जयपुर. राजस्थान में हुई रीट परीक्षा के मामले में एसओजी के खुलासे के बाद सरकार ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली को बर्खास्त करने का निर्णय ले लिया है, लेकिन इसके बाद राजस्थान में राजनीति गरमा गई है. जहां इस मामले में सरकार का विरोध कर रही प्रमुख विपक्षी दल भाजपा में ही सीबीआई जांच (REET Paper Leak Case) को लेकर दो धड़े हो गए हैं. एक और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस मामले में सीएमओ के लोगों के शामिल होने का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच (Investigation Of Reet Paper Leak Case) की मांग दोहराई है, तो वही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस मामले में एसओजी की जमकर (SOG) तारीफ की है.
कटारिया ने कहा कि जब खेत को बाड़ ही खा जाए तो कोई क्या कर सकता है. एसओजी (SOG) ने जिस तरह से इस केस को खोला है उसके लिए एसओजी (SOG) की टीम तारीफ के काबिल है. उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की मांग किरोड़ी लाल मीणा की हो सकती है लेकिन अगर सीबीआई इस मामले में 1 साल से ज्यादा का समय ले लेगी तो उसका क्या फायदा. ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी है कि वो एसओजी को टाइम बाउंड तरीके से इस मामले का पटाक्षेप करने को कहे. उन्होंने कहा कि मुझे राजस्थान पुलिस पर गर्व है. आज भी पुलिस में ऐसे अधिकारी हैं जो सरकार की सहायता मिले तो हर मामले को खोल सकते हैं.
तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा पर भी उठाए सवाल : नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भले ही जांच सीबीआई की जगह राजस्थान पुलिस से ही करवाने की बात कही है, लेकिन दूसरी ओर उन्होंने इस मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री और राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा पर भी उंगली उठा दी है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह संभव नहीं है कि बिना शिक्षा मंत्री की इच्छा के प्राइवेट हाथों में सुरक्षा की जिम्मेदारी चली जाए. ऐसे में सरकार को अपने मंत्री पर भी कार्रवाई करनी चाहिए.
इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि एसओजी (SOG) की जांच से यह साफ हो गया है कि पेपर लीक मामले में बोर्ड अध्यक्ष समेत उनके लगाए हुए लोग शामिल थे. ऐसे में इन सभी लोगों की पूरी प्रॉपर्टी को बेचकर उससे परीक्षा के खर्चे को वसूल किया जाए. उन्होंने कहा कि भले ही उनकी प्रॉपर्टी बेचने से परीक्षा का पूरा खर्चा नहीं निकले लेकिन इससे एक मैसेज लोगों के बीच जाएगा. वही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने रीट परीक्षा दोबारा करवाने की मांग रखते हुए कहा कि अगर यह परीक्षा दोबारा नहीं करवाई गई तो उन बच्चों का क्या होगा जिन्होंने सालों तक परीक्षा की तैयारी की है.
सरकार के संरक्षण के बिना नहीं हो सकती इतनी बड़ी नकल, सीबीआई जांच जरूरी: सतीश पूनिया
राजस्थान में रीट भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के मामले पर भाजपा ने सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया है. हालांकि मामले की सीबीआई जांच हो या एसओजी की जांच पर्याप्त है, इश बात को लेकर खुद भाजपा नेता ही एकमत नहीं हैं. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया रीट भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में जांच कर रही एसओजी की कार्यप्रणाली पर संतुष्टि जताई है तो वहीं उन्हीं की पार्टी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने यह जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है. अब किरोड़ी लाल मीणा को पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का समर्थन राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया भी उतर आए हैं.
सतीश पूनिया ने कहा कि एसओजी की जांच में यह साफ हो गया है कि रीट का परीक्षा पत्र शिक्षा संकुल के स्ट्रांग रूम से ही निकल कर करोड़ों रुपए में बिका. यह सीधे तौर पर रीट की परीक्षा पर सवाल खड़े करता है क्योंकि न जाने कितने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के साथ अन्याय हुआ है. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष जैसे अदने से आदमी ने विधायकों और सांसदों की मानहानि की. अब एसओजी की जांच में 35 गिरफ्तारी और अधिकारियों का सस्पेंशन साफ तौर बताता है कि सरकार के संरक्षण के बिना इतने बड़े पैमाने में पेपर लीक होना संभव नहीं है. ऐसे में सीबीआई जांच जरूरी है.
रीट पपेर लीक के तार मंत्री से लेकर उपर तक जुड़े हैं: शेखावत
जोधपुर. रीट पेपर लीक मामले में केंद्रीय मंत्री गजेद्र सिंह शेखावत ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि रीट भर्ती मामले के तार कई मंत्रियों से लेकर ऊपर तक जुड़े हुए हैं. सभी दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए जरूरी है कि सीबीआई जांच हो. शनिवार को जोधपुर में मीडिया से मुकातिब शेखावत ने कहा कि राजस्थान की जनता और विशेष कर युवा व उनके परिजन इस परीक्षा से नौकरी की कल्पना कर बैठे थे.
वे सब सरकार और मुख्यमंत्री से पूछ रहे हैं कि एक तरफ तो पहले मुख्यमंत्री परीक्षा में धांधली होने का दावा कर रहे थे, लेकिन उसकी सीबीआई जांच कराने से बच रही है. साफ है कि कई लोगों को बचाने के लिए सरकार चयनित रूप से लोगों को सस्पेंड कर रही है. मामले के तार मंत्री से लेकर उपर तक के लोगों से जुडे हैं. इस विषय की सीबीआई से जांच होनी चाहिए जिससे दोषियों को सजा मिल सके.