए एक-एक गली और एक-एक घर को वोटों और तुष्टीकरण के नाम पर बांट दिया गया. लाहोटी ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि लोकतंत्र को बचाना है, लेकिन आपकी सरकार और आपके मंत्री काल में सबसे ज्यादा लोकतंत्र का गला घोटने का काम हुआ.
निकायों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए बुलाई सर्वदलीय बैठक
अशोक लाहोटी ने कहा कि आज सबसे बड़ी समस्या हमारे नगर निकायों की आर्थिक बदहाल स्थिति है. लाहोटी ने कहा कि टैक्स कलेक्शन के नाम पर राजस्थान देश में वो प्रदेश है, जहां सबसे कम यूडी टैक्स का कलेक्शन होता है. जयपुर के समानांतर अन्य बड़े शहरों की बात की जाए तो सूरत, अहमदाबाद, इंदौर, भोपाल और हैदराबाद में 300 से 1200 करोड़ तक टैक्स की वसूली होती है, जबकि जयपुर में महज 62 करोड़, उदयपुर में 9 करोड़ और कोटा में 6.5 करोड़ रुपए सालाना वसूली होती है. लाहोटी ने कहा कि आप सर्वदलीय बैठक बुलाकर नियम बनाएं, ताकि इन नियमों में कुछ बदलाव हो और लोगों को यह जानकारी भी दी जा सके कि उन्हें कितना टैक्स देना है. लाहोटी ने वर्तमान नियमों को और व्यवहारिक भी करार दिया.
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आपके अभियान में एक भी मकान का पट्टा ना छूटे
लाहोटी ने अपने संबोधन के दौरान मंत्री शांति धारीवाल को यूडीएच का साइक्लोपीडिया बताया और यह भी कहा कि आप कहते हैं कि प्रशासन शहरों के संग अभियान शुरू करेंगे. मेरा आपसे निवेदन है कि अभियान पूरी तैयारी के साथ लेकर आएं, ताकि 20 से 30 साल तक जो लोग यहां बिना पट्टों के अपना आवास बनाकर रह रहे हैं. लाहोटी ने इस दौरान जेसीटीएसएल की बसों को मिलने वाले अनुदान में भ्रष्टाचार की बात कहते हुए इसकी जांच की मांग भी की, तो वहीं यह भी कहा कि आने वाले दिनों में सफाई के बाद दूसरा सबसे बड़ा चैलेंज होगा तो वह है बेतरतीब ट्रैफिक व्यवस्था, जिसमें सुधार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.
केवल पार्क ही नहीं खेल का मैदान भी मिले
लाहोटी ने कहा कि सुनियोजित शहरी विकास के लिए जरूरी है कि केवल पार्क ही नहीं, बल्कि युवाओं को खेलकूद के लिए खेल का मैदान भी मिले. उन्होंने मानसरोवर का उदाहरण दिया और कहा कि यहां 600 पार्क हैं, लेकिन खेल का मैदान नहीं के बराबर है इसी में क्या हम इनमें से आधे पार्कों को खेल मैदान में नहीं बदल सकते. लाहोटी ने कहा कि खेल मैदान के अभाव में युवा और बच्चे वर्चुअल कंप्यूटर लैपटॉप और मोबाइल पर ही खेल खेलते हैं, जिससे उनका शारीरिक विकास पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
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जयपुर शहर का विकास बेहाल
अशोक लाहोटी ने यह भी कहा कि जयपुर शहर में 10 साल के दौरान 30,000 से अधिक का विकास कार्य 25 डिपार्टमेंटओं के जरिए हुआ, लेकिन यहां 30 लोग भी यह कहने वाले नहीं मिलेंगे कि मेरे शहर का नियोजित विकास हुआ है. इस दौरान लाहोटी ने सी स्कीम में एक ही स्थान पर तीन बार कुछ साल में 20 फीट तक जमीन धंसने का उदाहरण भी दिया और यह भी कहा कि यहां सड़क जेडीए बनाता है. सीवरेज लाइन नगर निगम डालती है, लेकिन सड़कों के नीचे से केवल डालने की परमिशन जेडीए देता है. ऐसे में जब सीवरेज लाइन फटती है तो विकास की पोल भी खुल जाती है.