जयपुर. ग्रेटर नगर निगम में समितियों पर पुनर्विचार को लेकर पार्षदों की ओर से लिखे गए संकल्प पत्र के मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (BJP District President got the responsibility) ने जिलाध्यक्ष को जिम्मेदारी सौंपी है. जो दोनों पक्षों की बात सुनकर निगम का झगड़ा (Mutual tussle in Greater Municipal Corporation) सुलझाने में जुट गए हैं. साथ ही प्रकरण में समिति अध्यक्षों से लेकर महापौर और उपमहापौर से भी वार्ता की है. हालांकि उपमहापौर इस तरह के किसी भी संकल्प पत्र की जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं.
ग्रेटर नगर निगम के बीजेपी बोर्ड में चल रही उठापटक के बीच समितियों पर पुनर्विचार करने का प्रस्ताव किसने और किसके कहने पर बनाया. ये निगम के साथ-साथ बीजेपी मुख्यालय में भी चर्चा का विषय बना हुआ है. इस संबंध में बीजेपी पदाधिकारी महापौर, उपमहापौर और समिति अध्यक्षों, यहां तक कि उन पार्षदों से भी पूछताछ कर रहे हैं. जिनके हस्ताक्षर संकल्प पत्र (Councilors wrote resolution letters)में है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर जिला अध्यक्ष राघव शर्मा इस पूरे प्रकरण की छानबीन में जुटे हुए हैं.
इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि जिला अध्यक्ष को कहा गया है कि बाकी लोगों से बातचीत करके कोई समाधान निकालें. उन्होंने ग्रेटर नगर निगम के बोर्ड को लेकर कहा कि कुछ तो पॉलिटिकल गॉसिप होती है और कुछ सुनी (BJP district president will resolve the dispute) सुनाई बातें होती हैं. लेकिन पार्टी का अपना एक बड़ा वजूद है, ऐसे में सक्षम लोगों को निर्देशित किया गया है, वो बैठकर इसका समाधान करेंगे.
उधर, उपमहापौर ने ऐसे किसी भी संकल्प पत्र की जानकारी नहीं होने की बात कही. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में संकल्प पत्रों के माध्यम से न तो किसी को बनाया जाता है और न ही हटाया जाता है. जहां तक उनकी जानकारी है म्युनिसिपल एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि बोर्ड ने जिन समितियों के चेयरमैन को निर्वाचित किया है. उसे किसी तरह से भंग किया जा सकता हो. उपमहापौर ने कहा कि वो नहीं समझते कि फिलहाल संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं.
निगम में सभी समितियां बहुत बेहतर काम कर रही हैं. सफाई समिति हो या विद्युत समिति सभी अपने-अपने क्षेत्र में बहुत सराहनीय काम कर रही हैं. इसमें कोई संशोधन की आवश्यकता नहीं है. आवश्यकता इस बात की है कि आपस में बेहतर सामंजस्य बने और बेहतर सामंजस्य के साथ जयपुर की जनता ने जो भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दिया है. उसके अनुरूप काम कर सकें. आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी पदाधिकारी फिलहाल ग्रेटर निगम के बोर्ड में चल रही इस आपसी खींचतान से परेशान हैं. चूंकि 18 अप्रैल को बोर्ड की साधारण सभा की बैठक होनी है. ऐसे में कोशिश यही है कि इससे पहले ये मामला सुलट जाए अन्यथा बोर्ड बैठक में ये चिंगारी आग में तब्दील हो सकती है.