जयपुर: कटारिया हेमाराम प्रकरण का जिक्र कर स्पीकर डॉ सीपी जोशी पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. उनका कहना है विधायक के इस्तीफे पर त्वरित निर्णय लिया जाना चाहिए था, उसमें देरी हुई है. उस पूरे वाकए को अपने अंदाज में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया बयान करते हैं.
स्पीकर ने देर कर दी
गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria) ने कहा कि जब वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी (Senior MLA Hemaram Chaudhary) ने अपनी बात कहते हुए विधानसभा (Vidhansabha) की सदस्यता से इस्तीफा भेजा तो स्पीकर (Speaker CP Joshi) ने उन्हें अपने पास बुलाने में भी Delay किया और लंबा समय निकाल दिया. इससे स्पीकर के निर्णय में देरी हुई और अपेक्षित निर्णय नहीं लिया जा सका.
कटारिया मंशा की ओर इशारा कर रहे हैं. बातचीत में उन्होंने कहा- यदि विधानसभा अध्यक्ष को यह एहसास भी हो जाए कि उक्त व्यक्ति विधानसभा की सदस्यता छोड़ना चाहता है तो इस्तीफा स्वीकार करना नियमों के तहत भी जरूरी है. इस प्रकरण में देरी करके स्पीकर ने हेमाराम चौधरी (Hemaram Chaudhary) की भावनाओं के साथ भी न्याय नहीं किया.
ऐसे बनी होगी बात
कटारिया ने कहा कि समय गुजरने के साथ ही वरिष्ठ विधायक को मना लिया गया होगा. कहते हैं- जब इतना समय गुजर जाता है तो कोई छोटा-मोटा आश्वासन आपस में बातचीत के जरिए मिल ही जाता है. संभवतः पार्टी के हित में चौधरी को कुछ आश्वासन मिले होंगे जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया होगा. कटारिया कहते हैं मैं हेमाराम चौधरी का मन से सम्मान करता हूं क्योंकि एक अच्छे राजनेता है.
विस्तार पर संदेह
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के दिल्ली दौरे को लेकर भी सवाल किया गया तो कटारिया ने अपनी राय जाहिर की. कहा- मेरे हिसाब से गए तो मंत्रिमंडल विस्तार और पुनर्गठन के लिए ही थे और इसके प्रयास भी किए जा रहे हैं. लेकिन होगा या नहीं और होगा तो उसका परिणाम क्या होगा, यह तो विस्तार और पुनर्गठन होने के बाद ही पता चलेगा. कटारिया ने कहा अभी भी मुझे संदेह है कि किसी एक बिंदु पर ये सब एग्री हो गए होंगे.