जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच सचिन पायलट के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ छपे एक बयान पर बवंडर मच चुका है. पायलट के इस बयान की राजे कैंप से जुड़े भाजपा विधायक प्रताप सिंघवी और कैलाश मेघवाल ने निंदा की और इस प्रकार के बयान को उनकी ओछी मानसिकता करार दिया.
गुरुवार को पत्रकारों से मुखातिब होते हुए विधायक प्रताप सिंघवी ने कहा कि सचिन पायलट को इस प्रकार का बयान देना शोभा नहीं देता. उन्होंने कहा कि पायलट वसुंधरा राजे के सरकारी बंगले के आवंटन को लेकर तो बयान दे रहे हैं. लेकिन वो यह भी बता दें कि दिल्ली में 5 केनिंग रोड स्थित बंगले में किस हैसियत से रह रहे हैं.
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सिंघवी के अनुसार राजस्थान में जब से सरकार बनी है तब से इस प्रकार के बड़े नेताओं को बंगले मिलते रहे हैं. लेकिन उसको लेकर पायलट की ओर से दिया गया वक्तव्य निंदनीय है. वहीं, खान आवंटन को लेकर लगाए गए आरोपों को भी सिंघवी ने सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ही खान आवंटन में ई-ऑप्शन लागू किया था. जिसे आज देश के कई राज्य मॉडल के रूप में अपना रहे हैं.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा के मौजूदा विधायक कैलाश मेघवाल ने भी कहा कि वसुंधरा राजे राजस्थान की वरिष्ठ राजनीतिक कार्यकर्ता हैं और वो कई पदों पर रह चुकी हैं. उन्हें जो जयपुर में रहने के लिए सरकार ने बंगला आवंटित किया, इसकी वो पूरी पात्रता रखती हैं. उसे लेकर टीका टिप्पणी को वो उचित नहीं मानते.
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इस सवाल पर मेघवाल और संघवी ने साधी चुप्पी
वहीं, ईटीवी भारत ने जब इन दोनों ही विधायकों से पूछा कि सचिन पायलट का यह बयान उस समय आया जब कांग्रेस में घमासान मचा है और सरकार गिराने की स्थिति में सचिन पायलट का समर्थन बीजेपी दे सकती है, तो आखिर इसका कारण क्या है. जिस पर सिंघवी ने कहा कि भाजपा सचिन पायलट की कोई पैरवी नहीं कर रही और ना ही बीजेपी से किसी प्रकार का उनका कोई संपर्क है. इस दौरान कैलाश मेघवाल ने No Comments कह कर चुप्पी साध ली.