जयपुर. अलवर के राजगढ़ में मंदिर तोड़ने के विवाद पर जारी सियासत के बीच इस संबंध में बनाई गई भाजपा की जांच समिति ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को (BJP inquiry committee report of Alwar temple demolition) सौंपी. समिति अध्यक्ष और भाजपा सांसद सुमेधानंद ने रिपोर्ट में इस घटना के लिए राज्य सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही मंदिर को वापस बनाने सही कई मांग की (BJP demands to rebuilt the Alwar demolished temple) है.
राजस्थान भाजपा मुख्यालय में सोमवार को अपनी जांच रिपोर्ट को लेकर मीडिया से रूबरू हुए सांसद सुमेधानंद और भाजपा नेता राजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि समिति सदस्यों ने मौके पर जाकर दौरा किया और पीड़ित लोगों से मुलाकात के साथ ही संबंधित अधिकारियों और पालिका अध्यक्ष से भी जानकारी ली. सुमेधानंद के अनुसार पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में भी यहां 30 फुट चौड़ी गौरव पथ बनाने का प्रस्ताव था लेकिन सरकार ने मास्टर प्लान में उसे 60 फुट चौड़ा कर दिया और उसी के आधार पर प्रशासन ने यहां तोड़फोड़ की कार्रवाई की. सांसद ने यह भी कहा कि नगरपालिका में केवल अतिक्रमण चिन्हित करने का प्रस्ताव था लेकिन नगर पालिका की बैठक में एकमात्र कांग्रेस के पार्षद ने बार-बार 3 दिन का नोटिस देकर अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई करने की मांग की थी. बीजेपी के पार्षद इसके पक्ष में नहीं थे. सांसद ने कहा पालिका की बैठक में स्थानीय विधायक जोहरी लाल मीणा भी मौजूद थे.
स्वामी सुमेधानंद ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने बिना नोटिस के ही कई लोगों के मकान और मंदिर तोड़ दिए. ऐसे में इस पूरे घटनाक्रम की जिम्मेदारी सरकार की ही है और सरकार को चाहिए कि जिन लोगों के पास उनकी जमीन के अधिकृत पट्टे थे. लेकिन बिना नोटिस दिए उनके आवास और निर्माण तोड़ दिए गए. उन्हें सरकार मुआवजा भी दे और उनके मकान भी बनवाए. इसके साथ ही जिन अधिकारियों ने बिना नोटिस के कार्रवाई की उन पर कानूनी कार्रवाई हो और पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच भी हो.
डोटासरा और खाचरियावास पर भी साधा निशाना: सुमेधानंद ने कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के भाजपा और संयासियों को लेकर दिए गए बयान पर भी निशाना साधा, तो वही पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के बयान की निंदा भी की. सुमेधानंद ने कहा कि डोटासरा को आर्य समाज के बारे में कुछ नहीं पता. उन्होंने कहा जब हैदराबाद में निजाम ने मंदिरों को नहीं खोलने से जुड़ा आदेश दिया था, तब आर्य समाज के लोगों ने ही इसका विरोध किया था. उन्होंने कहा किस सन 1937 से लेकर 1939 तक इसके लिए 20 हजार के करीब गिरफ्तारियां हुईं. इसमें 17000 आर्य समाजी लोग ही थे. सुमेधानंद ने कहा कि जहां कहीं मंदिर टूटेगा, वहां सबसे पहले बलिदान के लिए सुमेधानंद ही नजर आएगा. भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि अब राजस्थान में मुख्यमंत्री और सरकार का नियंत्रण अधिकारियों और विधायकों पर से खत्म हो चुका है और वह सब स्वतंत्र होकर अपनी मनमानी कर रहे हैं.
हमने मंदिर तोड़े नहीं, विधि विधान से स्थापित किए: वहीं एक सवाल के जवाब में स्वामी सुमेधानंद ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में हमने मंदिर तोड़े नहीं बल्कि पूर्ण विधि-विधान से उसे शिफ्ट किए हैं. इसलिए कांग्रेस व अन्य लोगों के लगाया आरोप बिल्कुल निराधार है. हालांकि इस दौरान जब सांसद से पूछा गया कि राजगढ़ में भाजपा के पार्षद और बोर्ड ने मंदिर तोड़ने की इस कार्रवाई का विरोध क्यों नहीं किया. तब सांसद कहने लगे कि कुछ पार्षद विरोध करने गए थे, तो उनको लाठियों से पीटकर भगा दिया तो वहीं कुछ सवालों में सांसद खुद ही उलझ गए.
अलवर मामले में राज्यपाल को ज्ञापन दे सकते हैं भाजपा नेता: राजस्थान में अब तक इस प्रकार की जो भी घटनाएं हुई हैं और उस पर बीजेपी ने अपनी जांच समिति भी बनाई और उसकी रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल को ज्ञापन देने का भी काम किया गया. राजगढ़ में मंदिर तोड़ने इस घटना में भी भाजपा नेता मंगलवार को राज्यपाल को ज्ञापन दे सकते हैं.