जयपुर. देश में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दामों पर सियासत गरम है. पहले कांग्रेस और अब आम आदमी पार्टी भी इसके खिलाफ प्रदर्शन कर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है. वहीं प्रदेश भाजपा नेताओं ने इस मामले में गेंद राज्य सरकार के पाले में डाल दी है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और सांसद रामचरण बोहरा ने इस मामले में जनता को राहत देने के लिए गहलोत सरकार से मांग की है कि वे पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट की दरों में कटौती करें.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के अनुसार, कांग्रेस धरना प्रदर्शन करके इस मामले में केंद्र की मोदी सरकार को तो कह रही है लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद लगातार पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरों में इजाफा करके आम जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ा रही है. ऐसे में यदि प्रदेश सरकार बीते 6 महीने में बढ़ाए गए वैट की दरों को ही वापस ले ले तो जनता को पेट्रोल और डीजल पर 10 से 12 रुपए प्रति लीटर की राहत मिल जाएगी.
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जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने तो इस मामले में केंद्र सरकार का पूरी तरह से बचाव किया है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दामों को तय करने के लिए देश के स्तर पर एक कमेटी बनाई हुई है और वही आकलन कर पेट्रोल-डीजल की दरें तय करती है. सांसद ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार के हाथ में वैट की दरों में इजाफा और कमी करने का अधिकार है. यदि प्रदेश की गहलोत सरकार पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट की दरों में कमी कर ले तो प्रदेश की जनता को राहत मिल सकती है.
पेट्रोल और डीजल की दरों में हो रही बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार पर आरोप लगाकर प्रदर्शन कर रही है, तो वहीं केंद्र सरकार से जुड़े प्रतिनिधि यानी भाजपा नेता इस मामले में प्रदेश सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. मतलब साफ है कि बढ़ती महंगाई और पेट्रोल-डीजल की दरों में बढ़ोतरी से राहत के नाम पर केवल सियासत हो रही है और जनता राहत से कोसों दूर है.