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भाजपा बोली- अल्पमत में है गहलोत सरकार, लागू हो राष्ट्रपति शासन - Rajasthan Hindi news

राजस्थान में चल रहे सियासी उठापटक के बीच भाजपा की ओर से प्रदेश (Political crisis in Rajasthan) में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई है. इसको लेकर भाजपा के कई नेता ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस अल्पमत की सरकार है, इस हिसाब से राष्ट्रपति शासन लागू हो जाना चाहिए.

राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग
राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग
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Published : Sep 25, 2022, 11:42 PM IST

Updated : Sep 26, 2022, 3:47 PM IST

जयपुर. प्रदेश कांग्रेस में नए मुख्यमंत्री के नाम तय करने को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच (BJP Demands President rule in Rajasthan) भाजपा ने मौजूदा गहलोत सरकार को अल्पमत में बता कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है. गुलाबचंद कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने रविवार देर रात यह मांग की है.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कांग्रेस में चल रहे इस घटनाक्रम (Political crisis in Rajasthan) को मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई बताया. कटारिया ने कहा कि कांग्रेस विधायकों की खींचतान पर हम नजरें जमाए हुए हैं और कांग्रस जब पूरी तरह से टूटेगी तो फिर इस घटनाक्रम में हमारी भी एंट्री हो सकती है. कटारिया के अनुसार जब गहलोत समर्थित विधायकों ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है, तब यह साफ हो चुका है कि प्रदेश की सरकार अल्पमत में आ चुकी है. ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाना चाहिए.

पढ़ें. गहलोत खेमे की बगावत: स्पीकर को सौंपा इस्तीफा, नहीं हो पाई विधायक दल की बैठक

इस्तीफे का नाटक करें बंद: उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी ट्वीट कर कहा कि (Rajendra Rathode on Rajasthan Political crisis) जिनके इशारे पर त्यागपत्र देने का खेल चल रहा है, उसे जनता भली-भांती जानती है. उन्होंने लिखा कि इस्तीफे का खेल कर समय जाया न करें. अगर इस्तीफा देना ही है तो मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर विधानसभा भंग का प्रस्ताव राज्यपाल महोदय को तत्काल भेजें. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में मौजूदा राजनीतिक हालात राष्ट्रपति शासन की ओर इशारा कर रही है.

राठौड़ ने लिखा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी आप नाटक क्यों कर रहे हो. मंत्रिमंडल के इस्तीफे के बाद अब देरी कैसी आप भी इस्तीफा दे दीजिए. राठौड़ ने इसके अलावा भी अलग-अलग ट्वीट कर कांग्रेस में चल रही इस जंग को अंतर्द्वंद का संघर्ष बताया. कांग्रेस को कौरवों की ए और बी टीम बताकर आमने-सामने होना बताया और यह भी लिखा कि जादूगर की जादूगरी में सिर फुटौवल चरम पर है.

पढ़ें. राजस्थान कांग्रेस में खींचतान के बीच भाजपा ने की मध्यावधि चुनाव करवाने की मांग, देवनानी ने कही ये बात...

पूनिया ने कहा रुझान आना प्रारंभ, जय भाजपा-तय भाजपा : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया (Poonia tweet on Rajasthan Political crisis) ने भी मौजूदा घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कई ट्वीट किए. पूनिया ने लिखा कि रुझान आना प्रारंभ हो चुके हैं, जय भाजपा-तय भाजपा. वहीं एक अन्य ट्वीट में पूनिया ने लिखा कि इतनी अनिश्चितता तो भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच में भी नहीं है, जितनी राजस्थान की कांग्रेस पार्टी में नेता को लेकर है. विधायकों की बैठके अलग-अलग चल रही हैं. इस्तीफों का सियासी पाखंड चल रहा है, यह क्या राज चलाएंगे? कहां ले जाएंगे यह राजस्थान को, अब तो भगवान ही बचाए राजस्थान को.

वहीं, सोमवार को सतीश पूनिया दोपहर में आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर में पहुंचे थे. राजस्थान में कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस की अंतरकलह राजस्थान से कांग्रेस की विदाई का लक्षण है. राजस्थान की जनता को जितनी जल्दी निजात मिल जाए, उतना ही बेहतर होगा. कांग्रेस का आलाकमान कमजोर हो चुका है. जो सरकार और पार्टी कमजोर होती है, वह किसी प्रदेश का भला नहीं कर सकती.

गहलोत की राजस्थान में कांग्रेस तोड़ो शोभायात्रा : वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता वासुदेव देवनानी ने इस घटनाक्रम पर ट्वीट करते हुए लिखा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर गहलोत की राजस्थान में कांग्रेस तोड़ो शोभा यात्रा शुरू हो चुकी है. प्रदेश नेतृत्व और केंद्रीय नेतृत्व से कांग्रेस विधायकों की बगावत भारत जोड़ो यात्रा का प्रभावी असर राजस्थान में दिख रहा है.

जयपुर. प्रदेश कांग्रेस में नए मुख्यमंत्री के नाम तय करने को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच (BJP Demands President rule in Rajasthan) भाजपा ने मौजूदा गहलोत सरकार को अल्पमत में बता कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है. गुलाबचंद कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने रविवार देर रात यह मांग की है.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कांग्रेस में चल रहे इस घटनाक्रम (Political crisis in Rajasthan) को मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई बताया. कटारिया ने कहा कि कांग्रेस विधायकों की खींचतान पर हम नजरें जमाए हुए हैं और कांग्रस जब पूरी तरह से टूटेगी तो फिर इस घटनाक्रम में हमारी भी एंट्री हो सकती है. कटारिया के अनुसार जब गहलोत समर्थित विधायकों ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है, तब यह साफ हो चुका है कि प्रदेश की सरकार अल्पमत में आ चुकी है. ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाना चाहिए.

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इस्तीफे का नाटक करें बंद: उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी ट्वीट कर कहा कि (Rajendra Rathode on Rajasthan Political crisis) जिनके इशारे पर त्यागपत्र देने का खेल चल रहा है, उसे जनता भली-भांती जानती है. उन्होंने लिखा कि इस्तीफे का खेल कर समय जाया न करें. अगर इस्तीफा देना ही है तो मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर विधानसभा भंग का प्रस्ताव राज्यपाल महोदय को तत्काल भेजें. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में मौजूदा राजनीतिक हालात राष्ट्रपति शासन की ओर इशारा कर रही है.

राठौड़ ने लिखा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी आप नाटक क्यों कर रहे हो. मंत्रिमंडल के इस्तीफे के बाद अब देरी कैसी आप भी इस्तीफा दे दीजिए. राठौड़ ने इसके अलावा भी अलग-अलग ट्वीट कर कांग्रेस में चल रही इस जंग को अंतर्द्वंद का संघर्ष बताया. कांग्रेस को कौरवों की ए और बी टीम बताकर आमने-सामने होना बताया और यह भी लिखा कि जादूगर की जादूगरी में सिर फुटौवल चरम पर है.

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पूनिया ने कहा रुझान आना प्रारंभ, जय भाजपा-तय भाजपा : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया (Poonia tweet on Rajasthan Political crisis) ने भी मौजूदा घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कई ट्वीट किए. पूनिया ने लिखा कि रुझान आना प्रारंभ हो चुके हैं, जय भाजपा-तय भाजपा. वहीं एक अन्य ट्वीट में पूनिया ने लिखा कि इतनी अनिश्चितता तो भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच में भी नहीं है, जितनी राजस्थान की कांग्रेस पार्टी में नेता को लेकर है. विधायकों की बैठके अलग-अलग चल रही हैं. इस्तीफों का सियासी पाखंड चल रहा है, यह क्या राज चलाएंगे? कहां ले जाएंगे यह राजस्थान को, अब तो भगवान ही बचाए राजस्थान को.

वहीं, सोमवार को सतीश पूनिया दोपहर में आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर में पहुंचे थे. राजस्थान में कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस की अंतरकलह राजस्थान से कांग्रेस की विदाई का लक्षण है. राजस्थान की जनता को जितनी जल्दी निजात मिल जाए, उतना ही बेहतर होगा. कांग्रेस का आलाकमान कमजोर हो चुका है. जो सरकार और पार्टी कमजोर होती है, वह किसी प्रदेश का भला नहीं कर सकती.

गहलोत की राजस्थान में कांग्रेस तोड़ो शोभायात्रा : वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता वासुदेव देवनानी ने इस घटनाक्रम पर ट्वीट करते हुए लिखा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर गहलोत की राजस्थान में कांग्रेस तोड़ो शोभा यात्रा शुरू हो चुकी है. प्रदेश नेतृत्व और केंद्रीय नेतृत्व से कांग्रेस विधायकों की बगावत भारत जोड़ो यात्रा का प्रभावी असर राजस्थान में दिख रहा है.

Last Updated : Sep 26, 2022, 3:47 PM IST
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