जयपुर. गहलोत सरकार के खिलाफ BJP के हल्ला बोल कार्यक्रम में अब पार्टी नेता सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना नहीं करेंगे. साथ ही फिलहाल धरना प्रदर्शन और पुतला दहन का कार्यक्रम भी नहीं होगा. प्रदेश BJP नेतृत्व ने आगामी 8 और 10 सितंबर को होने वाले उपखंड और जिला स्तर के विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम में यह तब्दीली की है.
ईटीवी भारत की खबर का असर दिखने को मिला है. शुक्रवार को जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया कोरोना पॉजिटिव हुए थे, तब ही ईटीवी भारत ने बीजेपी के हल्ला बोल कार्यक्रम में परिवर्तन को लेकर होने वाले संभावित बदलाव के संकेत दे दिए थे. साथ ही BJP नेताओं को इस बात पर लेकर भी आगाह कर दिया था कि जिस तरह हल्ला बोल अभियान के कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना हुई, उसके बाद जनप्रतिनिधि कोरोना ब्रेकर के बजाय करोना स्प्रेडर की भूमिका में नजर आने लगे थे. यही कारण रहा कि भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने पहले की गई भूल में सुधार करते हुए मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम में बदलाव किया है.
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पहले 8 और 10 सितंबर को होने वाले कार्यक्रमों में धरना और प्रदर्शन का भी कार्यक्रम था. जिसमें कई कार्यकर्ताओं के जुटने की संभावना थी, लेकिन अब इन कार्यक्रमों को केवल ज्ञापन देने तक सीमित कर दिया गया है और ज्ञापन देने वाले जनप्रतिनिधियों की संख्या और पद भी तय कर दिए गए हैं. केवल पार्टी के प्रमुख नेता ज्ञापन तक ही इस कार्यक्रम को सीमित रखेंगे.
8 व 10 सितंबर ये नेता देंगे ज्ञापन
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा के अनुसार कोरोना की विस्फोटक स्थिति को देखते हुए इन कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं की संख्या सीमित की गई है. शर्मा ने बताया कि 8 सितंबर को उपखंड स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में अब विधायक, मंडल के अध्यक्ष, महामंत्री, नगर पालिकाओं के चेयरमैन और प्रधान शामिल रहेंगे. यदि उस मंडल में प्रदेश का कोई पदाधिकारी है तो वो भी ज्ञापन के कार्यक्रम में शामिल होगा.
इसी तरह जिला स्तर पर 10 सितंबर को होने वाले ज्ञापन कार्यक्रम में सांसद, जिले के विधायक, जिले में रहने वाले प्रदेश के पदाधिकारी, जिले का अध्यक्ष, मीडिया और आईटी संयोजक शामिल रहेगा.