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केंद्रीय कृषि बिल के विरोध में विधेयक लाने के निर्णय पर भड़के भाजपा नेता, लगाया ये आरोप - Union Agriculture Bill

केंद्रीय कृषि विधेयक जो अब कानून बन चुका हैं. उसके खिलाफ राजस्थान की गहलोत सरकार ने विधानसभा में विधेयक लाने का निर्णय लिया है. इसके बाद से भाजपा नेताओं में नाराजगी बढ़ गई है. देखिए यह रिपोर्ट

कृषि बिल को विधेयक का निर्णय, BJP leaders angry
कृषि बिल को विधेयक लाने के निर्णय पर भड़के भाजपा नेता
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Published : Oct 21, 2020, 4:50 PM IST

जयपुर. केंद्रीय कृषि विधेयक जो अब कानून बन चुका हैं. उसके खिलाफ राजस्थान की गहलोत सरकार ने विधानसभा में विधेयक लाने का निर्णय किया है. इससे भाजपा नेता भड़क गए हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी के अनुसार केंद्रीय कृषि कानून किसानों के हित में है और कांग्रेस और उसकी समर्थित सरकार अब किसान विरोधी काम करने में जुटी हैं.

कृषि बिल को विधेयक लाने के निर्णय पर भड़के भाजपा नेता

गहलोत सरकार किसानों को कर रही गुमराह -पूनिया

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ किसानों को गुमराह कर रही है और अपने आलाकमान को खुश करने के लिए राजस्थान में गहलोत सरकार भी इसी नक्शे कदम पर आगे बढ़ रही है.

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पूनिया ने कहा कांग्रेस की ये नई सियासत सिवाए पाखंड के और कुछ नहीं है. उनके अनुसार खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये साफ कर चुके हैं कि मौजूदा केंद्रीय कृषि विधेयक किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें अपने उत्पाद कहीं पर भी बेचने की आजादी देने वाले हैं और यह भी साफ कर चुके हैं कि इन कृषि विधेयकों से एमएसपी पर खरीद नहीं रुकेगी, फिर भी कांग्रेस किसानों को गुमराह कर रही है. राजस्थान में इन केंद्रीय कृषि बिलों के खिलाफ विधेयक लाए जाने का निर्णय लिया जाना निंदनीय है.

केंद्रीय कृषि बिल किसानों के हित में है, ठीक से करें अध्ययन - कटारिया

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि केंद्र ने जो कृषि कानून बनाए हैं, उसका यदि कोई ठीक ढंग से अध्ययन करे तो वह समझ जाएगा कि विधेयक किसानों के हित में ही रहेगा. उसे कोई नकार भी नहीं सकता यह मैं खुले तौर पर चैलेंज देता हूं. कटारिया के अनुसार बस इस मौजूदा कानून के लागू होने पर मंडियों में जो किसानों के उत्पाद आते थे, उसकी आवक कम हो जाएगी. वहीं किसानों को अपना माल कहीं पर भी बेचने की स्वतंत्रता होगी.

कटारिया ने कहा मौजूदा केंद्रीय कृषि कानून में ऐसे कई प्रावधान है, जो खुद कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किए थे. कटारिया ने कहा जिस कांटेक्ट फॉर्मिंग को लेकर कांग्रेस विवाद बना रही है, उसे कांग्रेस ने अपनी कई राज्यों की सरकारों में लागू करवाया, फिर चाहे कर्नाटक, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश ही क्यों ना हो. इसमें भी कांग्रेस के नेता किसानों को भ्रमित कर रहे हैं कि इससे उनकी जमीन का मालिकाना हक चला जाएगा. जबकि इस पूरे कानून में ऐसा कुछ है ही नहीं.

पढे़ं- समर्थन मूल्य पर मक्का खरीद शुरू करने को लेकर भीलवाड़ा कांग्रेस ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

राजस्थान सरकार जनता के हित में लिए गए केंद्र के निर्णय को बदलने में जुटी है - चतुर्वेदी

वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे अरुण चतुर्वेदी ने भी राजस्थान सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है. चतुर्वेदी के अनुसार प्रदेश की गहलोत सरकार वही काम कर रही है. जिसमें केंद्र के जनकल्याणकारी निर्णय का लाभ जनता को नहीं मिल पाए. चतुर्वेदी के अनुसार केंद्रीय कृषि बिल किसानों के हित में है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की सरकार जो भी निर्णय कर रही है. वह जनता के हित में करती है. कांग्रेस की यह रीत हो गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के निर्णय का विरोध करना फिर चाहे वह निर्णय जनता के हित में ही क्यों ना हो.

जयपुर. केंद्रीय कृषि विधेयक जो अब कानून बन चुका हैं. उसके खिलाफ राजस्थान की गहलोत सरकार ने विधानसभा में विधेयक लाने का निर्णय किया है. इससे भाजपा नेता भड़क गए हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी के अनुसार केंद्रीय कृषि कानून किसानों के हित में है और कांग्रेस और उसकी समर्थित सरकार अब किसान विरोधी काम करने में जुटी हैं.

कृषि बिल को विधेयक लाने के निर्णय पर भड़के भाजपा नेता

गहलोत सरकार किसानों को कर रही गुमराह -पूनिया

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ किसानों को गुमराह कर रही है और अपने आलाकमान को खुश करने के लिए राजस्थान में गहलोत सरकार भी इसी नक्शे कदम पर आगे बढ़ रही है.

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पूनिया ने कहा कांग्रेस की ये नई सियासत सिवाए पाखंड के और कुछ नहीं है. उनके अनुसार खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये साफ कर चुके हैं कि मौजूदा केंद्रीय कृषि विधेयक किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें अपने उत्पाद कहीं पर भी बेचने की आजादी देने वाले हैं और यह भी साफ कर चुके हैं कि इन कृषि विधेयकों से एमएसपी पर खरीद नहीं रुकेगी, फिर भी कांग्रेस किसानों को गुमराह कर रही है. राजस्थान में इन केंद्रीय कृषि बिलों के खिलाफ विधेयक लाए जाने का निर्णय लिया जाना निंदनीय है.

केंद्रीय कृषि बिल किसानों के हित में है, ठीक से करें अध्ययन - कटारिया

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि केंद्र ने जो कृषि कानून बनाए हैं, उसका यदि कोई ठीक ढंग से अध्ययन करे तो वह समझ जाएगा कि विधेयक किसानों के हित में ही रहेगा. उसे कोई नकार भी नहीं सकता यह मैं खुले तौर पर चैलेंज देता हूं. कटारिया के अनुसार बस इस मौजूदा कानून के लागू होने पर मंडियों में जो किसानों के उत्पाद आते थे, उसकी आवक कम हो जाएगी. वहीं किसानों को अपना माल कहीं पर भी बेचने की स्वतंत्रता होगी.

कटारिया ने कहा मौजूदा केंद्रीय कृषि कानून में ऐसे कई प्रावधान है, जो खुद कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किए थे. कटारिया ने कहा जिस कांटेक्ट फॉर्मिंग को लेकर कांग्रेस विवाद बना रही है, उसे कांग्रेस ने अपनी कई राज्यों की सरकारों में लागू करवाया, फिर चाहे कर्नाटक, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश ही क्यों ना हो. इसमें भी कांग्रेस के नेता किसानों को भ्रमित कर रहे हैं कि इससे उनकी जमीन का मालिकाना हक चला जाएगा. जबकि इस पूरे कानून में ऐसा कुछ है ही नहीं.

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राजस्थान सरकार जनता के हित में लिए गए केंद्र के निर्णय को बदलने में जुटी है - चतुर्वेदी

वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे अरुण चतुर्वेदी ने भी राजस्थान सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है. चतुर्वेदी के अनुसार प्रदेश की गहलोत सरकार वही काम कर रही है. जिसमें केंद्र के जनकल्याणकारी निर्णय का लाभ जनता को नहीं मिल पाए. चतुर्वेदी के अनुसार केंद्रीय कृषि बिल किसानों के हित में है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की सरकार जो भी निर्णय कर रही है. वह जनता के हित में करती है. कांग्रेस की यह रीत हो गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के निर्णय का विरोध करना फिर चाहे वह निर्णय जनता के हित में ही क्यों ना हो.

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